Swami Prasad Maurya: स्वामी प्रसाद ने अब देवी लक्ष्मी पर उठा दिए सवाल, सपा के ही नेता प्रदीप सिंह बब्बू ने किया विरोध

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने एकबार फिर विवादित बयान दिया है। इस बार उन्होंने दिवाली के दिन देवी लक्ष्मी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की है।

Krishna Chaudhary
Published on: 13 Nov 2023 9:25 AM GMT (Updated on: 14 Nov 2023 3:33 AM GMT)
Swami Prasad Maurya (Photo:Social Media)
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Swami Prasad Maurya (Photo:Social Media)

Swami Prasad Maurya. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयानों का सिलसिला जारी है। तमाम विरोध-प्रदर्शनों और हत्या की धमकी देने के बावजूद स्वामी अपने रूख पर अडिग हैं। हिंदू देवी – देवताओं और सनातन संस्कृति पर वो लगातार सवाल उठा रहे हैं। भगवान राम और रामचरितमान को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले सपा नेता के निशाने पर अब देवी लक्ष्मी हैं।

मौर्य ने देवी लक्ष्मी के अस्तित्व पर सवाल उठाया है। इतना ही नहीं उन्होंने देवी लक्ष्मी के स्वरूप को लेकर ऐसी टिप्पणी की है, जिससे एकबार फिर बवाल मचना तय माना जा रहा है। विधान परिषद के सदस्य मौर्य ने ये टिप्पणी ठीक दिवाली के दिन की है, जिस दिन हर हिंदू के घर में देवी लक्ष्मी की पूजा होती है। मौर्य के बयान पर सोशल मीडिया पर भी विरोध और समर्थन में घमासान छिड़ा हुआ है।

क्या है देवी लक्ष्मी को लेकर स्वामी के बिगड़े बोल ?

पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने दीपोत्सव के मौके पर अपनी पत्नी की पूजा की और फिर उन्हें सम्मानित किया। इससे जुड़ी तस्वीरें शेयर करते हुए उन्होंने एक्स पर लिखा, पूरे विश्व के प्रत्येक धर्म, जाति, नस्ल, रंग व देश में पैदा होने वाले बच्चे के दो हाथ, दो पैर, दो कान, दो आंख, दो छिद्रों वाली नाक के साथ एक सिर, पेट व पीठ ही होती है, चार हाथ,आठ हाथ, दस हाथ, बीस हाथ व हजार हाथ वाला बच्चा आज तक पैदा ही नहीं हुआ तो चार हाथ वाली लक्ष्मी कैसे पैदा हो सकती है?

सपा नेता आगे लिखते हैं, यदि आप लक्ष्मी देवी की पूजा करना ही चाहते हैं तो अपने घरवाली की पूजा व सम्मान करें जो सही मायने में देवी है क्योंकि आपके घर परिवार का पालन-पोषण, सुख-समृद्धि, खान-पान व देखभाल की जिम्मेदारी बहुत ही निष्ठा के साथ निभाती है। उनका यह ट्वीट अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और लोग इसके विरोध और पक्ष में अपने तर्क रख रहे हैं।

विवादित बयानों के महारथी हैं स्वामी प्रसाद

स्वामी प्रसाद मौर्य ने विधानसभा चुनाव से पहले जब से बीजेपी छोड़ समाजवादी पार्टी को ज्वाइन किया, तब से वे हिंदुत्व और सनातन संस्कृति से जुड़े प्रतीकों के खिलाफ आक्रमक बयानबाजी कर रहे हैं। भगवान राम और रामचरितमानस को लेकर उनकी टिप्पणियों ने बड़ा बवाल खड़ा कर दिया था। रामचरितमानस की प्रति जलाने को लेकर उनके खिलाफ कोर्ट में मामला भी चल रहा है, जिसमें हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कोई राहत देने से इनकार करते हुए उन्हें बड़ा झटका दिया था। सपा नेता ने अगले साल जनवरी में अयोध्या में होने जा रहे राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर भी सवाल उठा चुके हैं। उन्होंने इसे धोखा करार दिया था।

यह विश्वास, भरोसा और आस्था का विषय है, हमेशा खिलवाड़ उचित नहीं-प्रदीप सिंह

वहीं स्वामी प्रासद मौर्य के बयान का विरोध करते हुए समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव प्रदीप सिंह बब्बू ने कहा कि समाजवादी साथियों को डॉक्टर लोहिया के इस कथन को सदैव कंठस्थ रखना चाहिए। “मैं यह नहीं जानना चाहता हूँ कि राम थे कि नहीं थे। यह भी नहीं जानना चाहता कि वे परमेश्वर थे या दशरथनंदन। लेकिन भारत की करोड़ों- करोड़ों जनता जिस राम के नाम के सहारे अपना सुख- दुःख, जीवन -मरण सब कुछ सहन कर लेती है। अपने सब को जिस राम में समर्पित और विसर्जित कर देती है, मेरी आस्था उन करोड़ों करोड़ भारतवासियों में है।


Krishna Chaudhary

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Content Writer

Krishna Chaudhary having four year experience of working in different positions during his Journalism. Having Expertise to create content in Politics, Crime, National and International Affiars.

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