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Lucknow News: लखनऊ में 'रिपोटिंग इंडिया' पुस्तक का होगा विमोचन, शामिल होंगे दोनों डिप्टी सीएम
Lucknow News: यह पुस्तक प्रकाश के बेमिसाल काम की सराहना करती है, जिसमें उनके व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन की विस्तृत जानकारी दी गई है।
Lucknow News: "रिपोटिंग इंडिया' भारतीय पत्रकारिता जगत् में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभानेवाले, प्रेम प्रकाश के जीवन और समय का एक रोचक वर्णन है। एक फोटोग्राफर, फिल्म कैमरामैन और स्तंभकार के रूप में प्रकाश ने अपने लंबे और शानदार कॅरियर के दौरान देश विदेश की प्रमुख घटनाओं को कवर किया और इस दौरान प्राकृतिक आपदाओं, युद्धों, सैन्य तख्तापलट और उग्रवाद के गवाह भी बने। यह पुस्तक प्रकाश के बेमिसाल काम की सराहना करती है, जिसमें उनके व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन की विस्तृत जानकारी दी गई है। साथ ही उनकी ओर से कवर की गई सबसे प्रभावशाली खबरों की यादें भी ताजा करती है, जिनमें 1962 के भारत-चीन युद्ध से लेकर पाकिस्तान के खिलाफ 1965 और 1971 के युद्ध और आपातकाल से लेकर इंदिरा गांधी की हत्या तक शामिल हैं।
साथ ही, लाल बहादुर शास्त्री की दुर्भाग्यपूर्ण ताशकंद यात्रा से लेकर बाँग्लादेश की मुक्ति और जवाहरलाल नेहरू के निधन से लेकर नरेंद्र मोदी के उत्थान तक की खबरें शामिल हैं। पढ़ने में बेहद दिलचस्प यह पुस्तक भारतीय इतिहास के कुछ निर्णायक क्षणों को जीवंत बना देती है।
प्रेम प्रकाश, एक अनुभवी भारतीय पत्रकार हैं जिन्होंने भारतीय उपमहाद्वीप में 50 के दशक से लेकर सदी के अंत तक की प्रमुख घटनाओं पर खबरें दी हैं। उन्होंने विदेशी प्रसारकों जैसे फ्रांस में गोमोंट एक्चुअलिटेस, जर्मनी में ड्यूश वोचेनशाह और अमेरिका में वार्नर पार्थ न्यूज के साथ काम किया है, जो अपने समय के बेहतरीन संगठन थे।
1957 में, वह एक ऐसे समूह के साथ जुड़े जिसने लंदन में समाचार एजेंसी विसन्यूज को लॉन्च किया था। उन्होंने स्वतंत्रता के बाद के भारत को कुछ सबसे महत्त्वपूर्ण खबरों को कवर किया है, जिसमें 1962 का भारत चीन युद्ध भी शामिल है।
वह 1965 में पाकिस्तान के खिलाफ हुए युद्ध के दौरान सबसे आगे थे, जब भारतीय सेना के साथ वो हाजी पीर की पहाड़ी पर चढ़े और सियालकोट सैक्टर में टैंक युद्ध की खबर दी, जिसका संचालन जनरल राजिंदर सिंह 'स्पैरो' ने खुद किया था।
प्रकाश ने भारत के हर प्रधानमंत्री के साथ बातचीत की है और उनमें से कई का साक्षात्कार कैमरा पर किया है। वह वर्तमान में भारत की प्रमुख मल्टीमीडिया समाचार एजेंसी ए. एन.आई. के अध्यक्ष हैं, जिसकी स्थापना में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है।
मार्क टली, पूर्व ब्यूरो चीफ, बी.बी.सी., नई दिल्ली
प्रेम शुरू से ही भारतीय टेलीविजन की एक प्रमुख शख्सियत रहे हैं, लिहाजा यह एक महत्त्वपूर्ण पुस्तक है। उन्होंने और मैंने कई वर्षों तक एक साथ काम किया, इसलिए मैं जानता हूँ कि खबरों को लेकर प्रेम की समझ कितनी तेज है, और वही उनकी आत्मकथा को इतना आकर्षक बनाती हैं।
बी. एन. उनियाल, पूर्व प्रबंध संपादक, संडे ऑब्जर्वर
प्रेमजी पिछले सात दशकों में भारत के निर्माण के इतिहास के साक्षी रहे हैं। एक कैमरा जर्नलिस्ट के रूप में उनका कैरियर असाधारण घटनाओं से भरा रहा है, और उनकी ऐसी ही भूमिका मल्टीमीडिया समाचार एजेंसी ए.एन.आई. की स्थापना में भी रही है, जिसे समय के साथ उन्होंने पूरे एशिया में शीर्ष पर ले जाने में मदद की।
एच.के.दुआ, पूर्व संपादक, हिंदुस्तान टाइम्स
प्रेम प्रकाश की यात्रा धैर्य की एक दिलचस्प कहानी है और एक सोच की अथक तलाश है जो व्यूफाइंडर से भी आगे के दृश्य देखता है। उन्होंने समय से आगे जाकर सोचा और भारत के साथ ही विदेश में सैकड़ों टी.वी. चैनलों को पल-पल दिनभर की खबरें देने के लिए एन. एन. आई. को तिनका तिनका जोड़कर खड़ा किया। यह आसान काम नहीं था, लेकिन प्रेम प्रकाश ने हमेशा सफलता के लिए चुनौतीपूर्ण रास्ता ही अपनाया है।