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2000 Currency Note: "2000 रुपए का नोट लाने के पक्ष में नहीं थे मोदी", जानें क्या थी वजह जो पीएम को लेना पड़ा ये फैसला

2000 Currency Note: प्रधानमंत्री के पूर्व सचिव नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने कभी 2000 रुपए के गरीबों का नोट नहीं माना। इसीलिए वह 2000 रुपए का नोट छापने के पक्ष में नहीं थे लेकिन बाद जब उन्हें बताया गया कि 2000 रुपए के नोट कुछ समय के लिए ही छापे जा रहे हैं तो तो उन्होंने इसकी अनुमति दे दी।

Hariom Dwivedi
Published on: 22 May 2023 8:08 PM GMT
2000 Currency Note: 2000 रुपए का नोट लाने के पक्ष में नहीं थे मोदी, जानें क्या थी वजह जो पीएम को लेना पड़ा ये फैसला
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फाइल फोटो- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (साभार- सोशल मीडिया)

2000 Currency Note:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2016 में जब 1000 रुपए के नोट बंद कर 2000 रुपए का छापने का ऐलान किया था तो उनका यह फैसला किसी के गले नहीं उतरा था। "खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 2000 रुपए की नोट छापने के पक्ष में नहीं थे। उनका कहना था कि अगर हम 1000 रुपये के नोट बंद कर रहे हैं और उसके स्थान पर 2000 रुपये के नोट ला रहे हैं, तो लोग कैसे समझेंगे कि ये कालेधन को कम करने या उसे समाप्त करने का प्रयास है। क्योंकि लोगों को बड़े नोट की जमाखोरी करने में आसानी होगी।" यह कहना है प्रधानमंत्री के पूर्व सचिव नृपेंद्र मिश्रा का।

नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कभी 2000 रुपए के गरीबों का नोट नहीं माना। वह जानते थे कि 2000 के नोट से जमाखोरी और बढ़ जाएगी। इसीलिए वह 2000 रुपए का नोट छापने के पक्ष में नहीं थे लेकिन बाद जब उन्हें बताया गया कि 2000 रुपए के नोट कुछ समय के लिए ही छापे जा रहे हैं तो तो उन्होंने इसकी अनुमति दे दी। नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि जब वह पीएम कार्यालय में प्रधान सचिव के पद थे, तब नोटबंदी का फैसला लिया गया था।

क्यों जरूरी हो गया था 2000 के नोट छापना

नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि डिमोनेटाइजेशन में एक निर्धारित तिथ पर पुराने नोट समाप्त कर दिये जाते हैं और एक समयसीमा में उन नोटों को बदलने की व्यवस्था होती है। उस वक्त 500 और 1000 के नोट बंद किये जाने थे और उनकी जगह पर नये नोट लाने थे। मतलब जितने नोट बंद होते, आरबीआई को उतने ही नये नोट छापने पड़ते। नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि उस वक्त आरबीआई के पास उतनी क्षमता नहीं थी कि पुराने नोटों के बराबर नये नोट छापे। इसीलिए विकल्प के तौर पर नये नोट जारी किये गये। उनका कहना है कि 2000 रुपए छापने के लिए 500-500 के चार नोट छापने पड़ते जबकि सिर्फ एक नोट की छपाई से 2000 रुपए की वैल्यू को पूरा कर लिया गया।

नोटबंदी के काम में लगी टीम का था सुझाव

नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि नोटबंदी पर काम कर रही टीम का प्रस्ताव था कि अगर तय टाइम पीरियड में हमें नोटबंदी करनी है, तो हमें 2000 रुपये के नोट छापने होंगे। पीएम मोदी ऐसा नहीं करना चाहते थे, लेकिन उस वक्त 2000 रुपए के नोट छापना जरूरी हो गया था। परिस्थितियों को समझते हुए ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2000 रुपये के नोट को जारी करने की मंजूरी दी थी।

Hariom Dwivedi

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