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Today Jyeshtha Purnima Upay :पूर्णिमा के दिन इन उपायों से जीवनभर रहेंगे खुशहाल, जानिए इस दिन क्या करें दान
Today Jyeshtha Purnima Upay : ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा पर कुछ उपायों को करने से घर में समृद्धि बढ़ती है, जीवनभर खुशहाली छाई रहती है...
Jyeshtha Purnima ke Upay : ज्येष्ठ माह में पूर्णिमा का धर्मानुसार बहुत बड़ा महत्व है। ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि इस साल ज्येष्ठ पूर्णिमा 11 जून 2025 को मनाई जाएगी। पंचांग के अनुसार, पूर्णिमा तिथि 10 जून को सुबह 11:35 बजे शुरू होकर 11 जून को दोपहर 1:13 बजे समाप्त होगी। अतः व्रत और पूजा 11 जून को करना उत्तम रहेगा।
धार्मिक मान्यता है कि भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन के दुख दूर होते हैं और सुख-समृद्धि का वास होता है. इस दिन गंगा नदी में स्नान करना भी बहुत शुभ माना जाता है. साथ ही, यह दिन धार्मिक और आध्यात्मिक अनुष्ठानों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है।पूर्णिमा के दिन कुछ खास उपाय आजमा कर जीवन में अपार खुशियां, धन-दौलत, वैभव पाया जा सकता है।
पूर्णिमा के दिन उपाय से लाभ
पूर्णिमा के दिन पानी में गंगाजल मिलाकर कुश हाथ में लेकर स्नान करना चाहिए।
श्रावण पूर्णिमा के दिन पति-पत्नी चंद्रमा को दूध का अर्घ्य अवश्य ही देना चाहिए, इससे दांपत्य जीवन में मधुरता बनी रहती है।
पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय के समय चंद्रमा को कच्चे दूध में चीनी और चावल मिलाकर मंत्र- 'ॐ स्रां स्रीं स्रौं स: चन्द्रमसे नम:' का जप करना उत्तम रहता है।
मंत्र 'ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम:' का जप करते हुए चंद्रमा को अर्घ्य देना चाहिए। इससे आर्थिक समस्या खत्म होती है।
पूर्णिमा पर पीपल के वृक्ष पर मां लक्ष्मी का आगमन होता है। सुबह उठकर पीपल के पेड़ के सामने कुछ मीठा चढ़ाकर जल अर्पित करें।
इस दिन नित्य कर्मों से निवृत्त होकर पवित्र हो जाएं फिर एक मिट्टी का दीपक हनुमान जी के मंदिर में जलाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करना उचित रहेगा।
इस दिन तुलसी के पत्ते या बिल्वपत्र नहीं तोड़ना चाहिए साथ ही तुलसी के साथ भगवान विष्णु की आराधना करना चाहिए। विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र पाठ करना, विष्णु आरती लाभप्रद है।
पूर्णिमा की रात में चांद की रोशनी स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होती है। पूर्णिमा की रात में कुछ देर चांदनी में बैठने से मन को शांति मिलती है।
कुछ देर चांद को देखने से आंखों को ठंडक मिलती है और साथ ही रोशनी भी बढ़ती है। इस दिन ध्यान करने की मान्यता है, इससे बहुत ही ज्यादा लाभ मिलता है।
इस दिन किसी भी प्रकार की तामसिक वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए तथा नशे से भी दूर रहना चाहिए।
इस दिन नदी, कुंड या सरोवर में स्नान करने करने से लाभ मिलता है। इस दिन स्नान का कई गुणा फल मिलता है। अगर आप किसी नदी में स्नान करने नहीं जा सकें तो घर में पानी में गंगाजल मिला कर स्नान करें।
पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी के चित्र पर 11 कौड़ियां चढ़ाकर उन पर हल्दी से तिलक करें। अगले दिन सुबह इन कौड़ियों को लाल कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी में रखें। इस उपाय से घर में धन की कमी नहीं होती है। हर पूर्णिमा के दिन इन कौड़ियों को अपनी तिजोरी से निकाल कर लक्ष्मी जी के सामने रखकर उन पर हल्दी से तिलक करें फिर अगले दिन उन्हें लाल कपड़े में बांध कर अपनी तिजोरी में रखें। लक्ष्मीदेवी की कृपा बनी रहेगी।
पूर्णिमा के दिन मंदिर में जाकर लक्ष्मी को इत्र और सुगंधित अगरबत्ती अर्पण करनी चाहिए। धन, सुख समृद्धि और ऐश्वर्य की देवी मां लक्ष्मी से अपने घर में स्थाई रूप से निवास करने की प्रार्थना करें।
विष्णु-लक्ष्मी जी के साथ ही शिव का पूजन अवश्य ही करना चाहिए। इस दिन नदियों में स्नान करना, परिवार की खुशी के लिए व्रत रखना चाहिए, दान करना तथा गरीब और ब्राह्मणों को खाना खिलाना चाहिए।
ज्येष्ठ पूर्णिमा पर दान
मान्यता है कि ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन व्रत व दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन जल, पंखा और शीतलता प्रदान करने वाली वस्तुओं का दान करना शुभ माना गया है। इसके अलावा इस दिन खीरा, ककड़ी, तरबूज, सत्तू, सूती वस्त्र, अन्न व धन का दान अत्यंत शुभ माना गया है।पूर्णिमा के दिन सामान्यत: चावल का दान करना शुभ होता है। चावल का संबंध चंद्रमा से होता है और पूर्णिमा के दिन चावल का दान करने से चंद्रमा की स्थिति कुंडली में मजबूत होती है।
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