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Bengal Panchayat Election: TMC-Congress आमने-सामने, कांग्रेस की केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग, हत्याओं की दिलाई याद

Bengal Panchayat Election: टीएमसी का आरोप है कि विपक्ष के पास पंचायत चुनाव में मजबूत उम्मीदवार नहीं है और इस कारण चुनाव में देरी कराने की कोशिश की जा रही है।

Anshuman Tiwari
Published on: 10 Jun 2023 12:13 PM IST
Bengal Panchayat Election: TMC-Congress आमने-सामने, कांग्रेस की केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग, हत्याओं की दिलाई याद
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Bengal Panchayat Election (फोटो: SOCIAL MEDIA )

Bengal Panchayat Election: विपक्षी एकजुटता के लिए पटना में जल्द होने वाली बड़ी बैठक से पहले पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस के बीच फिर आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति शुरू हो गई है। टीएमसी की ओर से विपक्ष पर राज्य के पंचायत चुनाव में देरी कराने की साजिश का आरोप लगाया गया है। टीएमसी का आरोप है कि विपक्ष के पास पंचायत चुनाव में मजबूत उम्मीदवार नहीं है और इस कारण चुनाव में देरी कराने की कोशिश की जा रही है।

दूसरी ओर कांग्रेस और भाजपा का कहना है कि पंचायत चुनाव के नामांकन के लिए समय सीमा को और बढ़ाया जाना चाहिए। कांग्रेस ने पांच साल पहले पंचायत चुनाव के दौरान हुई हत्याओं की याद दिलाते हुए राज्य में केंद्रीय बलों की तैनाती की भी मांग की है। नामांकन के लिए दी गई समय सीमा का मामला कलकत्ता हाईकोर्ट भी पहुंच गया है।

हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत प्रणाली की करीब 75,000 सीटों के लिए 8 जुलाई को चुनाव होने वाला है। पंचायत चुनाव के लिए नामांकन का काम शुरू हो चुका है और नामांकन की आखिरी तारीख 15 जून तय की गई है। इस बीच कांग्रेस और भाजपा की ओर से नामांकन दाखिल करने की समय सीमा को कम बताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।

पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी और विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की ओर से दाखिल इन याचिकाओं पर हाईकोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग से जवाब तलब किया है। हाईकोर्ट की ओर से प्रथम दृष्टया समय सीमा को अपर्याप्त बताया गया है। राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से जवाब दाखिल करने के बाद इस संबंध में हाईकोर्ट का आदेश आने की संभावना है।

केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग

इस बीच चौधरी ने पंचायत चुनाव के दौरान राज्य में केंद्रीय बलों की तैनाती करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के लोग तभी निडर होकर अपना वोट डाल सकते हैं जब राज्य में केंद्रीय बलों की तैनाती की जाए। कांग्रेस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को 2018 में हुए पंचायत चुनाव की याद भी दिलाई है। चौधरी ने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि आपको भय नहीं है और आप निष्पक्ष पंचायत चुनाव कराने की इच्छुक हैं तो केंद्रीय बलों की तैनाती में आनाकानी क्यों की जा रही है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को हाईकोर्ट में एक हलफनामा दायर करना चाहिए कि वे राज्य में निष्पक्ष और स्वतंत्र पंचायत चुनाव सुनिश्चित करेंगी। उन्होंने पंचायत चुनाव में नामांकन दाखिल करने के लिए और समय दिए जाने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि 2018 के चुनाव में पंचायत चुनाव में 60-70 लोगों की हत्या की गई थी और लगभग 34 फ़ीसदी आबादी डर के कारण वोट नहीं डाल सकी थी। ऐसे में सरकार को लोगों का भय दूर करने की दिशा में काम करना चाहिए।

भाजपा की भी समय सीमा बढ़ाने की मांग

भाजपा की ओर से भी ममता सरकार को घेरने का प्रयास किया गया है। भाजपा प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने भी नामांकन दाखिल करने के लिए और समय दिए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि कम समय देकर लोगों को चुनाव लड़ने से रोकने की साजिश की जा रही है।

उन्होंने आरोप लगाया कि 2018 में पंचायत चुनाव को मजाक बना दिया गया था और राज्य सरकार इस बार भी वैसा ही करना चाहती है। उन्होंने कहा कि भाजपा सभी सीटों पर मजबूत उम्मीदवार उतारकर सत्तारूढ़ दल को कड़ी टक्कर देने के लिए तैयार है।

टीएमसी का भाजपा-कांग्रेस को कड़ा जवाब

इस बीच टीएमसी की ओर से भाजपा और कांग्रेस को जवाब देने की कोशिश की गई है। पार्टी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि सच्चाई तो यह है कि कांग्रेस और भाजपा पंचायत चुनाव से डरे हुए हैं और दोनों दलों के पास सभी सीटों पर चुनाव लड़ाने के लिए उम्मीदवार भी नहीं है। उन्होंने दोनों दलों पर पंचायत चुनाव टालने की कोशिश का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हम न्यायपालिका का सम्मान करते हैं और हमें अदालत के आदेश पर कोई टिप्पणी नहीं करनी है। वैसे सच्चाई यह है कि हार के डर से दोनों दलों की ओर से चुनाव को टालने की साजिश रची जा रही है।

इससे पूर्व सागरदिघी विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतने वाले बैरन विश्वास को टीएमसी में शामिल करने के मुद्दे पर भी कांग्रेस और टीएमसी के बीच जमकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला था।

Anshuman Tiwari

Anshuman Tiwari

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