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करवा चौथ: छलनी से चांद व पति का चेहरा देखने के पीछे है ये मान्यता

इस बार करवा चौथ बृहस्पतिवार  (17 अक्टूबर) को है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाए जाने वाले करवा चौथ में महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। हालांकि, आजकल कई पति भी अपनी पत्नी के लिए व्रत रखते हैं। महिलाएं अपना व्रत छलनी से चांद देखकर तोड़ती हैं।

suman
Published on: 15 Aug 2023 1:36 PM GMT
करवा चौथ: छलनी से चांद व पति का चेहरा देखने के पीछे है ये मान्यता
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जयपुर: इस बार करवा चौथ बृहस्पतिवार (17 अक्टूबर) को है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाए जाने वाले करवा चौथ में महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। हालांकि, आजकल कई पति भी अपनी पत्नी के लिए व्रत रखते हैं। महिलाएं अपना व्रत छलनी से चांद देखकर तोड़ती हैं। इसके बाद छलनी से ही अपने पति का चेहरा भी देखती हैं। छलनी से अपने पति का चेहरा देखने के पीछे एक कथा हैं।

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मान्यता

एक स्त्री थी, जिसका नाम वीरवती था। बताया जाता है कि वीरवती ने विवाह के पहले वर्ष करवा चौथ का व्रत रखा। दिनभर कुछ न खाने व पीने की वजह से उसकी तबीयत खराब होने लगी। उसकी यह हालत उसके भाई देख रहे थे। उन्होंने फौरन एक पेड़ के पीछे जलता दिया रख दिया। इसके बाद वीरवती से कहने लगे कि चंद्रमा निकल आया है।वीरवती ने जलता दिया देखकर अपना व्रत तोड़ दिया। मान्यता है कि इसके कुछ दिनों बाद पति की मौत हो गई। वीरवती को पूरी कहानी पता चली तो उसने फिर से व्रत रखा और छलनी से चंद्रमा की पूजा की। इसके बाद उसका पति वापस जीवित हो गया। करवा चौथ में छलनी से पति को देखने के पीछे मनौवैज्ञानिक वजह भी है। माना जाता है कि जब पत्नी अपने पति को छलनी से देखती है तो सभी विचार और भावनाएं छनकर शुद्ध हो जाती हैं।

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