Navratri 9th Day 2024 : नवमी के दिन करें मां सिद्धिदात्री की पूजा
Navratri 9th Day 2024: नवरात्र में माँ शक्ति के नौ रूपों की आराधना की जाती है, नवमी के दिन सकल सिद्धि को प्रदान करने वाली माँ की नौवीं शक्ति सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना की जाती हैं।
Mirzapur News: नवरात्र में माँ शक्ति के नौ रूपों की आराधना की जाती है, नवमी के दिन सकल सिद्धि को प्रदान करने वाली माँ की नौवीं शक्ति सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना की जाती हैं। मार्कण्डेय पुराण के अनुसार अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व आठ प्रकार की सिद्धियां हैं। भक्त की भक्ति से प्रसन्न होकर माँ की कृपा जिसे मिल गयी वह सुख और समृद्धि का प्रतीक हो गया। माँ सभी प्रकार की सिद्धियों को प्रदान करने वाली हैं। इनकी आराधना के साथ ही नवरात्र व्रत का परायण होता है।
जानिए पौराणिक कथा
माँ दुर्गा की नौवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री है। ये सिद्धिदात्री, सिंह वाहिनी, चतुर्भुजा और प्रसन्नवदना हैं। मार्कण्डेय पुराण में अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व- ये आठ सिद्धियाँ बताई गई हैं। सिद्धिदात्री ही ये सभी सिद्धियाँ देने वाली माँ हैं। माँ के दिव्य स्वरूप का ध्यान हमें अज्ञान, अंधकार, असंतोष आदि से दूर कर स्वाध्याय, उद्यम, उत्साह, समर्पण की ओर ले जाता है और हमें नैतिक और चारित्रिक रूप से मजबूत बनाता है। हमारी इच्छाओं और वासनाओं को नियंत्रित करके, यह हमारी आत्मा को दिव्य पवित्रता से भर देती है और हमें खुद पर विजय पाने की शक्ति देती है। देवी पुराण के अनुसार, भगवान शिव ने इस शक्तिस्वरूपा देवी जी की आराधना करके सभी सिद्धियाँ प्राप्त की थीं, जिसके प्रभाव से शिव जी का स्वरूप अर्धनारीश्वर का हो गया।
नवरात्रि के नौवें दिन सभी देवता, यक्ष, किन्नर, दानव, ऋषि-मुनि आदि भगवती के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा कर अपने जीवन में यश, बल और धन की प्राप्ति करते हैं। जो भक्त नौवें दिन सिद्धिदात्री की पूजा करते हैं और मां को नौ स्वादों और नौ प्रकार के फल-फूलों से युक्त नवाह्न प्रसाद और भोजन अर्पित कर नवरात्रि का समापन करते हैं, उन्हें इस लोक में धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है। सिद्धिदात्री मां शिव को सभी शक्तियां प्रदान करने वाली हैं। इनके आशीर्वाद से ही भगवान शिव ने अर्धनारीश्वर का रूप धारण किया था। मां को 56 व्यंजनों का भोग लगाना चाहिए। सिद्धपीठ पर देश के कोने-कोने से आने वाले भक्त मां के दर्शन पाने के लिए आतुर रहते हैं। धाम में आने पर अपार शांति मिलती है, भक्तों की आस्था से प्रसन्न होकर मां उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं।
नवरात्रि में मां के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा करने से भक्तों को सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। माँ के किसी भी स्वरूप के दर्शन मात्र से ही व्यक्ति के शरीर में नई ऊर्जा, नया उत्साह और सकारात्मक विचार भर जाते हैं। इसलिए जो लोग अपनी सांसारिक और आध्यात्मिक उन्नति चाहते हैं, उन्हें उनकी पूजा में सदैव तत्पर रहना चाहिए।