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UP Legislative Council: तीन दिन बाद खाली होगा उच्च सदन में नेता प्रतिपक्ष का पद, ये नाम है सबसे आगे

UP Political News: सपा में नेता प्रतिपक्ष संजय लाठर की सदस्यता तीन दिन बाद खत्म हो जाएगी।

Shreedhar Agnihotri
Published on: 24 May 2022 6:18 AM GMT
Up Legislative Council
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अखिलेश यादव और नेता प्रतिपक्ष संजय लाठर (Social media)

UP Legislative Council: उत्तर प्रदेश विधान परिषद में मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी में नेता प्रतिपक्ष संजय लाठर की सदस्यता तीन दिन बाद खत्म होने के साथ ही नेता प्रतिपक्ष का पद भी खाली हो जाएगा। इसके बाद पार्टी में अब नए नेता का चयन किया जाएगा। समाजवादी पार्टी के किसी अन्य सदस्य के वरिष्ठ न होने के चलते प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम को नेता प्रतिपक्ष का पद मिल सकता है।

उल्लेखनीय है कि इस साल सपा के वरिष्ठ नेता और विधान परिषद में नेता विरोधी दल अहमद हसन (88) का लंबी बीमारी के बाद निधन होने से यह पद खाली हो गया था। तब पार्टी के एक और सदस्य संजय लाठर को यह जिम्मेदारी दी गयी थी पर अब उनकी सदस्यता का कार्यकाल 26 मई को पूरी हो रहा है। वह पिछली समाजवादी पार्टी की सरकार में मनोनीति किए गए थे। उनके साथ ही राजपाल कष्यप और अरविन्द कुमार सिंह का भी कार्यकाल खत्म हो रहा है।

2007 में सपा चुनाव हार गई थी

विधानपरिषद में वर्ष 1996 में सपा ने अहमद हसन को विधान परिषद भेजा था। 1996 में कल्याण सिंह की सरकार बनने के बाद मुलायम सिंह ने अहमद हसन को विधान परिषद में नेता विरोधी दल बना दिया। इसके बाद वह लगातार विधान परिषद के सदस्य रहे। वर्ष 2007 में सपा चुनाव हार गई। पर, उनको एक बार फिर विधान परिषद में नेता विरोधी दल की जिम्मेदारी दी गई। वर्ष 2012 में सपा की सत्ता में वापसी हुई। वर्ष 2017 में सपा चुनाव हार गई और तीसरी बार विधान परिषद में अहमद हसन नेता विरोधी दल बने। वे विधान परिषद में सपा का पक्ष मजबूती से रखने के लिए जाने जाते थे।

उत्तम पटेल की सदन में परफार्मंस भी काफी बेहतर है

पार्टी सूत्रों के अनुसार पार्टी नेतृत्व अपने वरिष्ठ नेता नरेश उत्तम पटेल को परिषद में नेता विपक्ष का दायित्व दे सकता है। उनका कार्यकाल पांच मई 2024 तक है। पटेल की सदन में परफार्मंस भी काफी बेहतर है। वे मौजूदा समय में सपा के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। पटेल के नेता विपक्ष बनने के पीछे एक वजह और भी लगती है क्योंकि छह जुलाई को सपा के पांच अन्य सदस्यों का भी कार्यकाल समाप्त हो जाएगा। ऐसी स्थिति में सदन में सपा की सदस्य संख्या घटकर छह रह जायेगी।

Ragini Sinha

Ragini Sinha

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