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Agra News: ट्रक मैकेनिक की बेटी आरती बनेगी डॉक्टर, नीट परीक्षा में हासिल की 192वीं रैंक, ऐसे निकला पढ़ाई का खर्च

Agra News: संघर्ष और कड़ी मेहनत की बदौलत नीट परीक्षा में ऑल इंडिया 192वीं रैंक हासिल की है। आरती का परिवार सेवला में रहता है। पिता विशंभर झा रोहता में ट्रक मैकेनिक का काम करते हैं।

Rahul Singh
Published on: 16 Jun 2023 9:56 AM GMT
Agra News: ट्रक मैकेनिक की बेटी आरती बनेगी डॉक्टर, नीट परीक्षा में हासिल की 192वीं रैंक, ऐसे निकला पढ़ाई का खर्च
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Agra News (photo: social media )

Agra News: नीट परीक्षा में आगरा से ट्रक मैकेनिक की बेटी आरती झा ने कमाल कर दिखाया है। आर्थिक संकट से जूझने के बाद भी बेटी ने हिम्मत नहीं हारी। संघर्ष और कड़ी मेहनत की बदौलत नीट परीक्षा में ऑल इंडिया 192वीं रैंक हासिल की है। आरती का परिवार सेवला में रहता है। पिता विशंभर झा रोहता में ट्रक मैकेनिक का काम करते हैं।

पिता के हाथ में औजार, बेटी के कलम

आरती के पिता के हाथ में ट्रक बनाने के औजार रहते हैं। मां गुड्डी ग्रहणी हैं। आरती चार भाई बहनों में तीसरे नंबर की हैं। वो हमेशा पढ़ाई पर ध्यान देती थी। एक बड़ा भाई और बड़ी बहन एसएससी की तैयारी कर रहे हैं। छोटा भाई भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा है। इंटर की परीक्षा पास करने के बाद आरती ने मेडिकल की तैयारी शुरू की।आरती के घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। घर में आर्थिक तंगी रहती थी। ऐसे में आरती ने किराये पर कमरा लेकर बच्चों को ट्यूशन पढ़ाना शुरू कर दिया। कड़ी मेहनत करके अपनी पढ़ाई का खर्चा निकाला। इस दौरान परिवार ने भी आरती को हरसंभव सहयोग किया।

स्कूल के समय से ही रही मेधावी

आरती ने बताया कि उन्होंने कक्षा बारहवीं की परीक्षा वर्ष 2018 में एसएस पब्लिक स्कूल से 86 फ़ीसदी अंकों के साथ उत्तीर्ण की थी। वर्ष 2019 में उन्होंने नीट की तैयारी नहीं की। वर्ष 2020 से तैयारी शुरू की। स्वाध्याय के साथ एकेडमी से कोचिंग ली। आरती ने बताया कि वह बचपन से कुछ बड़ा करना चाहती थीं। खुद को बिजनेस वूमेन बनाना चाहती थीं। लेकिन उनके माता-पिता उन्हें डॉक्टर बनते देखना चाहते थे। ऐसे में आरती ने माता-पिता का सपना पूरा करने की ठान ली। कड़ी मेहनत की और अब सफलता हासिल कर ली है। आरती ने बताया कि वो घर से 17 किलोमीटर दूर कोचिंग पढ़ने जाती थी। वापस लौटने पर बच्चो को ट्यूशन पढाती थी। इसके बाद बचे हुए समय में नीट परीक्षा की तैयारी करती थीं। आरती के मुताबिक वो दिन में रोजाना 12 से 14 घंटे पढ़ाई करती थीं। आरती ने बताया कि मेहनत कभी बेकार नहीं जाती है। जो भी कोई मेहनत करता है, उसे उसका अच्छा परिणाम जरूर मिलता है। आरती की सफलता से उनकी माता बेहद खुश हैं। आरती की मां का कहना है कि बेटी ने उनका सपना पूरा कर दिया है। उनका सिर समाज मे ऊंचा कर दिया है।

Rahul Singh

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