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UP Election 2022: आगामी 2022 के विधानसभा चुनाव में बाहुबलियों के बीच फिर छिड़ेगी वर्चस्व की जंग, पुलिस के लिये बनेगा चुनौतीपूर्ण माहौल

UP Election 2022: उत्तर प्रदेश की राजनीति बाहुबली और माफियाओं का पूरा- पूरा दखल होता है। आगामी 2022 के विधानसभा के चुनाव में बाहुबलियों के बीच वर्चस्व की जंग फिर से छिड़ेगी ऐसे में पुलिस और चुनाव आयोग के लिए ये बड़ी चुनौती होगी।

Sandeep Mishra
Published on: 13 Dec 2021 10:04 PM IST
UP Election 2022: आगामी 2022 के विधानसभा चुनाव में बाहुबलियों के बीच फिर छिड़ेगी वर्चस्व की जंग, पुलिस के लिये बनेगा चुनौतीपूर्ण माहौल
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UP Election 2022: उत्तर प्रदेश की राजनीति (Uttar Pradesh politics) में एक समय वो भी हुआ करता था जब इटावा (Etawah) में विधानसभा के चुनाव (assembly elections),पुलिस (UP Police) व चुनाव आयोग (Election commission) के लिये कड़ी चुनौती का विषय हुआ करते थे। यह दौर था 90 के दशक का। जब सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव (SP supremo Mulayam Singh Yadav) की जीत सुनिश्चित करने के लिये लखनऊ से रविशंकर शुक्ला उर्फ एना व वेस्ट यूपी से डीपी यादव जैसे बाहुबली माफिया इटावा पहुंचते थे लेकिन समय बदला स्थितियां बदलीं और अब एक लम्बे समय से पुर्वांचल के चुनाव पुलिस व चुनाव आयोग के लिये चुनोती बन रहे हैं।

आगामी 2022 (Uttar Pradesh Election 2022) में होने जा रहे विधान सभा चुनाव अभी से बाहुबली नेताओं (bahubali leaders) व जेल में बन्द माफिया डॉन ने अपने अपने चुनाव लड़ने की तैयारी कर ली है। यह स्थिति उत्तर प्रदेश पुलिस के लिये चुनौती का विषय बनेगी। यह अलग बात है कि जेल में बन्द सपा के पूर्व मंत्री आजम खान व मफिया मुख़्तार अंसारी व अतीक अहमद का चुनाव लड़ना तो कोर्ट व चुनाव आयोग के आदेश पर ही निर्भर होगा क्योंकि इन सभी पर अब तक कई आपराधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं और कई मामलों में जांच भी अभी भी लंबित है। जबकि आजम खान के चुनाव लड़ने के बारे में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कोई भी सार्वजनिक फैसला अब तक नही लिया है।

2017 के विधानसभा के चुनाव में राजनीतिक दलों का ये रहा हाल

उत्तर प्रदेश में पुर्वांचल इलाके में कुल 26 जिले हैं। जिनमें 156 विधानसभा सीटें हैं। पिछले 2017 के विधानसभा के चुनाव में सपा, बसपा व कांग्रेस की पुर्वांचल की इन सीटों पर काफी दयनीय स्थिति रही थी। 2017 के विधानसभा के चुनाव में भाजपा ने 106, सपा ने 18, बसपा ने 12 कांग्रेस ने 4, अपना दल ने 8, सुहेलदेव समाज पार्टी ने 4, निषाद पार्टी ने 1, व निर्दलीय प्रत्याशियों ने तीन सीटों पर जीत हासिल की है।

पूर्वांचल इन सीटों पर ज्यादातर पर बाहुबली माफिया एक बार फिर 2202 के विधानसभा में चुनाव में चुनाव लड़ने की कमर कसे हुए हैं।पूर्वांचल के इस बार ये दो ही माफिया डॉन हैं जिन्हें चुनाव लड़ने के लिये अब तक सूबे के किसी भी बड़े दल ने घास तक नही डाली है वे जेल में बन्द माफिया मुख्तार अंसारी जो मऊ विधानसभा से वर्तमान विधायक हैं।

अपने दल की जीत सुनिश्चित करने के लिए बाहुबलियों का सहारा

इलहाबाद पश्चिमी से पूर्व बाहुबली विधायक अतीक अहमद (Bahubali MLA Atiq Ahmed)। श्री राम की नगरी अयोध्या में भी इस बार भी बहुबली लोग चुनाव लड़ने का अपना पक्का मूड बनाकर जनता के बीच हैं। अयोध्या के वरिष्ठ अधिवक्ता सुभाष पाण्डेय ने कहा कि अब पुर्वांचल की राजनीति बहुबली माफिया के ही इर्दगिर्द ही हर चुनाव में घूमती है। इसलिए अब अच्छे इंसान ने राजनीति से किनारा कर लिया है। उन्होंने कहा कि अब सूबे का चाहे सत्ता दल हो या फिर अन्य कोई दल। सब अपने अपने दल की जीत सुनिश्चित करने के लिए बाहुबली व माफिया का ही दरवाजा खटखटाते हैं।

