विद्युत लोकपाल वी.के. सिंह के नियुक्ति को चुनौती

राज्य सरकार सहित विपक्षियां से 6 हफ्ते में जवाब मांगा है। याचिका में विनय कुमार सिंह को लोकपाल बनाये जाने की वैधता को चुनौती देते हुए उनकी पद पर नियुक्ति की योग्यता को लेकर सवाल उठाये गये है तथा उ.प्र. विद्युत लोकपाल (सेवा शर्ते)

Update: 2019-05-15 15:20 GMT
प्रतीकात्मक फोटो

प्रयागराज: राज्य सरकार सहित विपक्षियां से 6 हफ्ते में जवाब मांगा है। याचिका में विनय कुमार सिंह को लोकपाल बनाये जाने की वैधता को चुनौती देते हुए उनकी पद पर नियुक्ति की योग्यता को लेकर सवाल उठाये गये है तथा उ.प्र. विद्युत लोकपाल (सेवा शर्ते) परिनियमावली 2007 के खण्ड 3.2(1) व (3) को रद्द किए जाने की मांग की गयी है।

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यह आदेश न्यायमूर्ति शशिकांत गुप्ता तथा न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की खंडपीठ ने दिनेश कुमार शुक्ल की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता महावीर यादव व विद्युत विभाग के अधिवक्ता महबूब अहमद ने पक्ष रखा। याची का कहना है कि फोरम में एडीजे रैंक के न्यायिक अधिकारी के आदेश की अपील लोकपाल के समक्ष होगी।

लोकपाल पद पर नियुक्त व्यक्ति विधि स्नातक व अभियंता होना चाहिए। विपक्षी विनय कुमार सिंह मुख्य अभियंता पद से सेवानिवृत्त है। वे विधि स्नातक नहीं है। इसलिए पद पर नियुक्ति के योग्य नहीं है। मालूम हो कि दिनेश शुक्ल के विद्युत कनेक्शन के विवाद में उपभोक्ता व्यथा निवारण फोरम इलाहाबाद के आदेश के खिलाफ लोकपाल के समक्ष अपील दाखिल की।

याची के अधिवक्ता अरुण कुमार मिश्र की रिपोर्ट पर विद्युत विभाग के अधिशाषी अभियंता नैनी को फाइनल बिल बनाने का आदेश हुआ। जिसका पालन न होने पर लोकपाल के समक्ष अर्जी दी गयी। सुनवाई के दौरान बहस पर लोकपाल ने आपत्ति की और अधिवक्ता सुदीप कुमार मिश्र व अरुण कुमार मिश्र को कोर्ट की गरिमा को ठेस पहुंचाने के आरोप में फोरम में बहस करने पर प्रतिबंध लगा दिया। 28 मार्च 19 को पारित इस आदेश को भी चुनौती दी गयी है।

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