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कश्मीर मसले पर UN के महासचिव को भारत का करारा जवाब

जम्मू-कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव (UNSG) एंतोनियो गुतरेस की मध्यस्थता वाली टिप्पणी पर विदेश मंत्रालय ने करारा जवाब दिया है। मंत्रालय ने कहा है कि भारत अपने रुख को लेकर कायम है

Shreya
Published on: 17 Feb 2020 4:16 AM GMT
कश्मीर मसले पर UN के महासचिव को भारत का करारा जवाब
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कश्मीर मसले पर UN के महासचिव को भारत का करारा जवाब

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव (UNSG) एंतोनियो गुतरेस की मध्यस्थता वाली टिप्पणी पर विदेश मंत्रालय ने करारा जवाब दिया है। मंत्रालय ने कहा है कि भारत अपने रुख को लेकर कायम है और जम्मू-कश्मीर भारत का अंग बना हुआ है। ऐसे में हमें मध्यस्थता की जरुरत नहीं है।

क्या कहा था एंतोनियो गुतरेस ने?

दरअसल, एंतोनियो गुतरेस इस वक्त पाकिस्तान 4 दिवसीय दौरे पर गए हैं और वो रविवार को राजधानी इस्लामाबाद पहुंचे। इस दौरान उन्होंने जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर चिंता जताते हुए इस मुद्दे पर मध्यस्थता का प्रस्ताव दिय। इसके सात ही उन्होंने पाकिस्तान और भारत दोनों देशों को तनाव को कम करने की नसीहत भी दी।

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गुतरेस ने भारत और पाकिस्तान को दी नसीहत

एंतोनियो गुतरेस ने नसीहत दी कि भारत और पाकिस्तान दोनों को सैन्य और जुबानी तनाव को कम करना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने कहा कि, साथ ही दोनों देशों को संयम बरतना काफी जरुरी है। उन्होंने कहा कि मैंने शुरु से ही मदद की पेशकश की। अगर दोनों देश मध्यस्थता के लिए तैयार हैं तो मैं मदद करने के लिए तैयार हूं।

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मध्यस्थता के लिए कोई भूमिका या गुंजाइश नहीं- भारत

वहीं गुतरेस की इस टिप्पणी के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि भारत की स्थिति नहीं बदली है। जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग बना हुआ है और बना रहेगा। अगर आगे के मुद्दों, यदि कोई हो, पर द्विपक्षीय रुस से चर्चा की जाएगी। तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के लिए कोई भूमिका या गुंजाइश नहीं है।

भारत यह मुद्दा खुद सुलझा लेगा

इससे पहले अमेरिका के सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन संवाद के दौरान जम्मू-कश्मीर का संदर्भ देते हुए कहा था कि लोकतंत्र का प्रदर्शन करने का सबसे बेहतर तरीका है कि कश्मीर के मुद्दे का लोकतांत्रिक ढंग से समाधान किया जाए। जिसके जवाब में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि भारत यह मुद्दा (जम्मू-कश्मीर) खुद ही सुलाझा लेगा।

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