अटारी बॉर्डर पर बीटिंग रिट्रीट समारोह में दिखा जोश हाई, 'भारत माता की जय' से गूंजा चहुंओर
Beating Retreat Ceremony: पंजाब के अटारी बॉर्डर पर बीटिंग रिट्रीट समारोह देखने हर दिन सैकड़ों भारतीय, विदेशी पर्यटक और स्थानीय लोग पहुंचते हैं। आज 26000 लोग पहुंचे।
Beating Retreat Ceremony: गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) के मौके पर पंजाब में अटारी-वाघा बॉर्डर (Attari-Wagah Border) पर 'बीटिंग रिट्रीट' समारोह (Beating Retreat Ceremony) का आयोजन किया गया। बीटिंग रिट्रीट में करीब 26,000 लोग मौजूद रहे। अटारी बॉर्डर पर मौजूद हजारों लोगों और जवानों में जबरदस्त उत्साह दिखा। इस पूरे कार्यक्रम में एक बार फिर भारतीय जवानों का शौर्य और जोश देखने को मिला। सीमा सुरक्षा बल (BSF) की टुकड़ी परेड किया।
गौरतलब है कि, अटारी बॉर्डर अमृतसर शहर (Amritsar City) से लगभग 32 किलोमीटर की दूरी पर है। हर दिन सैकड़ों भारतीय और विदेशी पर्यटक 'बीटिंग रिट्रीट' समारोह देखने पहुंचते हैं। बीएसएफ के जवानों के साथ-साथ उनके समकक्ष पाकिस्तानी रेंजर्स (Pakistani Rangers) भी बीटिंग रिट्रीट समारोह में हिस्सा लेते हैं। जिस वजह से सीमा के दोनों तरफ लोगों का उत्साह सातवें आसमान पर रहता है।
अटारी बॉर्डर पर कब से हो रहा बीटिंग रिट्रीट?
जानकारी के लिए आपको बता दें कि, अटारी बॉर्डर (Attari Border) पर पहली बार 11 अक्टूबर 1947 को तिरंगा फहराया गया था। इसके बाद सब सामान्य रहा। मगर, 1959 के बाद से भारत और पाकिस्तान परंपरागत तौर पर अटारी बॉर्डर पर बीटिंग रिट्रीट समारोह आयोजित करते रहे हैं। इस समारोह में बड़ी संख्या में भारत-पाकिस्तान के लोग शामिल होते हैं। यहां ये भी बता दें कि, बीटिंग रिट्रीट समारोह (Beating Retreat Ceremony) का आयोजन 1 से 2 घंटे का होता है।
ग्रैंड ट्रंक रोड पर है संयुक्त चेकपोस्ट
भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद ऐतिहासिक ग्रैंड ट्रंक रोड (Grand Trunk Road) पर अटारी-वाघा संयुक्त चेक पोस्ट स्थापित की गई थी। यहां भारत की तरफ को अटारी (Attari) और पाकिस्तान की तरफ को वाघा (Wagah) के नाम से जाना जाता है। अटारी-वाघा बॉर्डर पर होने वाले बीटिंग रिट्रीट समारोह के लिए दोनों देशों की सरकारों ने सहमति जाहिर की थी।
सूर्य ढलने से पहले उतारा जाता है तिरंगा
अटारी-वाघा बॉर्डर (Attari-Wagah Border) पर भारत और पाकिस्तान की सीमा पर गश्त करने वाले जवान अपने-अपने राष्ट्रीय ध्वज हर सुबह फहराते हैं। शाम सूर्य ढलने से पहले तिरंगे को उतार लिया जाता है। तिरंगे को उतारने से पहले भारत और पाकिस्तान के सुरक्षा बल एक-दूसरे को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की चुनौती देते हैं। इस दौरान दोनों तरफ के जवान अपने कौशल का प्रदर्शन करते हैं। उस वक्त उनके चेहरे की भाव -भंगिमा भी तैश को प्रदर्शित करती हुई होती है।