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Rakesh Jhunjhunwala Death: इंडिया के वॉरेन बफे राकेश झुनझुनवाला का 62 साल की उम्र में हुआ निधन

Rakesh Jhunjhunwala Death: वयोवृद्ध निवेशक राकेश झुनझुनवाला का रविवार सुबह निधन हो गया। वह 62 साल के थे। मिडास टच वाले निवेशक को "इंडियाज वॉरेन बफे" करार दिया गया था। वह एक व्यापारी और चार्टर्ड एकाउंटेंट दोनों थे, और देश के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक थे।

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Published on: 14 Aug 2022 4:09 AM GMT (Updated on: 14 Aug 2022 9:01 AM GMT)
Rakesh Jhunjhunwala Death
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Rakesh Jhunjhunwala Death (image social media)

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Rakesh Jhunjhunwala Death: शेयर बाजार के बिग बुल राकेश झुनझुनवाला का रविवार सुबह निधन हो गया। वह 62 साल के थे। मिडास टच वाले निवेशक को "इंडियाज वॉरेन बफे" करार दिया गया था। वह एक व्यापारी और चार्टर्ड एकाउंटेंट दोनों थे, और देश के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक थे। झुनझुनवाला हंगामा मीडिया और एप्टेक के अध्यक्ष होने के साथ-साथ वाइसरॉय होटल्स, कॉनकॉर्ड बायोटेक, प्रोवोग इंडिया और जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के निदेशक भी थे।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट करके कहा है, अनुभवी निवेशक राकेश झुनझुनवाला के आकस्मिक निधन से स्तब्ध हूँ। उन्हें व्यापार और उद्योग में उनके योगदान के लिए याद किया जाएगा। वह भारतीय शेयर बाजारों में निवेश की संस्कृति बनाने में सबसे आगे थे। उनके परिवार और कई प्रशंसकों के प्रति संवेदना।



झुनझुनवाला जब कॉलेज में थे तब उन्होंने शेयर बाजार में हाथ आजमाना शुरू कर दिया था। उन्होंने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया में दाखिला लिया, लेकिन स्नातक होने के बाद, उन्होंने दलाल स्ट्रीट में पहली बार गोता लगाने का फैसला किया। झुनझुनवाला ने 1985 में पूंजी में 5,000 रुपये का निवेश किया था। वह पूंजी सितंबर 2018 तक बढ़कर 11,000 करोड़ रुपये हो गई थी।

अपने पिता को अपने दोस्तों के साथ शेयर बाजार पर चर्चा करने के बाद, झुनझुनवाला को इसमें दिलचस्पी हो गई। झुनझुनवाला ने अपने पिता को यह कहते हुए उद्धृत किया कि पिता ने कहा था कि उन्हें नियमित रूप से समाचार पत्र पढ़ना चाहिए क्योंकि वह समाचार ही हैं जो शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव का कारण बनते हैं। रिपोर्टों के अनुसार, उनके पिता ने उन्हें शेयर बाजार में काम करने की अनुमति दी, लेकिन उन्होंने वित्तीय सहायता देने से इनकार कर दिया और दोस्तों से पैसे मांगने से भी मना किया।

अभी एक सप्ताह पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अकासा एयर कंपनी की पहली व्यावसायिक उड़ान को झंडी दिखाकर मुंबई से अहमदाबाद के लिए रवाना किया था। झुनझुनवाला की एयरलाइन लॉंच होने के कारण वह सुर्खियों में थे और पूरे देश की उनपर नजर थी। लोगों के मन में लगातार सवाल उठ रहे हैं कि आखिर एविएशन जैसे सेक्‍टर में झुनझुनवाला को उतरने की क्‍या जरूरत थी। खासतौर से तब जब पूरी दुनिया पर मंदी के बादल मंडरा रहे हैं। तमाम दिग्‍गज इस सेक्‍टर में आकर फेल हो चुके हैं।

हालांकि राकेश झुनझुनवाला को आकासा के हिट या फ्लॉप होने का कोई डर नहीं था। वह इशारों में यह बात कह चुके थे। उन्‍होंने कहा था कि वह पहले ही नाकामी के लिए तैयार हैं। कोशिश नहीं करने के बजाय प्रयास करने के बाद नाकाम होना बेहतर है। राकेश झुनझुनवाला को शेयर बाजार में वह बिग बुल भी कहा जाता है। अकासा एयर में सबसे बड़ी हिस्‍सेदारी राकेश झुनझुनवाला और उनकी पत्‍नी रेखा की है। दोनों की कुल हिस्‍सेदारी 45.97 फीसदी है। इस सेक्‍टर में सुब्रत राय सहारा, नरेश गोयल और विजय माल्या जैसे दिग्गज फिसल चुके हैं।

Prashant Dixit

Prashant Dixit

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