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Earth: धरती एक जीवित ग्रह है जिसके पास अपना दिमाग और बुध्दिमत्ता है, वैज्ञानिकों के एक समूह ने किया खुलासा
इंटरनेशनल जनरल ऑफ एस्ट्रोबायोलॉजी के स्टडी में बड़ा खुलासा करते हुए वैज्ञानिकों ने बताया कि हमारी पृथ्वी एक जीवित ग्रह है। जिसके पास बुद्धिमत्ता और खुद का दिमाग है। पृथ्वी में इसमें धीरे-धीरे बदलाव हो रहा है।
लखनऊ। विज्ञान जैसे जैसे तरक्की कर रहा है वैसे वैसे ब्रह्मांड और धरती के स्टडी पर जोर दिया जा रहा है। वैज्ञानिक धरती के बारे में हर वो चीजें जानना चाहते हैं, जो मानव जीवन को प्रभावित कर सकता है। इसी कवायद में जुटे वैज्ञानिकों के एक समूह ने धरती को लेकर कई दिलचस्प खुलासे कई हैं। जिसे जानकर आप भी पहली बार हैरान हो जाएंगे।
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एस्ट्रोबायोलॉजी (International Journal of Astrobiology) द्वारा किए गए स्टडी में कई ऐसे चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं। स्टडी के अनुसार, धरती जीवित है। उसके पास अपनी बुध्दि है। उसका अपना दिमाग औऱ बुध्दिमता है।
पृथ्वी के पास खुद का है एक नेटवर्क
वैज्ञानिक बताते हैं कि धरती के नीचे फंगस की एक विशालकाय परत है। जो पूरी धरती में फैली हुई है। ये विशालकाय फंगस आपस में संदेशों का आदान-प्रदान करती है। इनका एक बड़ा नेटवर्क है जो कि एक अदृश्य बुध्दिमता का प्रदर्शन करती है। जिसकी वजह से घरती की पूरी स्थितियां बदलती रहती हैं। ये मानव जीवन के लिए बड़े काम की है। अगर इस तरह की प्रक्रियाओं को पकड़कर उनकी जांच की जाए तो वर्तमान में दुनिया के सामने जो दो बड़े संकट हैं उनका हल खोजा सकता है। इनकी जांच की बदौलत हम जलवायु परिवर्तन औऱ वैश्विक गर्मी जैसी घटनाओं की धरती पर रिएक्शन को समझ सकते हैं।
पृथ्वी के बदलाव की प्रक्रिया
स्टडी में शामिल रोचेस्टर विश्वविद्यालय (University of Rochester) में फिजिक्स एंड एस्ट्रोनोमी के प्रोफेसर एडम फ्रैंक, हेलेन एफ, फ्रेड एच. गोवेन, प्लैनेटरी साइंस इंस्टीट्यूट के डेविड ग्रिन्स्पून और एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी (Arizona State University) की सारा वॉकर शामिल है। स्टडी करते समय इन वैज्ञानिकों ने बस यह ध्यान दिया कि बायोस्फेयर कैसे धरती बदल रहा है। पृथ्वी किस तरह से बदलाव पर प्रतिक्रिया दे रही है। वह किसी तरह से बैलेंस बनाने की कोशिश कर रही है। इसे समझाने के लिए वैज्ञानिकों ने चार स्टेज गिनवाए हैं। जो इस प्रकार हैं - अपरिपक्व जीवमंडल, परिपक्व जीवमंडल, अपरिपक्व तकनीकी मंडल और अपरिपक्व तकनीकी मंडल।