दिल्ली हाईकोर्ट का CCI से सवाल, फेसबुक और व्हाट्सऐप की अपीलों पर दें जवाब

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने जांच का आदेश देने वाले सीसीआई को नोटिस जारी किया।

Written By :  Vijay Kumar Tiwari
Published By :  Suman Mishra | Astrologer
Update: 2021-05-07 04:22 GMT

डिजाइन फोटो, (साभार-सोशल मीडिया)

नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने बृहस्पतिवार(Thursday) को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) से फेसबुक(Facebook) और व्हाट्सऐप (Whatsaap)की उन अपील पर जवाब मांगा, जिसमें मैसेजिंग ऐप की नयी गोपनीयता नीति की जांच का आदेश देने के खिलाफ उनकी याचिकाओं को खारिज करने के एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी गई है।

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने जांच का आदेश देने वाले सीसीआई को नोटिस जारी किया और उससे 21 मई को अगली सुनवाई तक जवाब मांगा है।

आदेश पर सहमति नहीं

एकल पीठ ने 22 अप्रैल को अपने आदेश में कहा था कि हालांकि सीसीआई के लिए व्हाट्सऐप की नयी गोपनीयता नीति के खिलाफ उच्चतम न्यायालय और दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर याचिकाओं पर आने वाले फैसलों की प्रतीक्षा करना "विवेकपूर्ण" होगा, लेकिन ऐसा नहीं करने से नियामक का आदेश "त्रृटिपूर्ण" या "अधिकार क्षेत्र को कम करने वाला" नहीं होगा।

अदालत ने कहा कि उसे फेसबुक और व्हाट्सऐप की याचिका में ऐसा कोई गुण नहीं दिखाई देता, जिसके आधार पर सीसीआई के जांच के निर्देश में हस्तक्षेप किया जाए।

सीसीआई ने एकल पीठ के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए कहा कि वह कथित रूप से व्यक्ति की निजता के हनन की जांच नहीं कर रहा है जिस मामले को उच्चतम न्यायालय देख रहा है।

डिजाइन फोटो, (साभार-सोशल मीडिया)

 नयी नीति में गोपनीयता का दुरुपयोग

सीसीआई ने अदालत के समक्ष तर्क दिया कि व्हाट्सऐप की नयी नीति से भारी मात्रा में उपयोगकर्ताओं की सूचना एकत्र की जाएगी और अधिक उपयोगकर्ताओं को जोड़ने के उद्देश्य से लक्षित विज्ञापन के लिए उनकी 'चुपके से निगरानी' की जाएगी और इस तरह से यह प्रभावशाली स्थिति का कथित रूप से दुरुपयोग होगा।

नियामक ने कहा, ''न्यायाधिकार क्षेत्र के सवाल पर कोई त्रृटि नहीं हुई है। सीसीआई ने व्हाट्सऐप और फेसबुक की याचिका का भी विरोध किया जिसमें उन्होंने फैसले को ' अक्षम और गलत' बताया था।

उल्लेखनीय है कि व्हाट्सऐप और फेसबुक ने सीसीआई के 24 मार्च के आदेश को चुनौती दी थी जिसमें नयी गोपनीयता नीति की जांच का निर्देश दिया गया था।

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