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Maharashtra: संजय राउत की फिर बढ़ने वाली है मुसीबतें, कोविड सेंटर स्कैम मामले में दो करीबी गिरफ्तार, ईडी की कार्रवाई

Maharashtra News:कोविड सेंटर स्कैम मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है। जिन दो लोगों को अरेस्ट किया गया है, वे शिवसेना सांसद राउत के करीबी बताए जाते हैं।

Krishna Chaudhary
Published on: 20 July 2023 7:50 AM GMT (Updated on: 20 July 2023 8:43 AM GMT)
Maharashtra: संजय राउत की फिर बढ़ने वाली है मुसीबतें, कोविड सेंटर स्कैम मामले में दो करीबी गिरफ्तार, ईडी की कार्रवाई
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sanjay raut (photo: social media )

Maharashtra: शिवसेना उद्धव गुट के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ने वाली हैं। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने बीएमसी कोविड सेंटर स्कैम मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है। जिन दो लोगों को अरेस्ट किया गया है, वे शिवसेना सांसद राउत के करीबी बताए जाते हैं।

जिन लोगों की गिरफ्तारी हुई है, वो हैं सुजीत पाटकर और किशोर बिसुरे। पाटकर को राउत का दोस्त बताया जाता है, जबकि बिसुरे उनके करीबे माने जाते हैं। महाराष्ट्र में ईडी एकबार फिर ऐसे समय में एक्टिव हुई है, जब राज्य में विधानसभा का सत्र और संसद का मानसून सत्र शुरू हो गया है। राउत पहले भी ईडी के मामले में जेल की हवा खा चुके हैं।

क्या है कोविड सेंटर स्कैम ?

कोविड सेंटर स्कैम 2020 का मामला है, जब कोरोना महामारी की पहली लहर आई थी। उस दौरान महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाविकास अघाड़ी की सरकार चल रही थी। कोरोना काल में मुंबई में बीएमसी द्वारा कई जगहों पर जंबो कोविड सेंटर बनाए गए थे। आरोप है कि इसमें जमकर फर्जीवाड़ा किया गया। अयोग्य लोगों को कोविड सेंटर बनाने का ठेका दिया गया, जिनका मेडिकल क्षेत्र में काम करने का कोई अनुभव नहीं था। जिनती भी कंपनियों को ठेका दिया गया, उनमें से कोई भी कंपनी अनुभवी नहीं थी। नगर निगम के कई नियमों को ताक पर रखकर इन्हें ठेके दिए गए।

संजय राउत के करीबी सुजीत पाटकर के मालिकाना हक वाले लाइफलाइन अस्पताल पर भी जमकर धांधली का आरोप है। इस अस्पताल को भी जंबो कोविड सेंटर बनाने का ठेका मिला था। आरोप है कि अस्पताल ने बीएमसी को दिए बिल में दिखाए गए डॉक्टरों की तुलना में 60-65 प्रतिशत कम डॉक्टर और मेडिकल स्टॉफ उपलब्ध कराए थे। कंपनी ने बिल में जिन ड़क्टरों के बारे में बताया था वास्तव में उन्होंने कभी काम ही नहीं किया था।

बीजेपी नेता किरीट सौमेया ने इसका खुलासा करते हुए 100 करोड़ के घोटाले का दावा किया था। शुरू में इसकी जांच मुंबई पुलिस कर रही थी लेकिन मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सामने आने के बाद केस प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के पास चला गया।

Krishna Chaudhary

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