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PM Modi Vs Opposition: सोनिया, माया और अखिलेश ने राजभर की मान ली यह बात तो इस बार मोदी नहीं बन पाएंगे पीएम!

PM Modi Vs Opposition: सुभासपा अध्यक्ष ने कहा कि यूपी में सोनिया गांधी, मायावती, अखिलेश यादव, नीतीश कुमार, जयंत चैधरी और राजभर एक हो जाएं तो 2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश से 75 प्लस सीटें जीतेंग।

Ashish Pandey
Published on: 11 Jun 2023 1:27 PM GMT
PM Modi Vs Opposition: सोनिया, माया और अखिलेश ने राजभर की मान ली यह बात तो इस बार मोदी नहीं बन पाएंगे पीएम!
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सोनिया, माया और अखिलेश ने राजभर की मान ली बात तो इस बार मोदी नहीं बन पाएंगे पीएम!: Photo- Social Media

PM Modi Vs Opposition: अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने बाराणसी में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सभी विपक्षी दलों को एक मंच पर होकर एकजुट होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यूपी में सोनिया गांधी, मायावती, अखिलेश यादव, नीतीश कुमार, जयंत चैधरी और राजभर एक हो जाएं तो 2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश से 75 प्लस सीटें जीतेंग। राजभर के इस बात में काफी वजन है। अगर ऐसा हो जाए तो भाजपा के लिए यूपी में 2014 या 2019 की तरह परफार्म करना मुश्किल हो जाएगा। अब राजभर की बात का इन दलों पर क्या प्रभाव पड़ता है। क्या वे एक साथ आएंगे यह तो समय ही बताएगा, लेकिन इतना तो तय है कि राजभर जो कह रहे हैं अगर ऐसा हुआ तो भाजपा की दिल्ली की राह काफी मुश्किल हो जाएगी।

राजभर के बात में है दम-

राजभर ने यह बात यूंही नहीं कही है। उनकी इस बात के पीछे बड़ा कारण है। अगर कांग्रेस, बसपा, सपा, रालोद, नीतीश की जदयू और सुभासपा एक साथ मिलकर यूपी में लोकसभा का चुनाव लड़ते हैं तो निश्चित तौर पर उन्हें सफलता मिलेगी। इसके पीछ सबसे बड़ा कारण तो ये है कि अगर कांग्रेस, सपा, बसपा और अन्य अलग-अगल चुनाव लड़ेंगे तो वोटों का बटवारा होगा और यही एक एकजुट होकर लड़ेंगे तो इसका बड़ा असर पड़ेगा और सीटें भी अधिक मिलेंगे।

ऐसे ही नहीं कही यह बात-

राजभर ने जो बात कही है उसके पीछे अगर जाएं तो उन्होंने बहुत बड़ी बात कही है। अगर ये सभी दल अपना अहम छोड़कर एक साथ आ जाएं तो भाजपा के लिए उत्तर प्रदेश में जीत काफी मुश्किल हो जाएगी। इनके आने से पिछड़ा वर्ग, दलित और मुस्लिम वोट काफी हद तक एक साथ हो सकते हैं और इसका फायदा विपक्ष को मिलेगा।

हर दल का है अपना-अपना जनाधार-

कांग्रेस, सपा, बसपा, रालोद, सुभासपा इन सभी दलों का अपने अपने क्षेत्रों में प्रभाव है। कांग्रेस का रायबरेली, अमेठी सहित पश्चिमी यूपी की कई सीटों पर अच्छा जनाधार है तो सपा का मैनपुरी, इटावा, एटा, कन्नौज, आजमगढ़, रामपुर सहित कई जिलों में अच्छा प्रभाव और जनाधार है तो वहीं बसपा का परंपरागत दलित वोट यूपी में लगभग 22 प्रतिशत है। अगर इसमें से 15 प्रतिशत भी मायावती के साथ आ जाए और वहीं सुभासपा का भी पूर्वांचल के कई लोकसभा सीटों गाजीपुर, बलिया, जौनपुर, आजमगढ़, बनारस, देवरिया समेत कई अन्य जिलों में मजबूत पकड़ है। अब ऐसे में ये सभी एकजुट को जाएं और लोकसभा 2024 का चुनाव साथ में लड़ें तो भाजपा को यूपी में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।

मुस्लिम, दलित और ओबीसी वोटों का साथ तो जीत तय-

उत्तर प्रदेश की राजनीति में जातीय गणित काफी अहम रखता है। यूपी में मुस्लिम लगभग 18 प्रतिशत, दलित 22 प्रतिशत तो वहीं ओबीसी वोट भी लगभग 37 प्रतिशत हैं। ये वोट जिस तरफ जाएंगे निश्चित तौर पर उसका पलड़ा भारी होगा। राजभर की बात के पीछे यही तथ्य छिपा हुआ माना जा सकता है। अगर राजभर के कहे अनुसार ये दल और उनके नेता एकजुट हो जाएं तो 2024 में विपक्षी एक बड़ा दल बनकर लोकसभा में पहुंचेंगे।

Ashish Pandey

Ashish Pandey

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