×

मोदी-शाह का दमदार प्लान: जम्मू-कश्मीर के इसलिए उपराज्यपाल बने मनोज सिन्हा

मुर्मू का इस्तीफा राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया है और इसके बाद ये जिम्मेदारी मनोज सिन्हा को दे दी गई। मनोज सिन्हा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्वस्त नेताओं में गिने जाते हैं।

Shreya
Published on: 6 Aug 2020 11:11 AM GMT
मोदी-शाह का दमदार प्लान: जम्मू-कश्मीर के इसलिए उपराज्यपाल बने मनोज सिन्हा
X
PM Modi-Shah

नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता मनोज सिन्हा को जम्मू और कश्मीर का नया उपराज्यपाल नियुक्त किया गया है। गिरीश चंद्र मुर्मू द्वारा अपने पद से इस्तीफा देने के बाद गुरुवार सुबह राष्ट्रपति भवन की तरफ से मनोज सिन्हा की नियुक्ति की घोषणा की गई।

PM नरेंद्र मोदी के विश्वस्त नेताओं में गिने जाते हैं सिन्हा

5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने का एक साल पूरा हुआ है, इसी बीच बुधवार शाम को अचानक जीसी मुर्मू के इस्तीफे की खबर आई। मुर्मू का इस्तीफा राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया है और इसके बाद ये जिम्मेदारी मनोज सिन्हा को दे दी गई। मनोज सिन्हा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्वस्त नेताओं में गिने जाते हैं।

यह भी पढ़ें: मनोज सिन्हाः उपराज्यपाल बनने पर बलिया में जश्न पर यहीं मिली थी शिकस्त

जम्मू-कश्मीर में उपराज्यपाल बदलने की कहानी

मनोज सिन्हा को जम्मू कश्मीर का नया उपराज्यपाल नियुक्त किए जाने को राजनीतिक गलियारों में एक अलग नजरिये से देखा जा रहा है। राजनीतिक मामलों के जानकार आनंद कुमार का कहना है कि कश्मीर को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के दृष्टिकोण में कुछ अंतर आया है। ऐसा कहा जा रहा है कि भाजपा के वरिष्ठ राजनेता को उपराज्यपाल बनाए जाने के पीछे जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक समाधान की एक नई राह खोजने की पीएम की मंशा है।

यह भी पढ़ें: सुषमा स्वराज अब यादों में: जब बोलती थीं तो लोग सुनते थे, चुप हो जाते थे बड़े-बड़े नेता

PM Narendra Modi

कश्मीर को लेकर पहले भी संजीदा रहे हैं PM

प्रधानमंत्री मोदी के विश्वस्त और पूर्व रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के पहली वर्षगांठ के दौरान उपराज्यपाल की जिम्मेदारी सौंपी गई। आनंद कुमार का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी कश्मीर को लेकर पहले भी संजीदा रहे हैं। उन्होंने अपने पहले कार्यकाल में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटाने की जल्दबाजी नहीं की।

यह भी पढ़ें: ओवैसी व पर्सनल लॉ बोर्ड को करारा जवाबः कोई नहीं देगा साथ, वसीम रिजवी ने कही ये बात

Modi-Shah

अमित शाह ने आर्टिकल 370 हटाने में जरा भी नहीं की देरी

लेकिन जब उन्होंने दूसरी बार प्रधानमंत्री के तौर पर देश की कमान अपने हाथो में ली तो उन्होंने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की रणनीति पर काम शुरू किया। मोदी के दूसरे कार्यकाल में गृह मंत्रालय अमित शाह के पास था तो कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने में जरा भी देरी नहीं की गई। इस मामले में पीएम मोदी ने भी शाह का भरपूर साथ दिया।

PM Modi

कश्मीर मामले का राजनीतिक समाधान

आनंद कुमार कहता है कि अब PM मोदी कश्मीर मामले को अपने तरीके से राजनीतिक समाधान चाहते हैं। जिसके लिए उन्होंने मनोज सिन्हा को चुना है। मनोज सिन्हा हमेशा से ही मोदी के खास विश्वासपात्रों में से एक हैं। इसी वजह से उन्हें जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल की कमान सौंपी गई है।

यह भी पढ़ें: सपना चौधरी हुईं लालः स्टेज पर डांस कर रही थीं, किसी ने कर दिया ये काम

PM Modi-Manoj Sinha

राज्यपाल के तौर पर इन प्रमुख जिम्मेदारियों को होगा निभाना

राज्यपाल बनने के बाद मनोज सिन्हा को कई अहम चीजों पर काम करना होगा, जो उनकी प्रमुख जिम्मेदारियों में शुमार रहेंगे। जैसे- कश्मीरी पंडितों को दोबारा घाटी में बसाने के लिए सटीक योजना पर काम करना। जम्मू में नौकरियों को लेकर असमंजस की स्थिति के साथ-साथ लोगों के अंदर कई मुद्दों के स्पष्ट ना होने के चलते एक डर की स्थिति है, जिसे दूर करना भी उनकी प्रमुख जिम्मेदारी होगी।

यह भी पढ़ें: भागा सुशांत का दोस्तः पुलिस के डर से उठाया ऐसा कदम, मौत के वक्त था मौजूद

Manoj Sinha

जम्मू के लोगों को राजनीतिक भाषा में बहुत कुछ समझाने की जरुरत

आनंद कुमार का कहना है कि नए उपराज्यपाल को जम्मू-कश्मीर के लोगों को राजनीतिक भाषा में बहुत कुछ समझाने की जरुरत है। क्योंकि अभी भी वहां के लोग यह समझते हैं कि यहां पर मुस्लिमों का वर्चस्व खत्म हुआ है और वो कश्मीर के वजूद को कायम रखना चाहते हैं। वहां के लोगों के मन में डर है कि कहीं वो शेष भारत से अलग तो नहीं होंगे। वहां की बहुत सी आबादी चाहती है कि वो शेष भारत से जुड़े रहे।

शुरुआत से ही रखना होगा इसका ध्यान

यह जुड़ाव सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक क्षेत्र में हो सकता है। अब इस जिम्मेदारी को मनोज सिन्हा को पूरा करना होगा। आनंद कुमार का कहना है कि चूंकि इसका सीधा संबंध पीएम से है, इसलिए वे शुरुआत से ही राजनीतिक समाधान के उद्देश्य को ध्यान में रखकर आगे बढ़ेंगे।

यह भी पढ़ें: भगोड़े माल्या की फाइल से गुम हुए कागजात, Supreme court ने टाल दी सुनवाई

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Shreya

Shreya

Next Story