Lucknow News: अंतर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव: बच्चों ने 102 देशों की शैक्षिक फिल्में देखी, एक्टर रूमी सिद्दीकी और अनिल पाण्डेय ने किया प्रेरित
महोत्सव के निदेशक आरके सिंह ने अभिभावकों से अपील किया कि वे अपने बच्चों को इस फिल्म फेस्टिवल में दिखाई जा रही शिक्षात्मक और प्रेरणादायक बाल फिल्मों को देखने के लिए प्रोत्साहित करें।

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Lucknow News: राजधानी के सिटी मांटेसरी स्कूल कानपुर रोड ऑडिटोरियम में चल रहे सात-दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव (आईसीएफएफ-2025) के दूसरे दिन छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों में जबरदस्त उत्साह देखा गया। इस दौरान महोत्सव का माहौल छात्रों और उनके अभिभावकों से खचाखच भरा हुआ था, जो दिनभर शैक्षिक बाल फिल्मों का आनंद लेने पहुंचे।
महोत्सव की शुरुआत दीप प्रज्वलन और सर्व-धर्म प्रार्थना के साथ हुई। इस मौके पर फिल्म अभिनेता रूमी सिद्दीकी, अनिल पाण्डेय और बाल कलाकार आरव शुक्ला ने बच्चों का मनोबल बढ़ाया। बता दें कि यह महोत्सव सभी के लिए पूरी तरह निशुल्क है, जिसमें 102 देशों की लगभग 400 बाल फिल्में प्रदर्शित की जा रही हैं। पहले शो की शुरुआत सुबह 9 बजे और दूसरे शो की शुरुआत दोपहर 12 बजे होती है।
शैक्षिक और प्रेरणादायक फिल्मों का जादू
दूसरे दिन महोत्सव में करीब दस हजार बच्चों ने विभिन्न देशों की शैक्षिक बाल फिल्मों का आनंद लिया। इनमें प्रमुख फिल्मों में 'थ्रेड ऑफ होप, घर किसका है, स्कूल इज ए लाइट हाउस ऑफ सोसाइटी, 'लाइफ इज ब्यूटीफुल, 'साइंस विद खलीफ' एनीथिंग इज पॉसिबल' और 'फेलिक्स द फॉक्स' जैसी फिल्मों ने बच्चों को विशेष रूप से आकर्षित किया। बच्चों के चेहरों पर उल्लास और खुशी इस महोत्सव की सफलता की कहानी बयान कर रहे थे।
वहीं कई छात्रों ने फिल्मों के बाद अपनी प्रतिक्रिया में बताया कि ये फिल्में न केवल मनोरंजन करती हैं, बल्कि जीवन के महत्वपूर्ण मूल्यों को भी सिखाती हैं। वहीं एक छात्र ने बताया कि यह फिल्म फेस्टिवल न सिर्फ मजेदार है, बल्कि हमें प्रकृति और जीव-जंतुओं से प्यार करने की प्रेरणा भी देता है।
फिल्मी हस्तियों ने किया महोत्सव की सराहना
इस खास मौके पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में फिल्म अभिनेता रूमी सिद्दीकी ने कहा कि बच्चों के लिए शिक्षात्मक फिल्मों का आज अभाव है। यह फिल्म फेस्टिवल इस कमी को पूरा करने का शानदार प्रयास है, और सीएमएस इस पहल के लिए बधाई का पात्र है। तो वहीं वरिष्ठ अभिनेता अनिल पाण्डेय ने भी अपनी सराहना जताते हुए कहा कि सीएमएस ने बच्चों को अच्छे विचार देने का बीड़ा उठाया है, जो वास्तव में सराहनीय है। बाल कलाकार आरव शुक्ला ने कहा कि यह फिल्म फेस्टिवल बच्चों के लिए एक स्वर्णिम अवसर है, जहां वे विभिन्न देशों की फिल्मों को एक साथ देख सकते हैं।
अभिभावकों से अपील, बच्चों को शैक्षिक फिल्मों से जोड़ें
महोत्सव के निदेशक आरके सिंह ने अभिभावकों से अपील किया कि वे अपने बच्चों को इस फिल्म फेस्टिवल में दिखाई जा रही शिक्षात्मक और प्रेरणादायक बाल फिल्मों को देखने के लिए प्रोत्साहित करें। ताकि वे जीवन के अच्छे मूल्य सीख सकें। बाल फिल्मोत्सव का यह आयोजन बच्चों, शिक्षकों और अभिभावकों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बनकर उभरा है, जो जीवन के विभिन्न पहलुओं को फिल्म के माध्यम से समझने का एक बेहतरीन तरीका प्रस्तुत करता है।