गणतंत्र दिवस को लेकर दिल्ली पुलिस ने पैरा-ग्लाइडर, हैंग ग्लाइडर, यूएवी, माइक्रोलाइट एयरक्राफ्ट, रिमोट से चलने वाले एयरक्राफ्ट, हॉट एयर बैलून, छोटे आकार के पावर्ड एयरक्राफ्ट, क्वाडकॉप्टर या पैरा जंपिंग पर 20 जनवरी से 15 फरवरी तक उड़ान भरने पर रोक लगा दिया है।
हर जनप्रतिनिधि की प्राथमिकता जनता की सेवा करना होनी चाहिए। इसके लिए विधायक निधि की जरूरत होती है। विधायक निधि से क्षेत्र की जनता के विकास कार्य होते हैं। विपक्ष की सरकार है फिर भी जनहित के कार्य कराते हैं। हमारे क्षेत्र की मुख्य समस्या आवारा जानवरों की है जो किसानों की फसल ओर किसानों को काफी नुकसान पहुचा रहे हैं।
दलबदल के सवाल पर वह कहते हैं कि राजनीति गंदी है, कुछ नेता मज़बूरी में दल बदलते है। राजनीतिक दलों में आंतरिक लोकतंत्र होना चाहिए अपनी बात रखने की आजादी होनी चाहिए।
विधायक कहते हैं कि क्षेत्र की समस्या है तहसील बनवाने की क्योंकि एक तहसील में 300 गांव होते हैं जबकि तहसील धामपुर में 936 गांव हैं। अतः एक नई तहसील का निर्माण कराना। जिमकार्बेट पार्क कालागढ़ टुरिज्म बनाना जिससे वहां पर जो विदेशी चिड़िया आती हैं लोग उनको देख सकें।
विधायक के तौर पर क्षेत्र में आईटीआई, जीजीआईसी संस्थाओं का निर्माण कराया एवं बिजली की समस्या निवारण हेतु बिजली घर का निर्माण कराया तथा मेरठ बिजनौर को जोड़ने वाले पुल का भी कार्य कराया और छोटे बड़े अनेक पुल बनवाये।
विधायक ने कहा विधायक निधि का सही इस्तेमाल करे तो मददगार है। निधि नहीं होगी तो हम समस्या हल नहीं कर पायेंगे। विधायक निधि 2.5 करोड़ से बढ़ाकर 8 से 9 करोड़ कर देनी चाहिए जिससे क्षेत्र का ओर विकास कराया जा सके।
आज इसी का परिणाम है कि विभिन्न कौशल संस्थानों में प्रशिक्षण ले रहे युवाओं ने अपने सामर्थ्य एवं कुशलता का परिचय देते हुए नवाचार के क्षेत्र में अनेक नए प्रयोग किए हैं
अहमदाबाद के दैनिक ''गुजरात समाचार'' के सहसंपादक के पद से जीवन प्रारंभ कर वे बुलन्दियों तक पहुंचे। यदि कुटिल तेलुगुभाषी नियोगी विप्र नरसिम्हा राव छल न करते, तो अन्तिम शेष तीन दशक उनके सियासी वनवास में न गुजरते।
पिछली सदी में एक साहित्यसेवी हुये थे। नाम था ''कान्त''। कुशवाहा कान्त। पाठक उनके असंख्य थे। सभी उम्र के। गत माह (9 दिसम्बर) उनकी 102वीं जयंती पड़ी थी। विस्मृत रही। अगले माह (29 फरवरी) उनकी जघन्य हत्या की सत्तरवीं बरसी होगी। भरी जवानी में वे चन्द प्रतिद्वंदियों की इर्ष्या के शिकार हुये थे
आजकल देश के दो महत्वपूर्ण औद्योगिक घरानों के पीछे अकारण कुछ विक्षिप्त सोशल मीडिया नकारात्मक तत्व पड़े ही रहते हैं। आप समझ रहे होंगे कि बात रिलायंस और अडानी समूहों की हो रही है।
ट्रम्प अपनी लड़ाई यह मानते हुए जारी रखना चाहते हैं कि उनकी हार नहीं हुई है बल्कि उनकी जीत पर डाका डाला गया है।मुसीबतों के दौरान ख़ुफ़िया बंकरों में पनाह लेने वाले तानाशाह अपनी पराजय को अंत तक स्वीकार नहीं करते हैं।