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Kalyan Singh Jayanti: अयोध्या आंदोलन के नायक थे कल्याण सिंह, 1992 में कारसेवकों पर गोली चलाने से कर दिया था इनकार

Kalyan Singh Birthday: 1932 में आज ही के दिन पैदा होने वाले कल्याण सिंह ने इंटर कॉलेज के शिक्षक के पद से मुख्यमंत्री और राज्यपाल के पद तक का मुश्किल भरा सफर तय किया था।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 5 Jan 2024 11:04 AM IST (Updated on: 5 Jan 2024 3:27 PM IST)
Kalyan Singh Birthday
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Kalyan Singh Birthday  (फोटो: सोशल मीडिया )

Kalyan Singh Birthday: राम मंदिर आंदोलन के सबसे बड़े चेहरों में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का नाम काफी प्रमुखता से लिया जाता है। उन्होंने दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की कमान संभाली और उन्हें देश की सियासत में हिंदुत्व के नायक के रूप में देखा जाता रहा है। 1932 में आज ही के दिन पैदा होने वाले कल्याण सिंह ने इंटर कॉलेज के शिक्षक के पद से मुख्यमंत्री और राज्यपाल के पद तक का मुश्किल भरा सफर तय किया था। राम मंदिर आंदोलन के जरिए भाजपा को बुलंदी पर पहुंचाने वाले नेताओं में कल्याण सिंह का नाम अग्रणी माना जाता है।

अयोध्या में इन दिनों भगवान रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की जोरदार तैयारियां चल रही हैं। 22 जनवरी को आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम की पूरे देश में खासी चर्चा है। इस मौके पर मंदिर निर्माण में कल्याण सिंह के योगदान को भी याद किया जा रहा है। जब 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में विवादित ढांचा तोड़ा गया था, उस समय उत्तर प्रदेश की कमान कल्याण सिंह के हाथों में ही थी।

विवादित ढांचा तोड़े जाने के बाद कल्याण सिंह की सरकार को बर्खास्त कर दिया गया था। 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में कारसेवकों के उग्र तेवर को देखते हुए फैजाबाद जिला प्रशासन की ओर से फायरिंग की अनुमति मांगी गई थी मगर तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने जिला प्रशासन का यह अनुरोध ठुकरा दिया था। राम मंदिर के शिलान्यास के मौके पर कल्याण सिंह ने कहा भी था कि कारसेवकों पर गोली चलाना मुझे कतई मंजूर नहीं था।

विवादित ढांचा गिरने से निकला समाधान

अब अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन होने जा रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों भगवान रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न होगा। सुप्रीम कोर्ट की ओर से अयोध्या विवाद के निपटारे के बाद ही अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो सका है। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की भूमि पूजन के मौके पर कल्याण सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा था कि अब सभी को यह बात मान लेनी चाहिए कि यदि अयोध्या में विवादित ढांचा मौजूद रहता तो इस विवाद के समाधान का रास्ता कभी भी नहीं निकल पाता।

कल्याण सिंह के मुताबिक अयोध्या में विवादित ढांचा ढह जाने से ही मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो सका। यदि ढांचा बना रहता तो हमेशा विवाद भी बना रहता और अदालत के लिए भी शायद कोई रास्ता निकाल पाना संभव नहीं हो पाता।


कारसेवकों पर गोली चलाने से इनकार

पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह अपने जीवनकाल में हमेशा इस बात को कहते रहे कि उन्हें 6 दिसंबर 1992 को कारसेवकों पर गोली न चलाने के फैसले पर गर्व है। उनका कहना था कि 1992 में 6 दिसंबर को फैजाबाद के जिला प्रशासन ने मुझे मौके पर स्थिति विस्फोटक होने की जानकारी दी थी।

जिला प्रशासन का कहना था कि बहुत ज्यादा भीड़ होने के कारण सुरक्षाबलों की टुकड़ियां साकेत महाविद्यालय से आगे नहीं बढ़ पा रही हैं। अब गोली चलाकर ही उग्र कारसेवकों को काबू में किया जा सकता है।

ऐसी स्थिति में भी कल्याण सिंह ने पूरी दृढ़ता के साथ किसी भी हालात में कारसेवकों पर गोली न चलाने का आदेश दिया था। बाद के दिनों में कल्याण सिंह हमेशा यही बात कहते रहे कि उन्हें अपने फैसले पर गर्व है क्योंकि कोई राम भक्त दूसरे राम भक्तों के खून से अपना हाथ नहीं र॔ग सकता।

जब कारसेवकों ने 6 दिसंबर 1992 को विवादित ढांचे को तोड़ डाला तो कल्याण सिंह ने कहा था कि सच्चाई तो यह है कि गुलामी की निशानी, जनता को नहीं भाई। आने वाला इतिहास ही इस बात का फैसला करेगा कि यह सही हुआ या गलत। उन्होंने यह भी कहा था कि मैं कौन होता हूं इस कदम को सही या गलत बताने वाला। इस बात का फैसला तो इतिहास ही करेगा।


उनके रोम-रोम में बसते थे राम

कल्याण सिंह के पुत्र और एटा के सांसद राजवीर सिंह राजू का कहना है कि भगवान राम उनके रोम-रोम में बसते थे और वे अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण चाहते थे। अपने आखिरी समय में भी उन्होंने अयोध्या जाकर भगवान राम का दर्शन किया था। वे इतने बड़े राम भक्त थे जिसका अंदाजा लगा पाना मुश्किल है। उन्होंने हर वर्ग और हर जाति की सोच से अलग हटकर देश के लिए राम मंदिर के निर्माण की दिशा में पूरी तत्परता से काम किया।


किसी न किसी रूप में मौजूद रहेंगे बाबूजी

भाजपा सांसद ने कहा कि बाबूजी के मुख्यमंत्रित्व काल वाली सरकार में अगर विवादित ढांचा ना गिरा होता तो अयोध्या में मंदिर का निर्माण कभी नहीं हो पाता। उनके बनाए रास्ते पर आगे चलकर ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ है।

राजवीर सिंह ने कहा कि बाबूजी की अंतिम इच्छा 22 जनवरी को पूरी होने जा रही है। बाबू जी स्वयं किसी न किसी रूप में अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के दिन मौजूद रहेंगे और मैं खुद अपनी पत्नी प्रेमलता वर्मा के साथ अयोध्या में आयोजित प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में हिस्सा लूंगा।


कल्याण सिंह का सियासी सफर

-1967, 69 व 74 में तीन बार विधायक।

-1975 से 77 तक आपातकाल में मीसा बंदी।

-1977 में चौथी बार विधायक, स्वास्थ्य मंत्री।

-1985 में पांचवीं बार विधायक व प्रदेश अध्यक्ष।

-1989 में छठवीं बार विधायक व नेता विधायक दल।

-1991 में सातवीं बार विधायक, मुख्यमंत्री बने।

-1993 में आठवीं बार विधायक,नेता विधायक दल।

-1996 में नौवीं बार विधायक, मुख्यमंत्री-भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष।

-2000-01 में राक्रांपा अध्यक्ष बने।

-2004 में बुलंदशहर से भाजपा से सांसद।

-2009 में एटा से निर्दल सांसद निर्वाचित।

-2014 में राजस्थान के राज्यपाल बनाए गए।

-21 अगस्त, 2021 को निधन।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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