अतीक अहमद: photo - social media

उन्होंने बताया कि अयोध्या की प्रत्येक सीट से 2022 के चुनाव माफिया ही चुनाव लड़ने के लिये सबसे आगे हैं।गोसाईगंज विधानसभा सीट से बाहुबली अभय सिंह चुनाव लड़ने का पक्का मना चूके हैं।सुना जा रहा सपा फिर उन्हें ही टिकट देने जा रही है।इस सीट से पूर्व में बाहुबली खब्बू तिवारी भाजपा से चुनाव जीते थे लेकिन जब से उनका फर्जी मार्कसीट लगाकर चुनाव लड़ने का मामला पकड़ा गया है तो अब भाजपा इस बार किसी नए प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारेगी।अयोध्या फैजाबाद जनपद की विधानसभा सीट है।इस सीट को मिलाकर कुल 5 विधानसभा सीटों पर इस बार चुनाव होना है।और सभी सीटों पर माफिया व बाहुबली लोग ही चुनाव लड़ने के लिए कमर कसे हैं।

चिल्लापुर विधानसभा सीट पर आज भी हरिशंकर तिवारी का जलवा

मुख्यमंत्री के गृहजनपद के गोरखपुर के एक समाजसेवी विवेक कुमार कहते हैं कि इस बार 2022 का विधानसभा चुनाव में रोचकता व रोमांच का समावेश लोगों को देखने को मिलेगा। इस गोरखपुर में 9 विधानसभा सीटें हैं। जिसमे चिल्लापुर विधानसभा सीट (Chillapur assembly seat) पर आज भी हरिशंकर तिवारी (Harishankar Tiwari) का जलवा कायम है। बाकी बची 8 सीटों पर भी इस बाहुबलियों का असर देखने को मिलेगा।

हरिशंकर तिवारी: photo - social media

पुलिस आज तक हरिशंकर तिवारी खोज नहीं सकी

उन्होने कहा कि योगी के सीएम बनते ही बाहुबली माफिया हरिशंकर तिवारी भूमिगत हैं और वे अभी तक भूमिगत हैं। उन्हें एक लंबे अरसे से गोरखपुर में किसी ने नही देखा है कि लेकिन उनके बाहुबली सम्राज्य की हकूमत आज भी जारी है। सीएम योगी की पुलिस ने इस बीच उन पर दर्ज मुकद्दमों में गिरफ्तारी करने के लिए कइयों बार प्रयास किये लेकिन उनके मफियावाद का नेटवर्क इतना मजबूत है पुलिस आज तक उन्हें खोज नहीं सकी है। गोरखपुर के समाजसेवक विवेक कुमार कहना है कि जो 8 विधानसभा सीटें भाजपा के खेमे में हैं उन पर यह बाहुबली नेता हरिशंकर अपने पुराने अनुभव का प्रयोग कर उन्हें भाजपा से छीनकर सपा की झोली में डालने का प्रयास करेंगे।

पुर्वांचल में सबसे असरदार व समझदार दबंग बाहुबली नेता के रूप में जनता के बीच अपनी पहचान रखने वाले प्रतापगढ जिले (Pratapgarh District) के कुंडा विधायक रघुराजप्रताप सिंह (Kunda MLA Raghurajpratap Singh) का नाम आता है। इनका प्रतापगढ में इतना जलवा कायम है कि इनके बारे में कोई भी शख्स किसी भी तरह की बात नही करना चाहता है।इन्होंने अभी हाल ही में अपनी अलग पार्टी जनसत्ता दल का निर्माण किया है। उसी के झंडे पर वे इस बार कुंडा से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।

कुंडा विधानसभा सीट पर तो राजा भैया हमेशा चुनाव जीतते ही हैं

प्रतापगढ जिले के एक पत्रकार ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कुंडा विधानसभा को मिलाकर प्रतापगढ़ जनपद में 7 विधानसभा सीटें है। इस पत्रकार का कहना है कि कुंडा विधानसभा सीट पर तो राजा भैया हमेशा चुनाव जीतते ही है लेकिन प्रतापगढ की अन्य सीटों पर भी बिना राजा भैया के आशीर्वाद के कोई किसी भी दल का प्रत्याशी चुनाव जीतने की स्थिति नही बना पता है। इस पत्रकार ने बताया कि राजा भैया को लोग चाहे माफिया कहे दबंग कहें या बाहुबली।राजा भैया ने प्रतापगढ में अपनी मजबूत फील्ड बनाई है। वे माफिया के लिये माफिया हैं।

कुंडा विधायक रघुराजप्रताप सिंह: photo - social media

अन्यथा इलाके के गरीब परिवारों की एक पूरी सूची वो अपने पास रखते है उन परिवारों की लड़कियों की शादी में वे हमेशा मदद करते हैं। इसलिये लोगों के बीच उनकी गहरी पैठ है। इस पत्रकार ने बताया कि वे सामने वाले को हर भाषा मे समझना जानते है।वो जिस भाषा मे समझना चाहता है बस उसको उसको उसी भाषा मे वे तत्काल समझाते हैं।

कुल मिलाकर पुर्वांचल में 156 विधानसभा सीटों पर मफियावाद की इस बार भी 2022 के चुनाव में जमकर हवा चलेगी।क्योकि सपा हो या भाजपा या बसपा या फिर कांग्रेस सभी दलों का इस क्षेत्र से अधिक से अधिक सीटे जितने का प्रयास रहेगा इसलिये सुरक्षा कर्मियों के लिये इस बार पुर्वांचल का चुनाव कड़ी चुनोती भी बन सकता है।

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Shashi kant gautam

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