Free Treatment in UP: इलाज के अभाव में ह्रदयरोग से अब किसी बच्चे की नहीं होगी मौत, मुफ्त इलाज कराएगी सरकार

Free Treatment of Heart Patient in UP- केंद्र सरकार के राष्ट्रीय बाल एवं स्वास्थ्य विभाग कार्यक्रम के तहत उत्तर प्रदेश के सभी जन्मजात ह्रदयरोग से पीड़ित बच्चों का 15 हजार से 02 लाख रुपए तक हो सकेगा मुफ्त इलाज

Written By :  Hariom Dwivedi
Update:2023-02-16 17:05 IST
फोटो- सोशल मीडिया

Free Treatment of Congenital Heart Patient in UP : उत्तर प्रदेश में ह्रदयरोग से पीड़ित किसी भी बच्चे की अब इलाज के अभाव में मौत नहीं होगी। राष्ट्रीय बाल एवं स्वास्थ्य विभाग कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत केंद्र सरकार ऐसे बच्चों के इलाज का खर्च वहन करेगी। दिल की बीमारी से पीड़ित सभी बच्चों को अब दो लाख रुपए तक का इलाज मुफ्त मिल सकेगा। अभी राज्य के तकरीबन 10 फीसदी बच्चों को ही यह सुविधा मिल पा रही है।

ह्रदय रोग से पीड़ित बच्चों का मुफ्त ऑपरेशन व इलाज सिर्फ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के मेडिकल कॉलेज में ही होता है। अब सभी बच्चों को मुफ्त इलाज मिल सके, स्वास्थ्य विभाग इसकी रूपरेखा तैयार कर रहा है। प्रमुख चिकित्सा स्वास्थ्य पार्थसारथी सेन शर्मा के निर्देश पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के अधिकारी इसके लिए 'इंप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट' का मसौदा तैयार कर रहे हैं।

केंद्र सरकार की इस खास योजना के तहत स्वास्थ विभाग प्रदेश के अस्पतालों को इस योजना से जोड़ेगा, ताकि ह्रदयरोग से पीड़ित अधिक से अधिक बच्चों के लिए मुफ्त इलाज मुहैया हो सके। गौरतलब है कि आरबीएसके के तहत हर साल जन्मजात ह्रदय संबंधी विभिन्न बीमारियों से पीड़ित चार से पांच हजार बच्चे चिन्हित किये जाते हैं, जिनमें से बमुश्किल 500 को ही मुफ्त इलाज की सुविधा मिल पाती है। इनमें 250 से 300 बच्चों का अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के मेडिकल कॉलेज में मुफ्त ऑपरेशन होता है।

2 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज

राष्ट्रीय बाल एवं स्वास्थ्य विभाग कार्यक्रम के तहत केंद्र सरकार ने जन्मजात ह्रदयरोग से पीड़ित बच्चों के लिए 31 तरह के पैकेज की घोषणा की है जिसके तहत 'बीमार' बच्चों को मुफ्त इलाज मिल सकेगा। इस योजना के तहत ह्रदयरोगी बच्चों को उनकी बीमारी के आधार पर 15 हजार से दो लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मिल सकेगा।

अब इलाज के अभाव में नहीं होगी बच्चों की मौत: सीएम योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी बीते दिनों कहा था कि अब उत्तर प्रदेश में किसी भी जन्मजात ह्रदयरोगी बच्चे की इलाज के अभाव में मौत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बड़ी संख्या में बच्चे ह्रदय की बीमारी के साथ पैदा होते हैं, जिनमें से कइयों को ऑपरेशन की जरूरत होती है। इलाज के अभाव में इनमें से कई की मौत हो जाती है। अब ऐसा न हो, इसे ध्यान में रखते हुए उन्होंने तत्काल एसजीपीजीआई में पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजी यूनिट के स्थापना की बात कही।

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