जोहानसबर्ग : भारत के खिलाफ वंडर्स स्टेडियम में खेले जा रहे तीसरे और आखिरी टेस्ट मैच के पहले दिन बुधवार को पहले सत्र में दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाज हावी रहे। पहले सत्र का खेल खत्म होने तक भारत ने 27 ओवरों में सिर्फ 45 रन ही बनाए हैं और अपने दो अहम विकेट खो दिए हैं।
भोजनकाल तक कप्तान विराट कोहली 24 और चेतेश्वर पुजारा पांच रन बनाकर खेल रहे थे।
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भारत ने टॉस जीता और विराट ने तेज गेंदबाजों की मददगार मानी जा रही इस विकेट पर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया। उनका यह फैसला अफ्रीकी गेंदबाजों के सामने गलत साबित हुआ जो लगातार अपनी उछाल और स्विंग से मेहमान टीम की सलामी जोड़ी को परेशान कर रहे थे।
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भारत को पहला झटका लोकेश राहुल के रूप में लगा। वर्नोन फिलेंडर की एक शानदार इनस्विंग गेंद उनके बल्ले का अंदरूनी किनारा लेकर विकेटकीपर क्विंटन डी कॉक के हाथों में जा समाई। राहुल एक भी रन नहीं बना पाए। वह सात के कुल स्कोर पर आउट हुए।
उनके बाद पुजारा और मुरली विजय (8) ने संघर्ष करने की कोशिश की, लेकिन मेजबान टीम के कप्तान फाफ डु प्लेसिस द्वारा किए गए गेंदबाजी में बदलाव के कारण विजय का संघर्ष ज्यादा देर चल नहीं सका। विजय, कागिसो रबादा की बाहर जाती गेंद पर कवर ड्राइव खेलने गए तभी गेंद उनके बल्ले का बाहरी किनारा लेकर डी कॉक के हाथों में चली गई। विकेटकीपर ने यहां कोई गलती नहीं की और विजय को पवेलियन लौटना पड़ा।
इन दोनों के जाने के बाद कप्तान विराट ने अच्छी बल्लेबाजी की और दबाव में बिखरने के बजाए अपना स्वाभविक खेल खेला। उन्होंने अभी तक 58 गेंदें खेलीं और तीन चौके लगाए हैं। पुजारा ने काफी धीमी बल्लेबाजी की। उन्होंने पांच रन बनाने के लिए 66 गेंदें खेली हैं। पुजारा और विराट के बीच अभी तक तीसरे विकेट के लिए 32 रनों की साझेदारी हो चुकी है।