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UP DGP: माफियाओं पर जारी रहेगा एक्शन, यूपी के पुलिससिंग सिस्टम पर गर्व, बोले- नये कार्यवाहक डीजीपी आरके विश्वकर्मा

UP DGP: उत्तर प्रदेश के नए डीजीपी का नाम तय हो गया है। साल 1988 बैच के आईपीएस राज कुमार विश्वकर्मा को कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया है।

Snigdha Singh
Published on: 31 March 2023 2:22 PM GMT (Updated on: 31 March 2023 6:06 PM GMT)
UP DGP: माफियाओं पर जारी रहेगा एक्शन, यूपी के पुलिससिंग सिस्टम पर गर्व, बोले- नये कार्यवाहक डीजीपी आरके विश्वकर्मा
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IPS Raj Kumar Vishwakarma (Photo: Social Media)

UP New DGP: राजकुमार विश्वकर्मा को उत्तर प्रदेश का नया कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किया गया है। पूर्व डीजीपी डीएस चौहान शुक्रवार को रिटायर हो गए हैं। राज कुमार विश्वकर्मा 1988 बैच के आईपीएस हैं। शुक्रवार को प्रेसवार्ता में आईपीएस विश्वकर्मा ने कहा कि हमें यूपी के पुलिसिंग सिस्टम पर गर्व है। साथ ही उन्होंने गुंडों-माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई जारी रहने की बात कही है।

उन्होंने कहा कि यूपी पुलिस के पास वर्ल्ड क्लास इमरजेंसी सिस्टम है। हमारे पर दुनिया का बेस्ट रिस्पांस सिस्टम है। फोरेंसिक लैब है। यूपी पुलिस को वर्ल्ड क्लास माडर्न पुलिस बनाने का दावा किया। कहा कि गरीबों, कमजोरों और असहायों की दुआयें यूपी पुलिस को मिलती रहें। हमारे लिए यही सबसे बड़ा अचीवमेंट होगा। कहा कि हम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उम्मीदों पर खरा उतरेंगे।

36 हजार महिला पुलिसकर्मी

आईपीएस विश्वकर्मा ने कहा कि आज यूपी पुलिस के पास आज लगभग 36 हजार महिला पुलिकर्मी हैं। कहा कि कभी एक भी नहीं होती थी, तब होमगार्ड से लेकर काम चलाना पड़ता था। कई राज्यों की कुल पुलिस ही 36 हजार है।

कौन हैं राजकुमार विश्वकर्मा

राजकुमार विश्वकर्मा 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। डीएस चौहान के सेवानिवृत होने के बाद अब आरके विश्वकर्मा को प्रदेश का कार्यवाहक डीजीपी चुना गया है। 12 मई 2022 को कार्यभार ग्रहण करने वाले डीजीपी डीएस चौहान का कार्यकाल आज पूरा हो रहा है, जिसके चलते राजकुमार विश्वकर्मा को यूपी का कार्यवाहक डीजीपी चुना गया है। राजकुमार विश्वकर्मा अन्य जिम्मेदारियों के साथ अब इस जिम्मेदारी को भी संभालेंगे। वर्तमान में उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड (के अध्यक्ष और EOW की भी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। इस अतिरिक्त प्रभार के लिए आरके विश्वरकर्मा को अलग से कोई वेतन या भत्ता नहीं दिया जाएगा।

रिटायर हुए डीएस चौहान

उत्तर प्रदेश में डॉ देवेंद्र सिंह चौहान पिछले 11 महीने से डीजीपी का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे थे। डॉ चौहान शुक्रवार को 31 मार्च को रिटायर हो गए। ये भी 1988 बैच के आईपीएस अफसर थे, इन्होंने प्रदेश के कई जिलों में अपनी सेवाएं दी है। देवेंद्र सिंह चौहान की गिनती प्रदेश के तेज तर्रार अफसरों में होती है। साल 2020 की जनवरी में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से यूपी लौटे डीएस चौहान CRPF में IG के पद पर तैनात थे। अफसर डीएस चौहान छत्तीसगढ़ में भी सेवाएं दे चुके हैं।

कौन बनता है डीजीपी?

डीजीपी बनने के लिए किसी आईपीएस अफसर को 30 साल की सेवा अवधि पूरी करना जरूरी है। संघलोक सेवा आयोग वरिष्ठता और अधिकारी के कार्यकाल के रिकॉर्ड की जांच कर पहले तीन नाम का चयन कर राज्य सरकार को भेज देता है। सरकार उनमें से किसी एक नाम का चयन कर लेती है।

Snigdha Singh

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