नई दिल्ली: बुध सोमवार को जब सूर्य के सामने से गुजरा तो वो नजारा अद्भुत था। वैज्ञानिकों 4 बजकर 42 मिनट के बाद सूर्य की तरफ न देखने की वॉर्निंग दी है। इसको देखने पर आपकी आंखों पर बुरा असर पड़ सकता है। यहां तक कि हमेशा के लिए रोशनी भी जा सकती है। सूर्य के सामने से बुध के गुजरने की घटना 100 सालों में 13 बार होती है। इस पूरे प्रॉसेस में करीब साढ़े सात घंटे का वक्त लगा। इस दौरान सूर्य के आगे काले रंग का छोटा सा धब्बा नजर आया। बुध ग्रह बहुत छोटा ग्रह है, इसलिए सूर्य के आगे से गुजरने से अंधेरा नहीं होगा।
कब से कब तक रहेगा असर ?
- सोमवार को शाम 4 बजकर 42 मिनट से सूर्य अस्त होने तक बुध के सूर्य के सामने से गुजरने का असर रहेगा।
-भारत में इसका असर 4 बजकर 42 मिनट से शुरू होकर 7 बजकर 6 मिनट पर सूर्य अस्त होने के बाद खत्म होगा।
रेटिना हो सकता है डैमेज
-सूर्य के आगे से बुध के क्रॉस होते वक्त इससे एनर्जी निकलती है।
- इस एनर्जी की वजह से आंखों का रेटिना पूरी तरह डैमेज हो सकता है।
-चश्मे से भी देखने पर बुरा असर पड़ सकता है।
-सूर्य को देखने के लिए टेलीस्कोप के साथ सोलर फिल्टर का इस्तेमाल करना भी जरूरी है।
-बिना टेलीस्कोप और सोलर फिल्टर के देखने से आंखें खराब भी हो सकती है।
-इस नजारे को देखने के लिए एक्सरे फिल्म या वेल्डिंग ग्लास का प्रयोग बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
अगली बार 2032 में दिखेगा ये नजारा
- भारत में 2032 में मई और नवंबर के महीने में ट्रांजिट ऑफ मर्करी देखा जा सकेगा।
- भारत में इससे पहले 6 नवंबर 2006 को ट्रांजिट ऑफ मर्करी हुआ था, लेकिन नॉर्थ ईस्टर्न राज्यों में यह सूर्योदय के समय ही दिखा था।
- अगला ट्रांजिट ऑफ मर्करी 11 नवंबर 2019 को होग, लेकिन भारत में सूर्यास्त होने की वजह ये नहीं दिखेगा।
कितने दिन में लगाता है चक्कर ?
-बुध, सूर्य का चक्कर 88 दिन में लगा लेता है, जबकि धरती सूर्य का चक्कर 365 दिन में लगाती है।
-बुध, सूर्य और पृथ्वी के बीच से हर 116 दिन में गुजरता है, लेकिन पृथ्वी की तुलना में उसका ऑर्बिटल प्लेन कुछ डिग्री तिरछा है।
-बुध की ऑर्बिट कुछ झुकी हुई है। इसके चलते वह पृथ्वी के ऊपर या नीचे सूर्य का चक्कर लगाता है।