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Agra News: शाहजहां ने बनवाया था बेगम के लिए आलिशान बाथरूम, जानिए शीशमहल की पूरी दास्तां

Agra News: आगरा किले का शीश महल, मुगलकालीन हमाम है। इसका निर्माण शाहजहां ने वर्ष 1637 में अपने परिवार के सदस्यों के लिए तुर्की हमाम के रूप में कराया था। इसका उपयोग महिलाओं द्वारा हमाम एवं परिधान कक्ष के रूप में किया जाता था।

NathBux Singh
Published on: 31 March 2023 7:57 PM IST (Updated on: 31 March 2023 7:58 PM IST)
Agra News: शाहजहां ने बनवाया था बेगम के लिए आलिशान बाथरूम, जानिए शीशमहल की पूरी दास्तां
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Shish Mahal of Agra Fort (Photo: Social Media)

Agra News: आगरा में ताजमहल के साथ-साथ अन्य स्मारक भी देखने लायक हैं। यदि आप फिल्म देखने के शौकीन हैं तो मधुबाला की फिल्म मुगल-ए-आजम का गाना याद होगा। वर्ष 1960 में रिलीज हुई इस फिल्म के लिए निर्देशक के. आसिफ ने आगरा के शीशमहल की तर्ज पर मोहन स्टूडियो, मुंबई में भव्य सेट तैयार कराया था। इस गाने की शूटिंग पर ही तब के जमाने में 10 लाख रुपये खर्च हुए थे।

मुगलकालीन हमाम का निर्माण हुआ

आगरा किले का शीश महल, मुगलकालीन हमाम है। इसका निर्माण शाहजहां ने वर्ष 1637 में अपने परिवार के सदस्यों के लिए तुर्की हमाम के रूप में कराया था। इसका उपयोग महिलाओं द्वारा हमाम एवं परिधान कक्ष के रूप में किया जाता था। शाहजहां ने इसकी तामीर को सीरिया से कांच मंगाया था। इसकी दीवार, मेहराब व छत में छोटे-छोटे शीशे जड़े हुए हैं।

गर्म व ठंडे पानी की व्यवस्था

दो कमरों वाले शीश महल में गर्म व ठंडे पानी के टैंक और फुव्वारे इसे हर मौसम के लिए विशेष बनाते हैं। शीश महल में दर्पणों की श्रृंखला के बीच हल्की रोशनी की किरण में ही पूरा कक्ष धीरे-धीरे रोशन हो जाता है। ये ऐसा बेहतरीन है कि इसमें लगे प्रत्येक दर्पण में देखने वाले का अक्स नजर आता है।

सैलानियों ने दिए शीशमहल को जख्म

आगरा किले के शीशमहल को सैलानियों ने ऐसे जख्म दिए कि उन्हें भरा नहीं जा सका। वर्ष 2003 से पूर्व शीश महल खुला हुआ था। उसको खास बनाने वाले दर्पणों को सैलानियों ने ही खरोंच दिया। हाथ की ऊंचाई तक के कई दर्पण निकाल लिए गए। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने शीशमहल को सैलानियों के लिए वर्ष 2003 में बंद कर दिया। इसके बाद जाली लगाकर इसे दोबारा खोला गया, लेकिन 2014 में इसे फिर बंद कर दिया गया।

शीशे के फ्रेम लगाए गए

शीशमहल को देखने के लिए अब एक मीटर चौड़े द्वार पर एएसआइ ने शीशे का फ्रेम लगा रखा है, जिससे सैलानी इसे झांककर देख सकते हैं। शीशे के फ्रेम से शीश महल देखने में वो मजा नहीं आता, जो इस स्मारक को अंदर से देखने पर आता था। अधीक्षण पुरातत्वविद डा. राजकुमार पटेल का कहना है कि शीशमहल को एएसआइ के महानिदेशक द्वारा जारी नोटिफिकेशन के आधार पर बंद किया गया था। मुख्यालय स्तर से आदेश होने के चलते उसे स्थानीय स्तर पर खोलने का निर्णय नहीं लिया जा सकता है।

अविश्वसनीय सुंदर शीशमहल

शीश महल आगरा किले के अंदर सबसे शानदार संरचनाओं में से एक है। मुसम्मन बुर्ज (दीवान-ए-ख़ास के निकट निकटता में स्थित एक अष्टकोणीय टॉवर) के पश्चिमी किनारे पर स्थित, यह एक अविश्वसनीय रूप से सुंदर दृश्य है। यह ढांचा शाहजहां द्वारा बनवाए गए कई परिवर्धनों में से एक था। 1631-1640 इसवीं के बीच निर्मित, यह सम्राट के शाही स्नान के रूप में भी काम करता था। महल अतिरिक्त मोटी दीवारों के लिए भी प्रसिद्ध है जो आंतरिक रूप से ठंडा और सुखद रखने के लिए बनाई गई थीं

इसलिए कहा जाता शीशों का महल

यहां सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि इसे शीश महल या दर्पणों का महल क्यों कहा जाता है? इसका कारण इसकी दीवारों और छत दोनों में दर्पणों का व्यापक उपयोग है। जब रोशनी की जाती है, तो शीशे पूरे महल में चमकदार प्रभाव डालते हैं। शाहजहाँ के इतिहासकार अब्दुल हमीद लाहौरी ने लिखा है कि ये आकर्षक दर्पण हलेब (अलेप्पो, सीरिया) से विशेष रूप से इसी उद्देश्य के लिए लाए गए थे। इस कारण उन्होंने इस संरचना को 'शिष्य हलेबी' भी कहा।



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NathBux Singh

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