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World Menopause Day: महिलाओं के लिए चुप्पी तोड़ने का एक खास दिन, आगे बढ़ें बात करें
World Menopause Day: यह दिन रजोनिवृत्ति और महिलाओं के स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार के लिए उपलब्ध सहायता विकल्पों के बारे में जागरूकता बढ़ाने का अवसर प्रयास करता है।
World Menopause Day: रजोनिवृत्ति यानी माहवारी के चक्र का समापन अधिकांश महिलाओं को उनके जीवन के किसी न किसी चरण में प्रभावित करता है। लेकिन इसे अपनी उर्वरता क्षमता के समापन या सेक्स लाइफ का समापन मानकर महिलाएं न सिर्फ आतंकित होती हैं बल्कि तनाव में भी आ जाती हैं। अधिकांश महिलाएं इसे एक कलंक मान कर चलती हैं जबकि यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है और लाइफ स्टाइल के एक नये सोपान की तरफ बढ़ने का अवसर है।
विश्व रजोनिवृत्ति दिवस 2024 को मनाने का उद्देश्य महिलाओं को अपने स्वास्थ्य की जिम्मेदारी लेने के लिए आगे आने और खुद को भरोसेमंद जानकारी से लैस करने के लिए प्रोत्साहित करने का एक अवसर है। यह दिन रजोनिवृत्ति और महिलाओं के स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार के लिए उपलब्ध सहायता विकल्पों के बारे में जागरूकता बढ़ाने का अवसर प्रयास करता है। इस वर्ष की थीम 'रजोनिवृत्ति हार्मोन थेरेपी' है। पेरिमेनोपॉज़ या रजोनिवृत्ति के बारे में ऑनलाइन और सार्वजनिक क्षेत्र में बहुत सारी गलत सूचनाएँ हैं जो महिलाओं के चारों ओर एक भ्रम का ऐसा जाल बुनती हैं जो कि उन्हें एक दुष्चक्र में फंसा देती हैं। जिससे उनका तनाव और अवसाद बढ़ता है।
मेनोपाज एक शारीरिक प्रक्रिया
मेनोपाज से पहले की अवस्था को पेरी मेनोपाज कहते हैं यह वह समय है, जब महिलाओं के पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं और हार्मोन के स्तर में उतार-चढ़़ाव आना शुरू हो जाता है। भारत में, 2009-2020 की अवधि के दौरान, यह आयु 46.6 वर्ष थी, जो कुछ विकसित देशों की आयु से काफी कम है। जैसा कि बताया गया है कि मेनोपाज एक शारीरिक प्रक्रिया है जो महिलाओं के जीवन में प्रजनन चरण के अंत का संकेत देती है।
मेनोपाज की शुरुआत कई तरह के लक्षणों से जुड़ी होती है जैसे कि गर्म चमक, रात को पसीना आना, मूत्र और जननांग में परिवर्तन, डिस्पेर्यूनिया, अनिद्रा, आदि। दुनिया भर में, प्राकृतिक मेनोपाज 45 से 55 वर्ष की आयु के बीच होता है। औद्योगिक देशों में रजोनिवृत्ति के समय महिलाओं की औसत आयु लगभग 51 वर्ष है, जबकि विकासशील देशों में यह 43 से 49 वर्ष के बीच है।
भारत में प्राकृतिक रजोनिवृत्ति की औसत आयु क्षेत्र के अनुसार बदलती रहती है। पूर्वी भारत में यह 47.3 वर्ष है; पश्चिमी भारत में 46.2 वर्ष; उत्तरी भारत में 45.5 वर्ष; दक्षिणी भारत में 46.1 वर्ष; और भारत के मध्य भागों में 47.8 वर्ष। उत्तर और पूर्व, उत्तर और मध्य, पश्चिम और मध्य, और दक्षिण और मध्य भारत के बीच अलग-अलग अनुमानों के साथ प्राकृतिक रजोनिवृत्ति की औसत आयु में महत्वपूर्ण अंतर देखा गया है।
चिकित्सकीय उपचार हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी
मेनोपाज हार्मोन थेरेपी (एमएचटी) या हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (एचआरटी) एक चिकित्सकीय उपचार है जिसका इस्तेमाल रजोनिवृत्ति के लक्षणों को कम करने के लिए किया जाता है जैसे हॉट फ़्लैश, रात में पसीना आना, योनि का सूखापन, दर्दनाक संभोग, मनोदशा में बदलाव, अनिद्रा और पेशाब का रिसाव रोकने के लिए।
एमएचटी में एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन, और कभी-कभी टेस्टोस्टेरोन जैसे हार्मोन शामिल होते हैं। यह अलग-अलग खुराक और रूपों में उपलब्ध है, जैसे कि गोलियां, पैच, जैल, योनि क्रीम, और अंतर्गर्भाशयी उपकरण (आईयूडी) आदि के रूप में। एमएचटी के फ़ायदे और जोखिम दोनों हैं। एमएचटी लेने से पहले, अपने डॉक्टर से बात करना ज़रूरी है। एमएचटी लेने से जुड़े कुछ जोखिम ये हैं: गर्भावस्था की संभावना होना, योनि से रक्तस्राव होना, कुछ खास तरह के कैंसर होना, स्ट्रोक या दिल का दौरा पड़ना, खून का थक्का जमना आदि। इसलिए किसी भी उपचार में जाने से पहले डाक्टर से बात जरूर करें। अपनी समस्या को न तो छिपाएं और न ही इग्नोर करें।