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Hardoi Famous Mandir: उत्तर प्रदेश के हरदोई में इन मंदिरों के करें दर्शन, इनसे जुड़ी हैं पौराणिक मान्यताएं
Hardoi Famous Mandir History: हरदोई उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध जगह है जहां पर आपको घूमने फिरने के लिए एक से एक पर्यटक स्थल मिलेंगे। चलिए यहां के कुछ स्थानों के बारे में जानते हैं।
Hardoi Famous Mandir : उत्तर प्रदेश के प्रमुख जिलों में से एक हरदोई है। यहां कई धार्मिक स्थल मौजूद हैं। अगर आप लखनऊ घूमने आ रहे हैं तो हरदोई घूमना न भूलें। लखनऊ से हरदोई जिले की दूरी करीब 110 किलोमीटर है। हरदोई में कई प्राचीन मंदिरों के अलावा ऐतिहासिक इमारतें मौजूद हैं। जिले की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक हरदोई का संबंध हिरणकश्यप से है। पहले इसे हरिद्रोही के नाम से जाना जाता था। आज की स्टोरी में हम आपको को बताने जा रहे हैं हरदोई के कुछ खास टूरिस्ट प्लेस।
बावन पूरी हरदोई (Bawan Puri Hardoi)
बावन ग्राम के पूर्व में सूरज कुंड नाम का तालाब है तथा उस तालाब के समीप नकटिया देवी मंदिर है । इस मंदिर के सामने पीपल का एक पेड़ है जिसके नीचे टूटे पत्थरों की अनेक मूर्तियाँ हैं । यह मंदिर काफी प्राचीन है । ऐसी किवान्दंती है की अस्त्र के प्रहार से कुसुम्बी देवी की मूर्ती खंडित हो गयी थी तबसे इसे नकटिया देवी के नाम से जाना जाता है । बावन तथा आसपास के ग्रामों के निवासी कोई भी शुभ कार्य करने से पूर्व इस मंदिर में पूजा अर्चना करते हैं।
संकट हरण मंदिर हरदोई (Sankat Haran Temple)
जिला मुख्यालय से करीब 20 किमी दूर स्थित प्राचीन शिवालय के प्रति देश भर के शिवभक्तों में श्रद्धा और आस्था है । सकाहा गांव स्थित इस शिवालय को शिव संकट हरण मंदिर सकाहा के नाम से जाना जाता है । सावन माह में पूरे मास यहां मेले का माहौल रहता है। कांविरयों के जत्थे और शिव भक्तों का यहां बड़ा जमघट लगता है। मान्यता है कि यहां भोले के भक्तों के कष्ट हर जाते है इस लिए शिवालय का नाम शिव संकट हरण है।
हत्या हरण तीर्थ हरदोई (Hatya Haran Treeth Hardio)
उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ से लगभग 150 किलोमीटर की दूरी पर ब्रह्महत्याहरण तीर्थ सरोवर हरदोई जनपद की संडीला तहसील में पवित्र नैमिषारण्य परिक्रमा क्षेत्र में स्थित है। हजारों वर्ष पूर्व जब भगवान राम ने रावण का वध कर दिया था तो उन्हें ब्रह्महत्या का दोष लग गया था। उस पाप को मिटाने के लिए भगवान राम भी इस सरोवर में स्नान करने आए थे।
बूढ़े बाबा मंदिर हरदोई (Bude Baba Mandir Hardio)
हरदोई बूढ़े बाबा मंदिर प्राचीन स्थान है। यह ऐतिहासिक मंदिर प्रहलाद घाट से थोड़ी दूर स्थित है। जिसका निर्माण सन् 1949 के लगभग करवाया गया इसके प्रांगण में एक पीपल का पेड़ है जिसे ‘ हरदोई बाबा का दरबार ‘ के नाम से जाना जाता है। यहाँ पर अनेक देवताओ की मूर्तिया स्थापित है मंदिर के सामने स्थित भवन ‘कीर्तन भवन’ के नाम से जाना जाता है। इसकी दीवारों पर भगवान राम, कृष्ण,राजा हरिशचन्द्र तथा श्रवण कुमार के जीवन से सम्बन्धित चित्र बने है चैत्र मॉस में रामनवमी नवमी,दशमी एकादशी का मेला लगता है,तथा राम लीला होती है।
प्रहलाद घाट हरदोई (Prahlad Ghat Hardoi)
भगवान नरसिंह के अवतार और भक्त प्रह्लाद के साथ होलिका दहन की पौराणिक कथा को लेकर कमोवेश सभी ने पढ़ा है और भक्त प्रह्लाद की भक्ति की गाथा अपने आप में अनूठी है। यहां हम आपको बता रहें हैं कि नैमिषारण्य जो कि हरदोई की सीमा पर स्थित है और नैमिषारण्य धाम की तरह ही हरदोई को लेकर भी धर्म अध्यात्म में मान्यता है। हरदोई शहर में स्थित भक्त प्रह्लाद का घाट और नरसिंह भगवान का मंदिर हमें हिरणाकश्यप की नगरी की याद दिलाता है। इस परिसर से करीब तीन कोस की दूरी पर भगवान वामन अवतार का मंदिर है जिस स्थान को वाबन कस्बा के रूप में जाना जाता है जब कि इन परिसरों से करीब 12 कोस पर नैमिषारण्य है और 6 कोस की दूरी पर ब्रम्हावर्त सांडी झील के पास है।