पाक्सो कोर्ट के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में दाखिल होगी जमानत अर्जी

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि अनुसूचित जाति की नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक दुराचार के आरोपी की पाक्सो विशेष कोर्ट द्वारा ख़ारिज जमानत अर्जी के खिलाफ हाई कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल होगी।

Update:2019-02-12 20:17 IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि अनुसूचित जाति की नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक दुराचार के आरोपी की पाक्सो विशेष कोर्ट द्वारा ख़ारिज जमानत अर्जी के खिलाफ हाई कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल होगी। ऐसी अर्जी पोषणीय है। कोर्ट ने कहा कि एस सी एस टी एक्ट में विशेष अदालत गठित कर विचारण करने का कानून है और पाक्सो एक्ट में भी विशेष अदालत में नाबालिग के विरुद्ध अपराध की सुनवाई का अधिकार दिया गया है।

यदि एससी की नाबालिग लड़की के रेप केस में पाक्सो एक्ट की विशेष कोर्ट में अर्जी सुनी ग्ई है तो उस आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट में अर्जी दी जायेगी। यह आदेश न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने रिंकू की जमानत अर्जी पर दिया है। अगली सुनवाई 22 फरवरी को होगी। अर्जी पर अधिवक्ता राजीव लोचन शुक्ल व् चेतन चटर्जी ने न्यायमित्र के रूप में कोर्ट को सहयोग दिया।

रिंकू पर आरोप है कि 7 जुलाई 2017 को अपने दोस्त के साथ मिलकर नाबालिग लड़की के साथ दुराचार किया। घटना की प्राथमिकी सीजेएम के हस्तक्षेप के बाद 26 अगस्त 2017 को दर्ज की गयी। कोर्ट के समक्ष प्रश्न था कि एस सी एस टी एक्ट के अपराध में जमानत अर्जी निरस्त होने पर अपील हाई कोर्ट में होती हैतो जमानत अर्जी पोषणीय नही है। याची का कहना था पाक्सो एक्ट के तहत विशेष अदालत के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल होगी।

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