Rajasthan Famous Temple: राजस्थान के इस मंदिर में हुआ था श्री कृष्ण का मुंडन

Rajasthan Famous Mandir: राजस्थान में कृष्ण जी का एक बहुत ही मनमोहक मंदिर है ऐसी मान्यता है की नंद बाबा और यशोदा माता कान्हा को लेकर यहां आए थे...

Update:2024-09-06 15:01 IST

Rajasthan Famous Tourist Place (Pic Credit-Social Media)

Rajasthan Famous Shri Krishna Mandir: राजस्थान के समृद्ध इतिहास और गौरव पूर्ण गाथाओं के साथ यह शहर धार्मिक मान्यताओं से भी धनी है। यहां पर भगवान कृष्ण से जुड़ी कई प्रसिद्ध स्थान है। उन्हीं में से एक यहां अंबिकेश्वर मंदिर है। जो भगवान कृष्ण के बाल काल के साथ महादेव से भी जुड़ा है। यह मंदिर राजस्थान के आमेर में स्थित है। अंबिकेश्वर मंदिर जयपुर का सबसे प्रसिद्ध शिव मंदिर नहीं हो सकता है, लेकिन यह निश्चित रूप से सबसे ऐतिहासिक मंदिरों में से एक है।

नाम: अंबिकेश्वर महादेव (Ambikeshwar Mahadev Mandir)

लोकेशन: आमेर, जयपुर, राजस्थान

समय: सुबह 6 बजे से रात के 9 बजे तक

राजस्थान की राजधानी जयपुर के आमेर का प्राचीन अंबिकेश्वर महादेव मंदिर सालों से भक्तों की आस्था का केंद्र है. माना जाता है कि अंबिकेश्वर महादेव मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण ने द्वापर युग में इस मंदिर की स्थापना की थी. जिसका उल्लेख भागवत पुराण में भी मिलता है।


ऐसे पड़ा था आमेर का नाम

स्थानीय किंवदंती के अनुसार, आमेर या अंबर जैसा कि कुछ लोग लिखना पसंद करते हैं, इसका नाम आमेर शहर में अंबिकेश्वर महादेव मंदिर के नाम पर रखा गया है। आमेर शब्द आमेर किले और राजा मान सिंह प्रथम , भारमल और जय सिंह द्वितीय जैसे राजपूत राजाओं की बहादुरी और वीरता का पर्याय है। आमेर में 600-700 साल के राजपूत शासन का इतिहास है। उनकी वीरता की कहानियाँ और मुगल शासकों के साथ उनके घनिष्ठ संबंध इतिहास में अच्छी तरह से उल्लेखित हैं।


श्री कृष्ण का मुंडन संस्कार यही हुआ था

द्वापर युग में नंद बाबा और ग्वालों के साथ श्रीकृष्ण इस स्थान पर आए थे और भगवान शिव की पूजा कर आशीर्वाद प्राप्त किया था। मान्यता है कि इसी स्थान पर श्री कृष्ण का मुंडन संस्कार किया गया था। यह मंदिर अपनी भव्यता के साथ ऐतिहासिकता को संजोकर देश भर में प्रसिद्ध है। यहां दूर दूर से शिव भक्त जयकारे लगाते हुए आते हैं। यह मंदिर आमेर फोर्ट के पास सागर मार्ग पर स्थित है. इसी के नाम पर इस जगह को आम्बेर या आमेर नाम दिया गया है। ये शिव मंदिर 14 खंभों पर बना हुआ है।


मंदिर का इतिहास(History Of Mahadev Mandir)

इतिहासकारों के अनुसार, अंबिकेश्वर मंदिर 10वीं शताब्दी का है। इसे उंडा महादेव के नाम से भी जाना जाता है। अंबिकेश्वर महादेव मंदिर आमेर कस्बे में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह इस छोटी सी बस्ती में एक प्रसिद्ध स्थान है। अंबिकेश्वर चौक इस मंदिर के सामने एक बड़ा खुला क्षेत्र है।



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