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Rajasthan Politics : ...तो वसुंधरा के साथ हो गया 'खेल', BJP ने दो समितियों से राजे को रखा दूर, क्या CM फेस पर छाया संकट?

Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान की सियासत में वसुंधरा राजे को बगल कर आगे बढ़ना बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। बावजूद पार्टी ने चुनाव प्रबंधन समिति और संकल्प समिति में उन्हें जगह नहीं दी है। आखिर क्या चल रहा दांव-पेंच?

Aman Kumar Singh
Published on: 17 Aug 2023 12:21 PM GMT
Rajasthan Politics : ...तो वसुंधरा के साथ हो गया खेल, BJP ने दो समितियों से राजे को रखा दूर, क्या CM फेस पर छाया संकट?
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वसुंधरा राजे (Social media)

Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी फूंक-फूंक के कदम रख रही है। हालांकि, पूर्वी सीएम वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) की भूमिका पर अभी सस्पेंस बरक़रार है। लेकिन, ये भी सही है कि वसुंधरा को इग्नोर करना बीजेपी के लिए मुश्किलें भी खड़ी कर सकता है। दरअसल, बीजेपी ने इसी साल के अंत में होने वाले राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर गुरुवार (17 अगस्त) को चुनाव प्रबंधन समिति और संकल्प (घोषणा) पत्र कमेटी के गठन की घोषणा की। इन दोनों समितियों में वसुंधरा का नाम नहीं है।

चुनाव प्रबंधन समिति और संकल्प समिति से वसुंधरा का नाम नहीं होने के बाद पार्टी के भीतर और बाहर चर्चा तेज हुई। कयासबाजियों का दौर भी चला। इसे लेकर जब बीजेपी से सवाल पूछे गए तो पार्टी ने कहा, 'सभी को भूमिका दी जा रही है। अंदर खाने ये भी बात है कि वसुंधरा की मंशा जरूर इलेक्शन कमेटी के अध्यक्ष पद हासिल करने की है।

...तो वसुंधरा के साथ हो गया 'खेल'?

आपको बता दें, राजस्थान विधानसभा चुनाव (Rajasthan Assembly Election) को लेकर बीजेपी ने दो कमेटियों का गठन किया है। भाजपा ने चुनाव प्रबंधन समिति की कमान नारायण पंचारिया (Narayan Panchariya) को सौंपी जबकि संकल्प समिति (Manifesto) के संयोजक केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल (Arjun Ram Meghwal) को बनाया गया। राजस्थान चुनाव को लेकर गठित दोनों कमेटियों में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को स्थान नहीं मिल सकी। ऐसे में कई तरह के सवाल उठने लगे। कहा जा रहा है कि क्या राजस्थान की सियासत में वसुंधरा राजे के साथ 'खेल' हो गया?

BJP सीएम फेस को लेकर नहीं खोल रही पत्ते

दरअसल, बीजेपी की तरफ से राजस्थान की सियासी जंग जीतने की कवायद जारी है। बीजेपी ने राज्य में चुनाव के लिए दो महत्वपूर्ण समितियों का गठन किया है, मगर किसी में भी वसुंधरा राजे को जगह नहीं दी गई। बता दें, वसुंधरा राजस्थान में बीजेपी की सबसे बड़ी नेता हैं। वो राज्य में दो बार मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। तीसरी बार भी मुख्यमंत्री पद की दावेदारों में शामिल हैं। बावजूद बीजेपी राजस्थान में सीएम फेस को लेकर अपने पत्ते नहीं खोल रही। वहीं, वसुंधरा गुट भी लगातार 'प्रेशर पॉलिटिक्स' कर रहा है।

'वसुंधरा राजे हमारी सीनियर लीडर हैं'

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी (Prahlad Joshi) ने कहा, 'वसुंधरा राजे हमारी सीनियर लीडर हैं। हम हमेशा ही उन्हें कार्यक्रमों में शामिल करते रहे हैं। आगे भी उन्हें जगह मिलती रहेगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वसुंधरा राजे की भूमिका के बारे में पूछे गए सवाल पर प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह (Arun Singh) ने कहा, 'बाकी सभी वरिष्ठ नेता प्रचार करेंगे।'

जानें किसे मिली क्या जिम्मेदारी?

राजस्थान में 'प्रदेश संकल्प पत्र समिति' का संयोजक केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को बनाया गया है। इस समिति में राज्यसभा सदस्य घनश्याम तिवाड़ी (Ghanshyam Tiwari), किरोड़ी लाल मीणा (Kirori Lal Meena), राष्ट्रीय मंत्री अल्का सिंह गुर्जर (Alka Singh Gurjar), पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष राव राजेंद्र सिंह (Rao Rajendra Singh), पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया (Subhash Maharia), पूर्व मंत्री प्रभु लाल सैनी (Prabhu Lal Saini) और सह संयोजक राखी राठौड़ को बनाया गया है।

प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति में किसे मिली जगह?

इसी तरह, प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति का संयोजक पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष नारायण पंचारिया को बनाया गया है। इस समिति में पार्टी के पूर्व प्रदेश महामंत्री ओंकार सिंह लखावत (Onkar Singh Lakhawat), पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राज्यवर्धन सिंह राठौड़ (Rajyavardhan Singh Rathore), प्रदेश महामंत्री भजनलाल, प्रदेश महामंत्री दामोदर अग्रवाल (Damodar Agarwal), पूर्व सूचना आयुक्त सीएम मीणा और कन्हैया लाल बैरवाल (Kanhaiya Lal Bairwal) को सह संयोजक की जिम्मेदारी दी गई है।

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