58 साल बाद लगेगा ऐसा सूर्य ग्रहण, मचेगी चारों तरफ तबाही, जानिए क्या होगा प्रभाव

साल 2019 का आखिरी सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर 2019 को लगने जा रहा है। यह ग्रहण सुबह 8 बजे से शुरू होगा, 9:37 पर ग्रहण का मध्यकाल होगा और 10:57 पर ग्रहण समाप्त हो जाएगा। ज्योतिषियों के मुताबिक साल का आखिरी सूर्य ग्रहण तबाही का कारण बन सकता है।

Update: 2019-12-25 11:39 GMT

नई दिल्ली: साल 2019 का आखिरी सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर 2019 को लगने जा रहा है। यह ग्रहण सुबह 8 बजे से शुरू होगा 9:37 पर ग्रहण का मध्यकाल होगा और 10:57 पर ग्रहण समाप्त हो जाएगा। ज्योतिषियों के मुताबिक साल का आखिरी सूर्य ग्रहण तबाही का कारण बन सकता है। इसलिए लोगों को संभलकर रहने की आवश्यकता है।

ग्रहण के समय 6 ग्रह सूर्य, चन्द्रमा, गुरु, शनि और बुध की युति धनु राशि में केतु के साथ होगी। इससे पहले 5 फरवरी 1962 के पूर्ण सूर्य ग्रहण के समय मकर राशि में सभी 7 ग्रह केतु के साथ उपस्थित थे। उस ग्रहण के प्रभाव से उस वर्ष क्यूबा-मिसाइल संकट के कारण अमेरिका और रूस के बीच युद्ध की नौबत आ गयी थी। उसी साल चीन ने भारत पर हमला किया था। करीब 58 साल बाद लगने जा रहा विशेष सूर्य ग्रहण।

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यह सूर्य ग्रहण खाड़ी देशों अफगानिस्तान, पाकिस्तान, भारत, चीन और पूर्वी एशिया के बड़े हिस्से में देखा जाएगा। ग्रहण के दौरान कुछ विशेष सावधानी बरतनी होती है जिससे इसके प्रभावों से बचा जा सके।

पौष के महीने में पड़ने वाले इस सूर्य ग्रहण से एक दिन पहले मंगल राशि के जल-तत्व की राशि वृश्चिक में प्रवेश करने की वजह से ग्रहण के 3 से 15 दिनों के भीतर प्राकृतिक आपदा जैसे भूकंप, सुनामी और खूब बर्फबारी होने की आशंका है। ग्रहण के समय धनु राशि में बुध की युति सूर्य और चन्द्रमा से हो रही है जिस कारण इसके अशुभ फल तुरंत दिखाई देंगे।

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ग्रहण के समय सूर्य,चन्द्रमा, बुध, केतु और गुरु मूल नक्षत्र में होकर कूर्म-चक्र के अनुसार पश्चिम दिशा को इंगित कर रहे हैं जिसके प्रभाव से मध्य एशिया, पाकिस्तान और भारत के पश्चिमी इलाकों में हिंसक घटनाएं हो सकती हैं और प्राकृतिक आपदा में जान-माल का नुकसान हो सकता है।

धनु राशि पूर्व दिशा के स्वामी है अत: धनु राशि में पड़ने वाले ग्रहण की वजह से जापान, इंडोनेशिया, फिलीपीन्स आदि पूर्वी एशिया के देशों में भूकंप के बाद तूफान का खतरा रहेगा। ग्रहण के समय गोचर में शुक्र जल तत्व की राशि मकर में होंगे। बृहत् संहिता के अनुसार इस स्थिति में बेमौसम की बारिश और भयंकर बर्फबारी से सर्दी के बढ़ने का योग है।

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धनु राशि में सूर्य के अलावा चंद्र, बुध, गुरू, शनि केतु स्थित हैं। धनु में शनि होने की वजह से सभी ग्रह भारी हो जाएंगे। काल पुरुष की कुंडली में जब एक तरफ सारे ग्रह चले जाएं तो समझिए आपका जीवन में मुश्किलें आ सकती हैं।

ऐसे बचें

-धनु राशि के दो सबसे भारी ग्रह शनि और सूर्य की उपासना करने से सूर्य ग्रहण के बुरे प्रभावों से बच सकते हैं। ग्रहण के बाद सूर्य को जल में शहद, गुड़ या लाल मिर्च डालकर अगले 15 दिनों तक चढ़ाएं।

-शनि के प्रकोप से बचने के लिए चींटियों को आटा या चीनी डालें।

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