नोएडा-ग्रेटर नोएडा रूट पर चलेगी 'एक्वा मेट्रो', जानें इस मेट्रो में क्या है खास

Update:2016-12-04 15:04 IST

नोएडा: दिल्‍ली-एनसीआर में सबसे पहला मेट्रो ट्रैक रेड लाइन का बना था। उस ट्रैक के बने करीब 12 साल हो चुके हैं। मेट्रो का काम और उसका विस्‍तार अपने शबाब पर है। कुछ ही महीनों में नोएडा मेट्रो का विस्‍तार ग्रेटर नोएडा तक हो जाएगा।

आपको जानकर हैरानी होगी कि ग्रेटर नोएडा की 'एक्‍वा लाइन' कुछ हद तक रेड लाइन मेट्रो की तरह ही होगी। जी हां, रेड लाइल की तरह यहां इस ट्रैक पर भी 4 कोच की ही मैट्रो होगी। आइए आपको बताते हैं कि इस मेट्रो में और किस तरह की सुविधाएं होंगी।

फर्स्‍ट फेज में चलाई जाएंगी 11 मेट्रो

-एक ट्रेन में सिटिंग अरेंजमेंट 186 पैसेंजर्स के लिए होगा। 848 पैसेंजर्स खड़े होकर भी सफर कर सकते हैं।

-एक ट्रेन में चार कोच होंगे यानि पूरी ट्रेन में एक साथ 1,034 पैसेंजर्स सफर कर सकेंगे।

-इस ट्रैक पर चार कोच की कुल 19 ट्रेनों का संचालन होगा। पहले फेज में इनमें से 11 ट्रेनें चलाई जाएंगी।

-एक ट्रेन की लेंथ 90.4 मीटर होगी। पूरी बॉडी स्‍टेनलेस स्‍टील और एल्युमिनियम की बनाई हुई है।

-ट्रेन की एवरेज स्‍पीड 35 किमी प्रति घंटे की रफ़तार से चलाई जाएगी।

आगे की स्लाइड्स में पढ़ें इस मेट्रो में और क्या है खास...

'एक्‍वा लाइन' होगा ये ट्रैक

-नोएडा-ग्रेटर नोएडा की 29.7 किमी लंबे कॉरीडोर पर चलने वाली प्रस्तावित मेट्रो की पहचान तय कर ली गई है।

-ये लाइन एक्वा लाइन से जानी जाएगी।

-साथ ही दो स्लोगनों से भी पहचानी जाएगी। एनएमआरसी ने इस रूट के सभी स्टेशनों और मेट्रो ट्रेनों में 'राइड विद प्राइड' व 'नोएडा मेट्रो अपनी मेट्रो' जैसे स्लोगन लिखे जाएंगे।

-यह लाइन डीएमआरसी की ब्लू लाइन को जोड़ेगी।

-ये लाइन कालिंदी कुंज की मैजेंटा लाइन भी बोटेनिकल गार्डन मेट्रो स्टेशनों को जोड़ेगी।

ये लाइन दो और लाइनों को जोडेगी

-खास बात ये है कि यहां की मेट्रो त्रिकोणीय होगी। जो डीएमआीसी की दोनों अन्य लाइनों को जोड़ेगी।

-यह लाइन डीएमआरसी की ब्लू लाइन को जोड़ेगी।

-जिन लोगों को दिल्ली से ग्रेटर-नोएडा जाना है वे पहले ब्लू लाइन या मैजेंटा लाइन से नोएडा आएंगे।

2017 में होगा निर्माण पूरा

-मेट्रो कॉरीडोर का निर्माण मार्च 2017 तक पूरा कर लिया जाएगा।

-इसके संचालन से करीब 1.5 लाख लोगों को फायदा होगा।

-यात्री प्रतिदिन मेट्रो से ग्रेटर-नोएडा से नोएडा और दिल्ली तक का सफर कर सकेंगे।

-कॉरीडोर के बीच कुल 21 मेट्रो स्टेशन प्रस्तावित हैं।

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