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ED का सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस के खिलाफ बड़ा एक्शन, PMLA के तहत जब्त की 45.92 लाख की संपत्ति
UP News: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सीनियर कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद की संपत्ति जब्त की है।
ED Action on Louise Khurshid : केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) अर्थात ED ने सोमवार (04 मार्च) को बड़ी कार्रवाई की। ईडी ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद (Salman Khurshid's wife Louise Khurshid) की संपत्ति जब्त कर ली। केंद्रीय एजेंसी ने PMLA के तहत लुइस सहित अन्य आरोपियों की 45.92 लाख रुपए कीमत की संपत्ति जब्त की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईडी टीम ने उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद (Farrukhabad) में 29.51 लाख रुपए और 4 बैंक अकाउंट में 16.41 लाख रुपये की संपत्ति जब्त की है। आपको बता दें, यह पूरा मामला डॉ. ज़ाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट (Dr. Zakir Hussain Memorial Trust) में घपले से जुड़ा हुआ है।
जानें क्या है मामला?
लुईस खुर्शीद पर डॉ. ज़ाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट के पैसे का निजी तौर पर इस्तेमाल करने का आरोप है। इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने लुइस खुर्शीद सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ 17 मामलों में चार्जशीट दायर की थी। बाद में इस मामले को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने PMLA के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की।
कैसे किया इतना बड़ा फर्जीवाड़ा?
दरअसल, ये मामला साल 2009-2010 के वक़्त का है। इस दौरान डॉ. जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट ने करीब 17 शिविर लगाकर दिव्यांगजनों को कृत्रिम अंग उपकरण (Artificial Limb Device) वितरण से जुड़े मामले में फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगा था। हालांकि, ये मामला औपचारिक तौर पर वर्ष 2017 में सामने आया। उस वक़्त इस मामले में कई केस दर्ज हुए थे। ये भी आरोप लगाया गया था कि, कई दिव्यांगजनों को कृत्रिम अंग उपकरण वितरण किया ही नहीं गया। लेकिन, उसके बिल का भुगतान करवा लिया गया। लिहाजा, इस मामले में फर्रुखाबाद के भोजीपुर थाने में इस मामले में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी।
फर्जी मुहर, फर्जी दस्तखत...किया 'बड़ा खेल'
दिव्यांग लोगों के बीच कृत्रिम उपकरण बांटे जाने से जुड़े इस मामले में विकासखंड भोजीपुरा में फर्जी मुहर, फर्जी दस्तखत, सरकारी धन का दुरुपयोग करने सहित अन्य आरोप लगे थे। हालांकि, मामले की तफ्तीश के बाद स्थानीय पुलिस ने चार्जशीट भी दायर किया। चार्जशीट दायर होने के बाद दोनों आरोपियों को अदालत के सामने हाजिर होने के लिए कई बार वारंट जारी हुए। उस वक्त गिरफ्तारी की भी संभावना बन रही थी, मगर अदालत से दोनों आरोपियों को राहत मिल गई थी।