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Milkipur By Election 2025: मिल्कीपुर में दिखेगा सपा-भाजपा में घमासान, एक बार फिर आमने-सामने होंगे योगी और अखिलेश
Milkipur By election 2025: 9 सीटों पर उपचुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच खूब शब्द बाण चले थे। अब मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव के दौरान भी दोनों नेताओं के बीच सियासी वार-पलटवार का दौर देखने को मिलेगा।
Milkipur By election 2025: चुनाव आयोग ने मंगलवार को दिल्ली के विधानसभा चुनाव के साथ ही उत्तर प्रदेश में मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव का भी ऐलान कर दिया है। मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में 5 फरवरी को वोटिंग होगी जबकि 8 फरवरी को मतगणना के बाद नतीजे की घोषणा की जाएगी। मिल्कीपुर में 10 जनवरी से 17 जनवरी तक नामांकन दाखिल किए जाएंगे।
मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में एक बार फिर भाजपा और सपा के बीच चुनावी घमासान देखने को मिलेगा। मिल्कीपुर सीट पर सपा और भाजपा के बीच चुनावी भिड़ंत में एक बार फिर सपा मुखिया अखिलेश यादव और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आमने-सामने होंगे और इन दोनों नेताओं की ओर से से एक-दूसरे पर हमले किए जाएंगे। यह उपचुनाव सपा और भाजपा दोनों दलों के लिए प्रतिष्ठा की जंग माना जा रहा है।
9 सीटों पर उपचुनाव में सपा को लगा था झटका
लोकसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश में मिल्कीपुर समेत 10 विधानसभा सीटें रिक्त हुई थीं। पिछले दिनों प्रदेश में नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव कराए गए थे जबकि मिल्कीपुर का मामला हाईकोर्ट में लंबित होने के कारण इस सीट पर उपचुनाव नहीं हो सका था। बाद में हाईकोर्ट की ओर से पिछले चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रहे बाबा गोरखनाथ को याचिका वापस लेने की अनुमति मिलने पर मिल्कीपुर में विधानसभा उपचुनाव का रास्ता साफ हो गया था।
प्रदेश में पिछले दिनों नौ सीटों पर हुए उपचुनाव के दौरान भाजपा गठबंधन ने अपनी ताकत दिखाते हुए सात सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि सपा सिर्फ दो सीटों पर जीत हासिल कर सकी थी। अब मिल्कीपुर में चुनावी बिगुल बजने के बाद सपा की और से पूरी ताकत लगाने की तैयारी है। सपा मिल्कीपुर में जीत हासिल करके लोकसभा चुनाव की जीत के बाद विधानसभा उपचुनाव में भी भाजपा को बड़ा झटका देना चाहती है।
इन प्रत्याशियों के बीच हो सकता है मुकाबला
प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान मिल्कीपुर सीट पर सपा के अवधेश प्रसाद ने जीत हासिल की थी। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी बाबा गोरखनाथ को हराकर यह जीत हासिल की थी। पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव के दौरान सपा ने अवधेश प्रसाद को फैजाबाद से उतार दिया था। अवधेश प्रसाद ने लोकसभा चुनाव जीतने के बाद मिल्कीपुर सीट से इस्तीफा दे दिया था।
समाजवादी पार्टी ने इस सीट पर उपचुनाव में अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को पहले ही अपना प्रत्याशी घोषित कर रखा है। दूसरी ओर भाजपा की ओर से पिछले चुनाव लड़ने वाले बाबा गोरखनाथ को टिकट का सबसे प्रबल दावेदार माना जा रहा है। माना जा रहा है कि पार्टी की ओर से जल्द ही इस बाबत आधिकारिक ऐलान किया जा सकता है।
योगी और अखिलेश फिर होंगे आमने-सामने
पिछले दिनों हुए 9 सीटों पर उपचुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच खूब शब्द बाण चले थे। अब मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव के दौरान भी दोनों नेताओं के बीच सियासी वार-पलटवार का दौर देखने को मिलेगा। योगी ने इस क्षेत्र में भाजपा की जीत सुनिश्चित करने के लिए कई मंत्रियों के तैनाती कर रखी है।
दूसरी ओर अखिलेश यादव मिल्कीपुर में सपा की रणनीति की खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं। दोनों नेता जल्द ही इलाके का दौरा करके अपनी-अपनी पार्टियों की चुनावी संभावनाओं को मजबूत बनाने की कोशिश करेंगे।
योगी और अखिलेश के लिए चुनाव क्यों है अहम
दरअसल सपा मुखिया अखिलेश यादव यह बात साबित करने की कोशिश में जुटे हुए हैं कि अवधेश प्रसाद को पिछले लोकसभा चुनाव में फैजाबाद से मिली जीत अनायास नहीं थी। वे मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव जीतकर यह संदेश देना चाहते हैं कि राम मंदिर के उद्घाटन का कोई असर नहीं पड़ा है।
दूसरी ओर फैजाबाद की हार भाजपा और योगी के लिए बड़ा झटका मानी गई थी। इसलिए योगी आदित्यनाथ मिल्कीपुर में अपनी सियासी ताकत दिखाकर देशभर को बड़ा संदेश देना चाहते हैं। अगर मिल्कीपुर में भाजपा को जीत नहीं मिली तो यह खबर एक बार फिर पूरे देश में चर्चा का विषय बनेगी। यही कारण है कि योगी इस बार जीत के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ना चाहते।