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सबसे खतरनाक भूकंप: पता चला कब आई थी ये तबाही, कांप जाएंगे प्रलय की कहानी से
Earthquake News: यह रिसर्च चिली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डिएगो सालाजार ने किया है। उन्होंने इस रिसर्च में पाया कि उस समय धरती पर रह रहे इंसानों को 1000 वर्षों तक समुद्र तटों को छोड़ना पड़ गया था।
Evidence Of Biggest Earthquake : क्या आपको पता है कि इस धरती पर अब तक का सबसे बड़ा भूकंप (Earthquake) कब आया था? नहीं। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं। हाल ही में वैज्ञानिकों को मानव इतिहास के अब तक के सबसे बड़े भूकंप के बारे में पता चला। एक स्टडी में पता चला कि इस भयानक भूकंप की तीव्रता तब रिक्टर पैमाने (Richter scale) पर 9.5 थी। कहा जाता है, इस भूकंप की वजह से करीब 8,000 किलोमीटर की दूरी तक सुनामी आई थी।
यह रिसर्च चिली यूनिवर्सिटी ((University of Chile)) के प्रोफेसर डिएगो सालाजार ने किया है। उन्होंने अपने इस रिसर्च में पाया कि उस समय धरती पर रह रहे इंसानों को 1000 वर्षों तक आसपास के समुद्र तटों को छोड़ना पड़ गया था।
3,800 साल पहले आया था ये भूकंप
यह स्टडी हाल में ही साइंस एडवांस (Science Advances) जर्नल में छपी। स्टडी में ये बताया गया कि यह भूकंप करीब 3,800 साल पहले आया था। अब आपके मन में कौतूहल उठना लाजमी है कि आखिर वो जगह थी कहां? तो आपको बता दें कि उसे अब 'उत्तरी चिली' के नाम से जाना जाता है। दरअसल, एक टेक्टोनिक प्लेट (Tectonic Plate) के टूटने के कारण इस इलाके की तटरेखा (Coastline) ऊपर उठ गई थी।
आई थी बेहद शक्तिशाली सुनामी
आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि तब उस भूकंप के बाद आई सुनामी इतनी शक्तिशाली थी, कि इससे समुद्र में 66 फीट ऊंची लहरें उठी थीं। उत्तरी चिली से उठी ये लहरें दक्षिणी ध्रुव के करीब न्यूजीलैंड तक पहुंच गई थी। इन लहरों के साथ समुद्री तटों, पहाड़ों और सागर की तलहटी से निकले पत्थर हजारों किलोमीटर तक फैल गए थे। सचमुच वो पल भयावह रहा होगा।
1960 में रिकॉर्ड हुआ था सबसे बड़ा भूकंप
अब तक, रिकॉर्ड किया गया धरती का सबसे बड़ा भूकंप 1960 में आया था। इसे वाल्डिविया भूकंप (Valdivia earthquake) कहते हैं। कहा जाता है यह 9.4 से 9.6 के बीच तीव्रता वाला था। इस भूकंप ने दक्षिणी चिली को झकझोर कर रख दिया था। तब इस भूकंप में 6,000 लोग मारे गए थे। इसकी वजह से प्रशांत महासागर (Pacific Ocean) में बार-बार सुनामी आती रही। वाल्डिविया भूकंप जिस टेक्टोनिक प्लेट (Tectonic Plate) के टूटने की वजह से आया था, उसकी लंबाई 800 किमी थी। अब वैज्ञानिकों का कहना है कि हालिया स्टडी में खोजा गया भयानक भूकंप 1960 के भूकंप से कहीं ज्यादा बड़ा था। अनुमान है तब टूटी टैक्टोनिक प्लेट की लंबाई करीब 1,000 किमी रही थी।
ऐसे भूकंप इस वजह से आते हैं
वाल्डिविया भूकंप की तरह यह प्राचीन भूकंप एक मेगा थ्रस्ट भूकंप (Megathrust Earthquake) था। इसे दुनिया का सबसे शक्तिशाली भूकंप भी कहा जा सकता है। आपको बता दें, कि ऐसे भूकंप तब आते हैं जब पृथ्वी की एक टेक्टोनिक प्लेट दूसरे के ऊपर-नीचे हो जाती हैं या आपस में टकराती हैं। दोनों प्लेटों के घर्षण की वजह से प्लेटें लॉक हो जाती हैं। यहां यह जानना भी जरूरी है कि जिन बलों की वजह से प्लेटें आपस में टकराती हैं, उनका बनना जारी रहता है। इससे तनाव इतना बढ़ जाता है। प्लेटों का संपर्क टूट जाता है। जिससे बड़ी दरार आ जाती है। इस दरार से विनाशकारी तरंगों के रूप में ऊर्जा निकलती है।
यहां मिलते हैं इन भूकंपों के सबूत
आपको बता दें कि, इस विशाल भूकंप के सबूत समुद्र के तटों पर मिलने वाले चीजों जैसे जमा पत्थर, कंकड़ तथा रेत, समुद्री चट्टानों और समुद्री जीवन में दिखाई देते हैं। शोधकर्ताओं को ये सबूत चिली के अटाकामा रेगिस्तान (Atacama Desert) में मिले। समुद्र से ये सब इतनी दूर किस तरह आए? इसका पता लगाने के लिए शोधकर्ताओं ने रेडियो कार्बन डेटिंग (radiocarbon dating) का इस्तेमाल किया था।