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Dhanteras Puja Mantra in Hindi: इस बार धनतेरस का अद्भुत संयोग आपको करेगा मालामाल, इन मंत्रों के जाप से उठाये लाभ

Dhanteras Puja Mantra in Hindi: धनतेरस के दिन के इन मंत्रों का जाप करें होगा लाभ,जानिए कौन कौन से मंत्र है...

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 29 Oct 2024 8:10 AM IST (Updated on: 29 Oct 2024 8:11 AM IST)
Dhanteras Puja Mantra
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Dhanteras Puja Mantra 

Dhanteras Puja Mantra in Hindi : धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है, जो आयुर्वेद के देवता माने जाते हैं। इस दिन विशेष मंत्रों का जाप किया जाता है ताकि घर में समृद्धि, स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि बनी रहे। कुबेर धन के अधिपति यानि धन के राजा हैं। पृथ्वीलोक की समस्त धन संपदा का एकमात्र उन्हें ही स्वामी बनाया गया है। कुबेर भगवान शिव के परमप्रिय सेवक भी हैं। धन के अधिपति होने के कारण मंत्र साधना द्वारा प्रसन्न करने का विधान बताया गया है।

ऐसी मान्यता है कि इसी दिन से दीपावली की शुरुआत हो जाती है। शास्त्र के अनुसार इसी दिन भगवान धन्वंतरि सागर मंथन के दौरान हाथ में कलश लिए उत्पन्न हुए थे। धर्म के अनुसार यदि भगवान धन्वंतरि की पूजा धनतेरस के दिन श्रद्धा पूर्वक की जाए तो व्यक्ति सदैव स्वस्थ निरोग रह सकता हैं। यदि इस धनतेरस आप मां लक्ष्मी के साथ भगवान धन्वंतरि की पूजा श्रद्धा पूर्वक करना चाहते हैं, तो यहां आप धनतेरस का पूजा मंत्र और आरती शुद्ध-शुद्ध देखकर पढ़ सकते हैं।

कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर समुद्र मंथन के समय भगवान धन्वन्तरि हाथों में कलश लेकर प्रकट हुए थे। अतः इस तिथि पर धनतेरस मनाया जाता है। इस वर्ष आज यानी 29 अक्टूबर को धनतेरस है। धार्मिक मान्यता है कि धनतेरस के दिन भगवान धन्वन्तरि की पूजा उपासना करने से साधक के आय और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही धन संबंधी परेशानी हमेशा के लिए दूर हो जाती है। अगर आप भी भगवान धन्वन्तरि की कृपा पाना चाहते हैं, तो धनतेरस के दिन पूजा के समय इन मंत्रों का जाप और आरती अवश्य करें।

धनतेरस की पूजा में कौन सा मंत्र बोलना चाहिए?

महालक्ष्मी मंत्र : "ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्म्यै नमः..!!"

ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः ।। * ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः ।।

भगवान धन्वंतरि का स्तो‍त्र

ॐ शंखं चक्रं जलौकां दधदमृतघटं चारुदोर्भिश्चतुर्मिः।

सूक्ष्मस्वच्छातिहृद्यांशुक परिविलसन्मौलिमंभोजनेत्रम॥

कालाम्भोदोज्ज्वलांगं कटितटविलसच्चारूपीतांबराढ्यम।

वन्दे धन्वंतरिं तं निखिलगदवनप्रौढदावाग्निलीलम॥

धनतेरस पर मंत्र जाप से होगा लाभ

भगवान धन्वंतरि की मूर्ति या चित्र साफ स्थान पर स्थापित करें तथा स्वयं पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं। उसके बाद भगवान धन्वंतरि का आह्वान इस मंत्र से करें। अन्वेषित च सविधिं आरोग्यमस्य। गूढं निगूढं औषध्यरूपम्, धन्वन्तरिं च सततं प्रणमामि नित्यं।।:

भगवान धन्वंतरि मंत्र- "ॐ धन्वंतरि नमः।"

यह मंत्र स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए जपा जाता है।

धनतेरस पूजा मंत्र- "ॐ ह्रीं कुबेराय नमः।"

यह मंत्र संपत्ति, समृद्धि और धन की वृद्धि के लिए किया जाता है।

धन्वंतरि गायत्री मंत्र- "ॐ नमो भगवते महा सुदर्शनाय वसुदेवाय धन्वंतरये: अमृतकलश हस्ताय सर्व भय विनाशाय सर्व रोग निवारणाय त्रिलोक्य पथाय त्रिलोक्य नाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप श्री धन्वंतरि स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः।"

यह मंत्र विशेष रूप से रोगों से मुक्ति और स्वास्थ्य की प्राप्ति के लिए जपा जाता है।

कुबेर मंत्र- "ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधन्याधिपतये धनधन्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा।"

कुबेर भगवान धन के देवता माने जाते हैं, और यह मंत्र धन की प्राप्ति के लिए पढ़ा जाता है।इन मंत्रों का जाप धनतेरस के दिन करने से सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है। इन मंत्रों का जाप धनतेरस पर जरूर करें क्योंकि इस दिन त्रिपुष्कर योग बन रहा है।

अभिजीत मुहूर्त - 11:48 AM से 12:32 PM

अमृत काल - 10:24 AM से 12:12 PM

ब्रह्म मुहूर्त - 04:59 AM से 05:47 AM

त्रिपुष्कर योग - Oct 29 06:34 AM से Oct 29 10:32 AM

सर्वार्थसिद्धि योग - Oct 30 06:35 AM से Oct 30 09:43 PM

धनतेरस पर प्रदोष काल - 29अक्टूबर 2024 को शाम 05.52 से रात 08.24 मिनट तक है।

वृषभ काल 07.10 से रात 09.06 तक है।



Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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