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CBI अधिकारी बताकर रिटायर्ड वैज्ञानिक को डिजिटल अरेस्ट करके की 1.29 करोड़ की ठगी, 4 अभियुक्तों को यूपी STF ने किया गिरफ्तार

UP News: भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान से रिटायर्ड वैज्ञानिक को शातिर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट करके संगीन मामलों में फसने की बात कहकर 1.29 करोड़ की ठगी कर ली। यूपी STF ने 4 शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है।

Hemendra Tripathi
Published on: 5 July 2025 7:06 PM IST
Lucknow News
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UP STF arrest four accused  was digitally arrested retired scientist by posing as fake CBI officer

UP News: उत्तर प्रदेश में ह्यूमन ट्रैफिकिंग, जॉब फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे मामलों की जांच में नाम आने की बात कहकर ठगी करने के मामले तेजी के साथ बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे मामलों में कई बार एक एक सप्ताह तक डिजिटल अरेस्ट करके पीड़ितों से करोड़ों तक कि ठगी कर ली जाती है। इसी से जुड़ा एक नया मामला सामने आया, जहां भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान से रिटायर्ड वैज्ञानिक को शातिर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट करके संगीन मामलों में फसने की बात कहकर 1.29 करोड़ की ठगी कर ली। मामले की जांच में जुटी यूपी STF की टीम ने शनिवार को लखनऊ के गोमतीनगर से 4 शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया। गौर करने वाली बात ये है कि इन अभियुक्तों ने रिटायर्ड वैज्ञानिक से खुद को CBI अधिकारी बताकर कॉल की थी।

जानिए! रिटायर्ड वैज्ञानिक से कैसे हुई ठगी की वारदात-

यूपी STF की टीम ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान से रिटायर्ड वैज्ञानिक शुकदेव नन्दी के मोबाइल पर किसी अज्ञात नम्बर से वॉटसएप पर काल आया। जिस पर बैंगलुरू सिटी पुलिस का लोगो लगा हुआ था। कालर की ओर से बताया गया कि आपके आधार कार्ड का प्रयोग कर सिम एक्टिवेट करके ह्यूमन ट्रैफिकिंग और जॉब फ्रॉड किया गया है, जिसका अवैध पैसा आपके खाते में आया है। कॉलर द्वारा उनको सीबीआई ऑफिसर दयानायक से बात करने के लिए एक मोबाइल नंबर दिया गया और उनसे बात करने के लिए कहा गया। जिस पर शुकदेश नन्दी द्वारा दिए गए मोबाइल नम्बर पर बात की गई तो दयानायक नाम के व्यक्ति ने अपनी बातों से डराकर रिटायर्ड वैज्ञानिक को 3 दिन तक डिजिटल अरेस्ट करके अलग-अलग खातों में लगभग 1.29 करोड रूपये ट्रान्सफर करा लिए और यह बताया गया कि सीबीआई की ऑडिट टीम द्वारा आपके खाते की जाँच की जाएगी।

ठगी का एहसास होने के बाद दर्ज हुआ मुकदमा, यूपी STF ने शुरू की जांच

अपने साथ ही करोड़ों की ठगी का एहसास होने के बाद रिटायर्ड वैज्ञानिक शुकदेव नन्दी 26 जून को बरेली के थाना साइबर क्राइम में धारा 318 (4), 319(2), 308(6), 61(2) व 111 BNS व 66डी आई०एक्ट० का मुकदमा दर्ज कराया। इस मामले की जांच साइबर थाना बरेली द्वारा की जा रही थी। वहीं, मामले में फरार अभियुक्त की गिरफ्तारी के लिए यूपी STF से आवश्यक सहयोग प्रदान करने का अनुरोध किया गया। जिसके बाद यूपी STF की टीम भी मामले की जांच और अभियुक्तों की गिरफ्तारी में जुट गई। बताया जाता है कि इसी बीच टीम को ये सूचना मिली कि खुद को पुलिस अधिकारी/सी०बी०आई० अधिकारी बताकर डिजिटल अरेस्ट करके ठगी करने वाले गिरोह के कुछ लोग गोमतीनगर के ग्वारी गांव के निकट गोमती नगर विस्तार जाने वाले फ्लाई ओवर के पास किसी का इंतजार कर रहे है। सूचना मिलते ही मौके पर जाकर यूपी STF की टीम ने चार अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया।

4 अभियुक्त हुए गिरफ्तार, कब्जे से मोबाइल और ATM कार्ड बरामद

यूपी STF की टीम ने बताया कि मौके से श्याम कुमार, रजनीश द्विवेदी, सुधीर कुमार चौरसिया, महेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ चन्दन सिंह नाम के 4 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है। उनके कब्जे से 6 मोबाइल, 6 ATM कार्ड व 4 बैंक चेकबुक बरामद हुई है। गिरफ्तार सुधीर कुमार चौरसिया ने पूछताछ में बताया कि 4 महीने पहले वाराणसी में अंकित नाम के व्यक्ति से उसकी मुलाकात हुई। जिसने उसे दीपक नाम के व्यक्ति का नम्बर दिया और बताया कि यह कम्पनी चलाता है और कम्पनी का पैसा बैंक खातों में भिजवाकर कमीशन देता है। अभियुक्त सुधीर ने बताया कि इस बात पर उसकी दीपक से बात होने लगी। दीपक ने अकाउन्ट उपलब्ध कराने एवं उसके बदले कमीशन देने को कहा।

पूछताछ में अन्य कई नाम आए सामने

पूछताछ में अभियुक्त सुधीर ने बताया कि वह लालच में आकर श्याम कुमार, रजनीश एवं महेन्द्र के साथ मिलकर बैंक खातों का प्रबन्ध करता था और उनका बैंक खाता संख्या प्राप्त कर दीपक को टेलीग्राम एप के माध्यम से भेजता था। इसके साथ ही उसने बताया कि दिये गये बैंक खातों में जो पैसा आता था, उसे लेने के लिए दीपक लखनऊ के रहने वाले फैज को भेजता था। अब तक अभियुक्त द्वारा करीब 1.5 करोड़ रुपये निकालकर फैज को दिया गया है। फैज उसके बदले USDT दीपक के Trust Wallet में भेजता है। फैज के साथ सिराज अली और गुफरान निवासी लखनऊ काम करते हैं। टीम का कहना है कि अभियुक्तों द्वारा बताये गये बैंक खाते, वॉलेट आदि की जानकारी व गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं। अभियुक्तों से बरामद इलेक्ट्रानिक उपकरणों का फारेंसिक परीक्षण कराया जाएगा।

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