Electoral Bond: टॉप खरीदारों में शामिल है मेघा इंजीनियरिंग, जानिए इसके बारे में

Electoral Bond: मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एमईआईएल) उन टॉप दानदाताओं में से एक थी, जिन्होंने चुनावी बांड योजना के हिस्से के रूप में दान करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक बांड खरीदे थे।

Newstrack :  Network
Update: 2024-03-15 12:55 GMT

चुनावी बांडः टॉप खरीदारों में शामिल है मेघा इंजीनियरिंग (सोशल मीडिया)

Electoral Bond: मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एमईआईएल) उन टॉप दानदाताओं में से एक थी, जिन्होंने चुनावी बांड योजना के हिस्से के रूप में दान करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक बांड खरीदे थे। एमईआईएल, जिसे मेघा के नाम से जाना जाता है, ने 2019 और 2023 के बीच 966 करोड़ रुपये के बांड खरीदे। तेलंगाना स्थित इस कंपनी ने अपना पहला दान अप्रैल 2019 में और अपना नवीनतम दान अक्टूबर 2023 में किया था।

द क्विंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, स्टेट बैंक के डेटा से यह भी पता चलता है कि एमईआईएल से दान के अलावा उससे जुड़ी तीन कंपनियों ने सांकेतिक दान दिया था। इनमें वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड ने चुनावी बांड के माध्यम से 220 करोड़ रुपये, एसईपीसी पावर ने 40 करोड़ रुपये और एवे ट्रांस प्राइवेट लिमिटेड ने 6 करोड़ रुपये का दान दिया था। अगर इन सभी को मिला दिया जाए तो एमईआईएल और संबंधित कंपनियों द्वारा खरीदे गए कुल बांड 1,200 करोड़ रुपये से अधिक हो जाते हैं। अगस्त 2018 में एमईआईएल ने टीवी9 नेटवर्क में बड़ी हिस्सेदारी खरीदकर टीवी समाचार में भी कदम रखा था।

चुनाव आयोग ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार 14 मार्च को चुनावी बांड डेटा सार्वजनिक कर दिया है। स्टेट बैंक द्वारा मंगलवार को चुनाव निकाय में बांड डेटा जमा किया गया था। सार्वजनिक किए गए दस्तावेज़ों के अध्ययन से पता चलता है कि लॉटरी कंपनी फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज के बाद एमईआईएल चुनावी बांड के माध्यम से दूसरा सबसे बड़ा दानदाता था।

एमईआईएल का मालिक कौन है?

एमईआईएल की स्थापना 1989 में हैदराबाद स्थित उद्योगपति पामीरेड्डी पिची रेड्डी द्वारा मेघा इंजीनियरिंग एंटरप्राइजेज के रूप में की गई थी। तटीय आंध्र प्रदेश के एक कृषक परिवार में जन्मे रेड्डी ने शुरुआत में नगर पालिकाओं के लिए पाइप का निर्माण शुरू किया और बाद में उनकी कंपनी ने बांधों, प्राकृतिक गैस वितरण नेटवर्क, बिजली संयंत्रों और सड़कों जैसी बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में विस्तार किया।2006 में उन्होंने कंपनी का नाम बदलकर मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर रख दिया। उनके भतीजे पीवी कृष्णा रेड्डी कंपनी चलाते हैं।

बड़े प्रोजेक्ट्स

एमईआईएल द्वारा शुरू की गई सबसे महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से एक 14 बिलियन डॉलर की कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना थी जिसमें गोदावरी नदी से तेलंगाना के शुष्क भागों में पानी की आपूर्ति शामिल थी।अगस्त 2020 में कम्पनी को जम्मू और कश्मीर में प्रतिष्ठित ज़ोजिला परियोजना के लिए 4,509 करोड़ रुपये का सुरंग निर्माण ठेका मिला था। हाल ही में, जून 2023 में कम्पनी को रक्षा मंत्रालय से 500 करोड़ रुपये का ऑर्डर मिला। इससे पहले अप्रैल 2023 में एमईआईएल ने 14,400 करोड़ रुपये की बोली लगा कर मुंबई में महत्वाकांक्षी ठाणे-बोरीवली जुड़वां सुरंग परियोजना के निर्माण के लिए दो अलग-अलग पैकेज हासिल करने के लिए लार्सन एंड टुब्रो को हराया था। एल एंड टी के बाद एमईआईएल देश की दूसरी सबसे बड़ी कंस्ट्रक्शन कंपनी बन गई है।

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