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UP Politics : ' खुद कहें तो संस्कार, मैं कहूं तो नारी अपमान', विवाद बढ़ने के बाद मंत्री दिनेश प्रताप सिंह की सफाई
UP Politics : कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी को लेकर दिए बयान पर विवाद बढ़ने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने सफाई दी।
UP Politics : कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी को लेकर दिए बयान पर विवाद बढ़ने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने शुक्रवार को सफाई दी। उन्होंने कहा कि वह खुद कहें तो यह संस्कार है और मैं कहूं तो नारी अपमान है। उन्होंने कहा कि मुझे कम से कम गांधी परिवार से भारतीय संस्कार और संस्कृति सीखने की जरूरत नहीं है। बता दें कि मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने प्रियंका गांधी पर तंज कसते हुए कहा था कि अन्ततः लड़की लड़ नहीं पाई और भाग ही गई वहां जहां लड़ना न पड़े। बूढ़ी जो हो गई। इस बयान के बाद कांग्रेस नेता भड़क गए। कांग्रेस नेता अनिल यादव ने उनके लखनऊ आवास पर पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया और नाम पटि्टका पर कालिख पोत दी, मुख्य द्वार पर 'चोर और बेईमान' लिख दिया था।
योगी सरकार के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह शुक्रवार को राजधानी लखनऊ के गौतमपल्ली स्थित अपने सरकारी आवास पर पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि प्रचीन वेदों और शास्त्रों में जीवन को सौ वर्ष मानकर इसे चार आश्रमों में बांटा गया है, किन्तु कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी अपनी आयु पचास वर्ष पूर्ण करने के बाद भी अपने को लड़की कहती है और सार्वजनिक मंचों से स्वयं अपने को बुजर्ग कहती हैं तो यह संस्कार की श्रेणी में आता है और यदि मैं बूढ़ी कहूं तो यह नारी का अपमान कहा जाएगा। लेकिन, महारानी के सम्मान में उनको कलमा पढ़ना मजबूरी है। उन्होंने कहा कि मुझे कम से कम गांधी परिवार से भारतीय संस्कार और संस्कृति सीखने की जरूरत नहीं है।
ये मेरा निजी विचार
दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि भारतीय संस्कार से युक्त हर नारी मेरे लिए मां भगवती के समान है, लेकिन मैं प्रियंका गांधी को उनके जीवन शैली, आचरण, व्यवहार, खान-पान आदि कहीं से भी भारतीय संस्कार और संस्कृति के अनुरूप नहीं पाता हूं, इसलिये किसी से सहमत होना और असहमत होना ये हमारा निजी विचार और अधिकार है।
उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी हार के भय से ही रायबरेली से चुनाव नहीं लड़ीं हैं। वह वायनाड से ही क्यों चुनाव लडने जा रही हैं? ये किसके प्रति मोह और किसके प्रति विरोध है, जो उन्हें वायनाड ले जा रहा है। यह सबकुछ शीशे की तरह स्पष्ट है, इसलिए सवाल तो होगा ही। उन्होंने कहा कि हमारी यहां परंपरा है, हर कोई चुनाव की शुरुआत अपने घर से करता हैं, लेकिन गाँधी परिवार का एक भी व्यक्ति कभी अपने जन्म स्थान, निवास स्थान से चुनाव नहीं लड़ा है।
उन्होंने कहा कि जैसे- गाँधी परिवार ने दिल्ली के लुटियंस जोन में अपनी पीढ़ियां गुजारीं, लेकिन किसी ने दिल्ली की लोकसभाओं / विधानसभाओं से कभी चुनाव नहीं लड़ा, जबकि प्रियंका गांधी दिल्ली में ही रहती हैं। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में उनकी ससुराल है और इटली में उनका ननिहाल है। वह रायबरेली और अमेठी में सामाजिक कार्य करती आ रही हैं। इनमें से किसी जगह से चुनाव नहीं लड़ना, क्या सवाल नहीं उठेगा। इस पर सवाल पूछा जाएगा और उन्हें जवाब देना चाहिए।
कांग्रेस पर किया प्रहार
उन्होंने कांग्रेस पर करारा प्रहार किया और कहा कि कांग्रेस पार्टी आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी है और चोरी में लिप्त है। चोरी करके देश और विदेश में न जाने कितनी सम्पत्ति बनाई है, इनके विरूद्ध देश के थानों और न्यायालयों में विवेचनाधीन और विचाराधीन मुकदमे इस बात के साक्षी हैं। उन्होंने कहा कि इनको समझने में देश को ज्यादा वक्त लग गया, इसीलिए हमसे बाद स्वतंत्र हुए देश आगे निकल गए हैं। इनकी नीतियों के कारण ही हमारा सामाजिक ताना-बाना आज अस्थिर है। इसी ताने-बाने को भारतीय संस्कृति के अनुरूप बनाने के लिए देश के प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और मुख्यमंत्री निष्ठा के साथ हर प्रयत्न कर रहे हैं।
उन्होंने गांधी परिवार को नकली बताते हुए पलायनवादी और और परजीवी कहा है। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी को जब तक अमेठी और रायबरेली से खाद्य रसद मिलती रही, तब तक अमेठी और रायबरेली की रहीं, जब देखा कि अब हार जाएंगी तो राजस्थान पलायन कर गईं। इसी तरह राहुल गांधी पहले अमेठी छोड़कर वायनाड और फिर वायनाड छोड़कर रायबरेली और अब प्रियंका गांधी घर, ससुराल, ननिहाल, रायबरेली, अमेठी छोड़कर वायनाड पलायन कर रहीं हैं। इसी तरह हारने के बाद इन्दिरा गांधी भी रायबरेली छोड़कर मेढक (आन्ध्र प्रदेश) चई गईं थी, तो सवाल उठेगा ही।
अहंकार में न रहे कांग्रेस
उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता अहंकार में न रहें, राहुल गांधी को रायबरेली से जो जीत मिली है, वह उनकी बदौलत नहीं, बल्कि अस्थायी सपा के सहयोगी के कारण मिली है। उन्होंने बताया कि विधानसभा चुनाव - 2022 में रायबरेली पांचों विधानसभा में सपा को लगभग 3,99,000 वोट मिले था, यदि लोकसभा चुनाव 2024 में राहुल गांधी को मिले कुल मतों से सपा के वोट (3,99,000) हटा दिया जाए तो उन्हें मुझसे भी कम मत मिले। उन्होंने एक बार फिर राहुल गांधी को चुनौती देते हुए कहा कि सभी नकली गांधियों को रायबरेली आमन्त्रित करता हूँ, जब मन करें सिर्फ कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी के रूप में मुझसे चुनाव लड़ लें, तीन लाख वोट अगर पा जाएं तो राजनीति से संन्यास ले लूंगा ।
उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व के एक सिपाही के रूप में राहुल गांधी से चुनाव लड़ा हूं, जिसने उनको नानी की याद दिला दी है। राहुल गांधी, रायबरेली में चुनाव के दिन बूथ-बूथ घूम रहे थे, इसे पूरे देश ने देखा है। अन्त तक वह डरे हुए थे कि चुनाव में जीत भी रहा हूं या नहीं। उन्होंने कहा कि विपक्ष के लोगों ने जनता में नकारात्मक भ्रम पैदा किया, जिससे उत्तर प्रदेश प्रभावित हुआ।