काबुल : अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के खैर खाना इलाके में सीनेटर एजादियार के बेटे के अंतिम संस्कार के दौरान तीन बम विस्फोट हुए, जिसमें 20 लोगों की मौत हो गई और 90 अन्य घायल हो गए। एक सुरक्षा अधिकारी ने पुष्टि की है कि बादामबाग इलाके में मोहम्मद सलीम एजादियार के अंतिम संस्कार के दौरान बम विस्फोट हुए।
सूत्रों के मुताबिक, स्थानीय समयानुसार अपराह्न 3.30 बजे तीन आत्मघाती हमलावरों ने एक के बाद एक खुद को विस्फोट से उड़ा लिया।
अंतिम संस्कार में कई उच्च स्तरीय अधिकारी शामिल थे, जिनमें सीईओ अब्दुल्ला अब्दुल्ला और कार्यवाहक विदेश मामलों के मंत्री सलाहुद्दीन रब्बानी शामिल थे। दोनों ही हमलों में बच गए। रब्बानी ने ट्वीट कर अपने सकुशल बचने की खबर दी और हमले की निंदा भी की।
अधिकारी ने बताया कि विस्फोटों में कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई, जबकि 90 के करीब लोग घायल हुए हैं। अब तक विस्फोट में इस्तेमाल विस्फोटक की पुष्टि नहीं हुई है और किसी संगठन ने अब तक हमले की जिम्मेदारी भी नहीं ली है।
काबुल में ही शुक्रवार को विरोध प्रदर्शित करने के लिए निकाली गई विशाल रैली को रोकने के लिए पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी में एजादियार का बेटा मारा गया था।
सुरक्षाबलों ने कब्रिस्तान के आस-पास के इलाके को घेर लिया है और लोगों को इलाके से दूर रहने की सलाह दी है। तालिबान ने कहा है कि काबुल के सराय शामली इलाके में अंतिम संस्कार के दौरान हुए विस्फोटों में उसके लड़ाके शामिल नहीं थे। तालिबान के प्रवक्ता जबीउल मुजाहिद ने दावा किया है कि यह विस्फोट अंदरूनी विवाद या दुश्मनी का नतीजा हैं।
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने ट्वीट कर हमले की निंदा की है और कहा, "अफगानिस्तान पर हमलों का खतरा बढ़ा है।"
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वहीँ अमेरिका में नियुक्त पाकिस्तान के राजदूत अजीज चौधरी ने दावा किया है कि आतंकवादी संगठन हक्कानी नेटवर्क अफगानिस्तान में पैठ बना चुका है और काबुल में बुधवार को हुए भीषण हमले में इसी संगठन का हाथ है। पाकिस्तानी राजदूत ने कहा कि अफगानिस्तान को इस हमले के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराने के बजाय आतंकवादियों से निपटने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
समाचार पत्र 'वाशिंगटन टाइम्स' को दिए एक साक्षात्कार में अजीज चौधरी ने काबुल के उस दावे को खारिज किया है, जिसमें कहा जा रहा है कि काबुल हमले के पीछे पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन का हाथ है, जिसमें 100 लोग मारे गए और 400 से अधिक घायल हुए।
पाकिस्तानी राजदूत ने अफगानिस्तान के आरोपों को निराधार करार देते हुए खारिज कर दिया।
अफगानिस्तान के खुफिया अधिकारियों का कहना है कि हक्कानी नेटवर्क के एक आत्मघाती हमलावर ने बुधवार को जर्मनी के दूतावास के पास काबुल के राजनयिक इलाके में विस्फोटकों से लदे सीवेज टैंकर में विस्फोट कर दिया था।
अफगानिस्तान की खुफिया एजेंसी 'नेशनल डायरेक्टोरेट ऑफ सिक्योरिटी' ने दावा किया है कि हक्कानी नेटवर्क को पाकिस्तान का समर्थन हासिल है और यह आतंकवादी संगठन अभी भी संघीय प्रशासनिक कबायली इलाके (एफएटीए) में सक्रिय है।
चौधरी ने कहा कि पाकिस्तान ने उत्तरी वजीरिस्तान और अन्य कबायली इलाकों में आतंकवाद के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान छेड़ा हुआ है और उन इलाकों से सारे आतंकवादी संगठनों को खदेड़ा जा चुका है।
चौधरी ने कहा, "जहां तक हमें पता है कि हक्कानी नेटवर्क भागा-भागा फिर रहा है। वे अफगानिस्तान में घुस चुके हैं और उन पर वहीं लगाम लगाए जाने की जरूरत है।"