Lucknow University: एलयू में घटी विद्यार्थियों की संख्या, नए कॉलेज और कोर्स भी नहीं लुभा सके, जानिए कारण

Lucknow University: प्राप्त सूचना के अनुसार वर्ष 2021-22 में लविवि परिसर और सभी कॉलेजों में मिलाकर 1,67,145 विद्यार्थियों ने पहले सेमेस्टर की परीक्षा दी। वर्ष 2022-23 में इनकी संख्या 1,56,060 रह गई।

Abhishek Mishra
Published on: 5 Sep 2024 9:15 AM GMT
Lucknow University: एलयू में घटी विद्यार्थियों की संख्या, नए कॉलेज और कोर्स भी नहीं लुभा सके, जानिए कारण
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Lucknow News: लखनऊ विश्वविद्यालय व संबद्ध कॉलेजों में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या में काफी कमी देखने को मिली है। आरटीआई एक्ट के तहत एलयू से मिली सूचना में इस बात का खुलासा हुआ है। बता दें कि बीते तीन सालों में 22 नए कॉलेजों और 100 से ज्यादा नए कोर्स को मान्यता देने के बावजूद यह स्थिति देखने को मिल रही है।

छात्र संख्या में 14 फीसदी की गिरावट

राइट टू इनफॉर्मेशन एक्ट के तहत एलयू से जो सूचना प्राप्त हुई है उसके मुताबिक तीन साल में एलयू के परिसरों और कॉलेजों की छात्र संख्या में 14 फीसदी की गिरावट आई है। गोमतीनगर निवासी एडवोकेट विमलेश निगम ने लखनऊ विश्वविद्यालय से परिसर और कॉलेजों में वर्ष 2021-22, वर्ष 2022-23 और वर्ष 2023-24 में प्रवेशित विद्यार्थियों की जानकारी मांगी थी। सूचना न मिलने पर प्रथम वर्ष में परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों की सूचना मांगी गई। प्राप्त सूचना के अनुसार वर्ष 2021-22 में लविवि परिसर और सभी कॉलेजों में मिलाकर 1,67,145 विद्यार्थियों ने पहले सेमेस्टर की परीक्षा दी। वर्ष 2022-23 में इनकी संख्या 1,56,060 रह गई। गिरावट का यह सिलसिला वर्ष 2023-24 में भी कायम रहा और परिसर और कॉलेजों में कुल 1,43,411 विद्यार्थी ही पहले सेमेस्टर की परीक्षा में शामिल हुए।

रैंक से आकर्षित नहीं हो रहे छात्र

नैक ए प्लस-प्लस और नेशनल इंस्टीट्यूशनल फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) की रैंक के बावजूद लखनऊ विश्वविद्यालय और इसके कॉलेज विद्यार्थियों को आकर्षित नहीं कर पा रहे हैं। सरकार और लविवि प्रशासन को उम्मीद थी कि लविवि से संबद्ध होने के बाद कॉलेजों में ज्यादा दाखिले होंगे। इसके विपरीत छात्र संख्या लगातार कम होती जा रही है।

चार महीने बाद मिली सूचना

लविवि से दाखिलों की सूचना लेने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। एडवोकेट विमलेश निगम ने इसके लिए पहली बार 3 मार्च, 2024 को पत्र दिया था। एक बार गलत सूचना देने और एक बार सूचना देने के लिए प्रिंट आउट की फीस जमा करने समेत अन्य कारणों में उलझाने के बाद लविवि प्रशासन ने आखिरकार करीब साढ़े चार महीने बाद 23 जुलाई को यह सूचना दी।

Abhishek Mishra

Abhishek Mishra

Correspondent

मेरा नाम अभिषेक मिश्रा है। मैं लखनऊ विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। मैंने हिंदुस्तान हिंदी अखबार में एक साल तक कंटेंट क्रिएशन के लिए इंटर्नशिप की है। इसके साथ मैं ब्लॉगर नेटवर्किंग साइट पर भी ब्लॉग्स लिखता हूं।

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