SP-RLD के गठबंधन पर ब्रेक, पार्टी में विलय चाहते हैं मुलायम सिंह यादव

Update: 2016-05-29 17:37 GMT

Yogesh Mishra

लखनऊ: रालोद और सपा की गठबंधन की गाड़ी में हल्का सा ब्रेक लग गया है। बातचीत के पहले चरण के बाद यह ब्रेक सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के रालोद-सपा के विलय के प्रस्ताव ने लगाया है। अगर अजित सिंह इस प्रस्ताव पर अमल करते हैं तो सिर्फ उन्हें ही नहीं उनके बेटे जयंत चौधरी को भी उत्तर प्रदेश सरकार में खासा फायदा हो सकता है। उन्हें महत्वपूर्ण विभाग का कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है।

क्या हुई थी सहमति

अमर सिंह और शिवपाल यादव के साथ पहले राउंड की बातचीत में सपा और रालोद के बीच मिलकर नई पारी खेलने की सहमति बन गई थी। इस सहमति को अमली जामा पहनाने के लिए सपा को अजित सिंह के लिए राज्यसभा का रास्ता साफ करना है। हालांकि समाजवादी पार्टी अपने सभी सातों उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। सपा के 7, बसपा के 2, भाजपा और कांग्रेस के एक-एक उम्मीदवार के ऐलान से यह रणनीति उभर कर सामने आ रही है कि उत्तर प्रदेश में इस बार भी राज्यसभा के चुनाव निर्विरोध हो जाएंगे।

सपा को लेना होगा अपना उम्मीदवार वापस

सपा के समाने अपने सातवें उम्मीदवार को जिताने के लिए वोट जुगाड़ने का सिरदर्द नहीं था। ऐसे में यदि अजित सिंह का रास्ता यदि प्रशस्त करना चाहती है तो उसे अपने एक उम्मीदवार का नामांकन वापस लेना होगा।

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