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PM Modi: PM मोदी को दिया फिजी-पलाऊ ने देश का सर्वोच्च अवॉर्ड, प्रशांत द्वीपों को मिला भारत के समर्थन का वादा
PM Modi: यह सम्मान इस देश का सर्वोच्च सम्मान है। यह सम्मान अब तक कुछ ही गैर-फिजी लोगों को मिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को पापुआ न्यू गिनी में एक शिखर सम्मेलन में प्रशांत द्वीपों के लिए समर्थन करने का वादा किया है।
PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पापुआ न्यू गिनी में रिपब्लिक ऑफ पलाऊ और फिजी ने अपने देश के सर्वोच्च अवॉर्ड से सम्मानित किया है। पलाऊ के राष्ट्रपति सुरंगेल एस व्हिप ने पीएम मोदी को इबाकल अवार्ड से नवाजा तो वहीं फिजी ने 'कम्पेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ द फिजी' का सम्मान दिया है। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने फोरम फॉर इंडिया पैसिफिक आईलैंड को-ऑपरेशन (FIPIC) के कार्यक्रम के तहत यहां पर नेताओं से मुलाकात की। इससे पहले मोदी ने पापुआ न्यू गिनी के प्रधामंत्री और पैसिफिक देशों से भारत के संबंध बेहतर करने के लिए बनाए गए FIPIC में हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम की सह-अध्यक्षता प्रधानमंत्री मोदी ने की। शिखर सम्मेलन की बैठक खत्म होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को ही पापुआ न्यू गिनी के पोर्ट मोरेस्बी से ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना हो गए।
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पोर्ट मोरेस्बी से सीधे सिडनी के लिए रवाना मोदी
भारत के विदेश मंत्रालय प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने प्रशांत द्वीप देशों (पीआईसी) से भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (आईटीईसी) के पूर्व छात्रों के साथ बातचीत की। ये ITEC पूर्व छात्र, जिनमें सरकारी अधिकारी, पेशेवर और सामुदायिक नेता शामिल हैं। भारत में प्राप्त कौशल का उपयोग करके अपने समाज में योगदान दे रहे हैं। पीएम ने भारत को अपने दिल में रखने के लिए उनकी सराहना की और क्षेत्र में क्षमता निर्माण के प्रयासों के लिए अपना समर्थन दोहराया। उसके बाद मोदी ने पापुआ न्यू गिनी के पोर्ट मोरेस्बी से सिडनी ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना हो गए हैं। इस दौरान न्यूजीलैंड के पीएम क्रिस हिपकिंस और पीएम मोदी के बीच एक उत्कृष्ट बैठक हुई और भारत-न्यूजीलैंड संबंधों के पूर्ण उत्साह पर चर्चा हुई। मोदी ने कहा कि हमने इस बारे में बात की कि हमारे देशों के बीच वाणिज्यिक और सांस्कृतिक संबंधों को कैसे बेहतर बनाया जाए।
मोदी ने प्रशांत द्वीपों किया समर्थन करने का वादा
इस मौके पर पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारेप ने कहा कि भारत ग्लोबल साउथ विकासशील और गरीब देशों का नेता है। उन्होंने कहा कि हम सभी लोग विकसित देशों के पॉवर प्ले का शिकार हुए हैं और हैं। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को पापुआ न्यू गिनी में एक शिखर सम्मेलन में प्रशांत द्वीपों के लिए समर्थन करने का वादा किया है। अमेरिकी विदेश मंत्री भी प्रशांत नेताओं से मिलने और पापुआ न्यू गिनी के साथ एक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर करने वाल थे।
इतिहासकारों ने कहा है कि पीएनजी और सोलोमन द्वीप जिसने पिछले साल बीजिंग के साथ एक सुरक्षा समझौता किया था - द्वितीय विश्व युद्ध में फिलीपींस को मुक्त करने के लिए प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी ड्राइव के लिए आवश्यक थे। प्रशांत द्वीप समूह के नेताओं ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्र का बढ़ता स्तर उनकी सबसे महत्वपूर्ण सुरक्षा प्राथमिकता है।
भारत छोटे द्धीप के विकास के लिए प्रतिबद्ध
मोदी ने फोरम फॉर इंडिया-पैसिफिक आइलैंड्स कोऑपरेशन के 14 नेताओं से कहा कि भारत छोटे द्वीप राज्यों के लिए एक विश्वसनीय विकास भागीदार होगा और "स्वतंत्र, खुले और समावेशी इंडो पैसिफिक" के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि बिना किसी संदेह के हम डिजिटल प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण में अपनी क्षमताओं और अनुभवों को साझा करने के इच्छुक हैं।
मोदी ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान और भारत के क्वाड नेताओं ने प्रशांत द्वीप देशों के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए हिरोशिमा में सहमति व्यक्त की थी।
छोटे द्वीप के बार में भारत सोचे
पीएनजी के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे ने अपनी शुरुआती टिप्पणी में भारत से छोटे द्वीप राज्यों के बारे में सोचने का आग्रह किया, जो बड़े राष्ट्रों के खेल के परिणाम के रूप में पीड़ित हैं। मारपे ने कहा कि उदाहरण के लिए यूक्रेन के साथ रूस के युद्ध से क्षेत्र की छोटी अर्थव्यवस्थाओं में मुद्रास्फीति और उच्च ईंधन और बिजली की कीमतें बढ़ी हैं।
मोदी से मिले सोलोमन द्वीप के नेता
मोदी ने सोलोमन द्वीप समूह के नेता मनश्शे सोगावारे के साथ द्विपक्षीय बैठक की। जिनके चीन के साथ सुरक्षा समझौते ने इस क्षेत्र में बीजिंग के इरादों पर वाशिंगटन से चिंता व्यक्त की। उम्मीद है कि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन यूएस और पीएनजी के बीच एक रक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे और दोपहर में एक प्रशांत द्वीप समूह के नेताओं की बैठक भी करेंगे।
इस पर पीएनजी सरकार ने कहा कि अमेरिकी रक्षा समझौता एक मौजूदा समझौते का विस्तार था, जो दशकों की उपेक्षा के बाद पीएनजी के रक्षा बुनियादी ढांचे और क्षमता को बढ़ावा देगा। मारापे ने रविवार को मीडिया को बताया कि रक्षा समझौते से अगले दशक में अमेरिकी सैन्य उपस्थिति में भी वृद्धि होगी।
उधर, अमेरिका के विदेश विभाग ने कहा कि वाशिंगटन पीएनजी रक्षा बल के लिए सुरक्षात्मक उपकरण, जलवायु परिवर्तन शमन और अंतरराष्ट्रीय अपराध और एचआईवी और एड्स से निपटने सहित आर्थिक और सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए पीएनजी के साथ भागीदारी के रूप में नए फंड में 45 मिलियन डॉलर प्रदान करेगा। ब्लिंकेन ने एक हेल्थकेयर क्लिनिक का दौरा किया जहां एचआईवी/एड्स से निपटने के लिए अमेरिकी फंडिंग परीक्षण को बढ़ावा देने और एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी तक पहुंच बनाने में मदद कर रही है।
भारत के लिए बड़ा सम्मान
प्रधानमंत्री कार्यालय यानी पीएमओ ने कहा कि भारत के लिए बड़ा सम्मान है। प्रधान मंत्री मोदी को उनके वैश्विक नेतृत्व की मान्यता में फिजी के पीएम: कम्पेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी द्वारा फिजी के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया गया है। अभी तक गिने-चुने गैर-फिजियों को ही यह सम्मान मिला है।