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अमेरिका-ईरान के तनाव से टेंशन में भारत, पेट्रोलियम मंत्री ने दिया बड़ा बयान

सुलेमानी की मौत के बाद ईरान और अमेरिका के बीच युद्ध की स्थिति हो गई है। इस तनाव का असर दुनिया के कई देशों पर पड़ सकता है। ऐसे में कच्चे तेल की सप्लाई को लेकर भारत की चिंता बढ़ गई है।

suman
Published on: 5 Jan 2020 3:09 PM GMT
अमेरिका-ईरान के तनाव से टेंशन में भारत, पेट्रोलियम मंत्री ने दिया बड़ा बयान
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नई दिल्ली: सुलेमानी की मौत के बाद ईरान और अमेरिका के बीच युद्ध की स्थिति हो गई है। इस तनाव का असर दुनिया के कई देशों पर पड़ सकता है। ऐसे में कच्चे तेल की सप्लाई को लेकर भारत की चिंता बढ़ गई है। शुक्रवार को भारत में वित्त मंत्रालय और पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अधिकारियों के बीच बैठक हुई और इसमें हालात का जायजा लिया गया। इसको लेकर केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि दुनिया में तेल उत्पादक क्षेत्रों में तनाव भारत को प्रभावित करता है।

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देश में तेल उत्पादन बढ़ाने और वैकल्पिक ऊर्जा समाधान खोजने की दिशा में हम काम कर रहे हैं। उनका कहना है कि चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि कुवैत, यूएई और सऊदी अरब में स्थिति शांतिपूर्ण है। ईरान और अमेरिका में युद्ध की बनती स्थिति के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड आयल के बढ़े दाम के सवाल के जवाब में धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि इससे निजात पाने के लिए हमारे देश में निजी उत्पादन बढ़े, खाड़ी देशों के अलावा अन्य देशों से भी हम कच्चे तेलों को लाएं और ऊर्जा के अन्य विकल्प की ओर जाएं इस पर भी काम कर रहे हैं। कुछ चीजें लॉन्ग मिड और शॉर्ट टर्म की होती हैं, लेकिन आज चिंता बनी हुई है कि विश्व में तनाव ना बढ़े।

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धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि आज के समय है जब तेल उत्पादन इलाकों में तनाव पैदा होता है तो इसका सीधा प्रभाव भारत के बाजार पर भी पड़ता है। इसलिए भारत चाहेगा कि विश्व में तनाव ना बढ़े और उत्तेजना ना हो ।लगभग एक करोड़ भारतीयों का खाड़ी देशों में फंसे होने के सवाल के जवाब में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि इतना घबराने की जरूरत नहीं है सऊदी अरब कुवैत यूएई में शांति है।

ननकाना साहब पर हमले को लेकर सोनिया गांधी का यह कहना कि भारत को पाकिस्तान पर दबाव बनाना चाहिए। इस बयान का जिक्र कर जब धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अब तक कहां चुप थे। पिछले 15 दिनों से जिस तरह का गैर जिम्मेदाराना रवैया उन्होंने अपनाया है, इसका जवाब उनको देना चाहिए कि वह पाकिस्तान के साथ खड़े हैं कि भारत के साथ।

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बता दें कि अमेरिकी हमले में ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत के बाद पूरे मध्य पूर्व में जंग के बादल मंडरा रहे हैं। ईरान ने बदले की कार्रवाई करते हुए दो अमेरिकी ठिकानों पर रॉकेट दागे, तो ट्रंप ने कहा है कि ईरान में 52 ठिकाने उनके निशाने पर हैं जिन्हें वे बर्बाद कर सकते हैं। जंग की इस तनातनी के बीच यूरोपीय संघ ने अमन और शांति बहाली की अपील की है।

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