चौघड़िया से निकालते हैं शुभ मुहूर्त, जानिए कैसे बांटते हैं इसे 8 हिस्सों में
जब हम कोई भी नया काम शुरु करते हैं तो उससे पहले शुभ समय देखते है। चौघडिया की गणना के आधार को घटी कहा जाता है। एक घटी लगभग 24 मिनट की होती है
जयपुर: जब हम कोई भी नया काम शुरु करते हैं तो उससे पहले शुभ समय देखते है। चौघडिया की गणना के आधार को घटी कहा जाता है। एक घटी लगभग 24 मिनट की होती है तथा एक चौघडिया 4 घटी (लगभग 96 मिनट) का होता है। इसी को चौघडिया सूची भी कहा जाता है जिसका इस्तेमाल मुख्य रूप से यात्रा प्रारंभ करने के शुभ समय को जानने के लिए किया जाता है।जब कोई मुहूर्त नहीं निकले और किसी कार्य को शीघ्रता से करना जरूरी हो या यात्रा पर जाना हो तो उसके लिए चौघड़िया मुहूर्त देखकर कार्य करना या यात्रा करना बढ़िया होता है। चौघडिया दिन व रात की अलग- अलग होती है। दिन और रात के आठ-आठ हिस्से का एक चौघड़िया होता है। यानी 12 घंटे का दिन और 12 घंटे की रात में प्रत्येक 1.30 मिनट का एक चौघड़िया होता है। चौघड़िया का आरंभ सूर्य उदय से होता है। सात चौघड़ियों के बाद पहला चौघड़िया ही आठवां चौघड़िया होता है। सात वारों के चौघड़िया अलग-अलग होते है।
अच्छा व खराब चौघड़िया
सामान्य रूप से सबसे श्रेष्ठ चौघड़िया शुभ, चंचल, अमृत और लाभ के माने जाते हैं। उद्वेग, रोग और काल को खराब माना जाता है। दिन और रात के आठ-आठ हिस्से का एक चौघड़िया होता है। यानी 12 घंटे का दिन और 12 घंटे की रात में प्रत्येक 1.30 मिनट का एक चौघड़िया होता है। चौघड़िया सूर्योदय से प्रारंभ होता है।
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चौघड़िया का स्वामी और कब होगा शुभ
प्रत्येक चौघड़िए का ग्रह स्वामी होता है जो उस समय में शक्तिशाली माना जाता है। उद्वेग का रवि, चंचल का शुक्र, लाभ का बुध, अमृत का चंद्र, काल का शनि, शुभ का गुरु,रोग का मंगल ग्रह स्वामी है। कोई लोहे या तेल से संबंधित व्यापार शुरू कर रहा हो तो उसके लिए शनि के प्रभाव वाला काल का चौघड़िया उत्तम फलदायी सिद्ध हो सकता है।
अमृत अमृत चौगडिया चंद्रमा के प्रभाव का समय है। चंद्रमा ज्योतिष में एक लाभ ग्रह माना जाता है। इसलिए, अमृत चौगडिया को ज्योतिष में एक बहुत शुभ समय माना जाता है। इसको सभी प्रकार के अवसरों या कार्यों के लिए फायदेमंद माना जाता है।
शुभ शुभ चौगडिया बृहस्पति के प्रभाव का समय है। ज्योतिष में, बृहस्पति एक लाभकारी ग्रह है और यही कारण है कि इसे शुभ मुहूर्त माना जाता है। शुभ चौगडिया को अक्सर शुभ अवसरों के लिए संदर्भित किया जाता है, विशेष रूप से विवाह तिथियों को निर्धारित करने और विवाह समारोह आयोजित करने के लिए।
लाभ बुध के प्रभाव का एक चौगडिया समय है। बुध को एक फायदेमंद ग्रह माना जाता है, इस प्रकार इसके प्रभाव के तहत अवधि शुभ मानी जाती है। यह एक शुभ समय है लेकिन यह एक असाधारण फलदायी समय भी है, यदि कोई नई शिक्षा, नए कौशल हासिल करने या शिक्षा या पाठ्यक्रम शुरू करना चाहता है।
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चर चर चौगडिया शुक्र ग्रह के साथ जुड़ा हुआ है। ज्योतिष में शुक्र का प्रभाव बहुत शुभ होता है। तो, उसके प्रभाव के तहत समय, जिसे चर या चंचल के नाम से जाना जाता है, अक्सर शुभ कामों के लिए माना जाता है। शुक्र गति का ग्रह है, इसलिए, लोग यात्रा करने के लिए सबसे अच्छा समय निर्धारित करने के लिए चर चोगडियाया देखते हैं।
उद्वेग उद्वेग चौघड़िया सूर्य के प्रभाव का समय है। सूर्य,ज्योतिष में, एक अशुभ ग्रह है और प्रतिकूल प्रभाव डालता है। इसलिए, उदवेग के दौरान सभी शुभ काम और नई शुरुआत से बचा जाता है। हालांकि, उदवेग चौगडिया को सरकारी संबंधित मामलों में फायदेमंद माना जाता है।
काल काल चौगडिया शनि ग्रह से जुड़ा हुआ है। ज्योतिष में, शनि को एक अशुभ ग्रह माना जाता है और जो समय उसके प्रभाव में है वह काल चौगडिया के रूप में जाना जाता है। इस समय के दौरान कोई शुभ काम नहीं किया जाना चाहिए। हालांकि, अगर कोई ऐसा काम है जिसके परिणामस्वरूप धन का संचय होता है या उससे संबंधित होता है, तो यह इस समय के दौरान किया जा सकता है।
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रोग रोग चौगडिया मंगल ग्रह से जुड़ा हुआ है। ज्योतिष के अनुसार, मंगल ग्रह को लाभकारी ग्रह के रूप में नहीं माना जाता है। इस ग्रह में नकारात्मक ऊर्जा है, इस प्रकार,उसके प्रभाव के दौरान उस समय के दौरान कोई शुभ काम नहीं किया जाता है। रोग चौगडिया वह समय है जो मंगल के प्रभाव में है।
उसी तरह किसी व्यक्ति को पूर्व दिशा में यात्रा करनी है और वह अमृत के चौघड़िए में यात्रा प्रारंभ करता है वह उसके लिए नुकसानदायी सिद्ध होगा । कारण अमृत चौघड़िया का स्वामी चंद्र है और चंद्र पूर्व दिशा में दिकशूल कारक है जो परेशानी और बाधाएं देता है।चौघड़िए का स्वामी जिस दिशा में दिशाशूल का कारक हो उस दिशा में यात्रा करना वर्जित माना गया है। कुछ बातों को छोड़ दें तो सामान्य रूप से चौघड़िया मुहूर्त उत्तम और फलदायक होते है।