महिलाएं पूजा के दौरान माथे पर ना लगाएं बिंदी, वजह जानकर आप भी हो जाएंगे सावधान

Update: 2017-11-02 04:52 GMT

जयपुर:धर्मशास्त्रों में बिंदी का बहुत महत्व बताया गया है। इसे शिव का तीसरा आंख कहा गया है। महिलाओं के माथे पर बिंदी का होना उनके लिए सौभाग्य प्रतीक माना गया है। बिंदी जहां एक तरफ महिलाओं के श्रृंगार का हिस्सा है वहीं नारी शक्ति का प्रतीक भी है।

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अक्सर महिलाएं त्योहार और पूजा-पाठ के दौरान बिंदियां लगाती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस तरह आपको पूजा का फल नहीं मिलता। यह जानकर हैरानी होगी कि सौभाग्य वृद्धि के लिए लगाया जाने वाला बिंदी पूजा के फल को नष्ट कर सकता है। इसके पीछे की वजह है।

जैसा कि बिंदी दोनों भौंहों के बीच लगाई जाती है। योग विज्ञान में इस जगह को आज्ञा चक्र कहा जाता है। यहां पर शरीर की तीन प्रमुख नाडियां इड़ा, पिंगला और सुषुम्ना मिलती है। इसलिए ऐसा कहा जाता है कि आध्यात्मिक सोच के लिए यह स्थान बेहद महत्व रखता है।

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जब इस चक्र पर किसी भी प्रकार की रूकावट पैदा होती है तो व्यक्ति का ध्यान स्थिर नहीं हो पाता है। जिस कारण से पूजा का फल नहीं मिल पता है। इसलिए कोशिश करें कि पूजा के दौरान बिंदी का प्रयोग नहीं करें। किसी उत्सव या त्योहार के दौरान बिंदी का इस्तेमाल करना अहितकर नहीं है। लेकिन जब पूजा पर बैठें तो इसे माथे से निकाल देना चाहिए।

 

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