फर्रुखाबाद में 49 बच्चों की मौत पर कार्रवाई, DM-CMO-CMS हटाए गए

aman
By aman
Published on: 4 Sept 2017 10:41 AM IST
फर्रुखाबाद में 49 बच्चों की मौत पर कार्रवाई, DM-CMO-CMS हटाए गए
X
फर्रुखाबाद में दोहराया गोरखपुर कांड, ऑक्सीजन- दवा की कमी से 49 बच्चों की मौत

लखनऊ: प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में भी गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज जैसा हादसा हुआ है। यहां ऑक्सीजन और दवा की कमी से 49 बच्चों की मौत हो गई है। फर्रुखाबाद के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में 30 दिनों में करीब 49 बच्चों की मौत पर जिला प्रशासन ने जांच के बाद रिपोर्ट दर्ज करा दी है। जांच में बच्चों की मौत लापरवाही और इलाज में अभाव होना बताया गया है।

अब इस मामले पर प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए फर्रुखाबाद के डीएम रवीन्द्र कुमार, सीएमओ उमाकांत पांडे और सीएमएस डॉ अखिलेश अग्रवाल को हटा दिया है। खुद सीएमओ और सीएमएस ने अपनी रिपोर्ट में डीएम को बताया है कि बच्चों की मौत ऑक्सीजन की कमी से हुई।

ये भी पढ़ें ...BRD मेडिकल कॉलेज: कमीशन के खेल में गई 60 मासूमों की जान!

बता दें, कि फर्रुखाबाद के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में 20 जुलाई से 21 अगस्त तक 49 बच्चों की मौत का आंकड़ा सामने आया था। इनमें 19 बच्चों की मौत प्रसव के दौरान, जबकि 30 बच्चों की मौत न्यू बोर्न केयर यूनिट में इलाज के दौरान हुई थी। इस मामले में जिला प्रशासन ने एक पैनल से जांच कराई थी। इस जांच दल में सिटी मजिस्ट्रेट, एसडीएम और तहसीलदार थे।

ये भी पढ़ें ...झारखंड में इंसेफलाइटिस, निमोनिया से 800 से ज्यादा बच्चों की मौत

हुआ था केस दर्ज

जांच में गोरखपुर कांड की ही तरह यह बात सामने आई है कि अस्पताल में हुई बच्चों की मौत इलाज के दौरान ऑक्सीजन और दवाओं की कमी तथा लापरवाही के चलते हुई है। इस मामले में जांच रिपोर्ट के आधार पर नगर मजिस्ट्रेट ने फर्रुखाबाद कोतवाली में सीएमओ और राम मनोहर लोहिया अस्पताल के सीएमएस और डॉक्टरों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है।

ये भी पढ़ें ...BRD मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल और उनकी पत्नी गिरफ्तार

फर्रुखाबाद में दोहराया गोरखपुर कांड, ऑक्सीजन-दवा की कमी से 49 बच्चे मरे

aman

aman

Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

Next Story