School Fee Hike in UP: नए सत्र में निजी स्कूल फीस में करेंगे भारी बढ़ोतरी, टेंशन में अभिवावक

Fee Hike: अगले साल से यूपी में बच्चों को पढ़ाने के लिए अधिक जेब ढ़ीली करनी होगी। राजधानी लखनऊ के लगभग तमाम निजी स्कूलों ने एलकेजी से लेकर 12वीं तक की फीस बढ़ाने का निर्णय लिया है।

Update:2022-12-17 14:21 IST
School Fee Hike in UP

School Fee Hike in UP (Social Media)

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Fee Hike: बढ़ती महंगाई और घटती आमदनी से त्रस्त लोगों को एक अगले वर्ष एक और बड़ा झटका लगने वाला है। अगले साल से यूपी में बच्चों को पढ़ाने के लिए अधिक जेब ढ़ीली करनी होगी। राजधानी लखनऊ के लगभग तमाम निजी स्कूलों ने एलकेजी से लेकर 12वीं तक की फीस बढ़ाने का निर्णय लिया है। ये इजाफा करीब 12 प्रतिशत तक का होगा। फीस में कितनी बढ़ोतरी की जाए, इसके लिए स्कूल प्रबंधन स्वतंत्र हैं। लखनऊ के प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन के इस निर्णय से अभिवावक खास कर मध्य और निम्म आर्य वर्ग के अभिवावक टेंशन में हैं।

अनएडेड प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन ने गुरूवार रात हुई बैठक में शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए 11.69 प्रतिशत शुल्क बढ़ाने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। एसोसिएशन ने अपनी तरफ से जारी बयान में कहा कि उत्तर प्रदेश शुल्क विनियमन अधिनियम 2018 के तय फॉर्मूले के मुताबिक ही फीस बढ़ाई जा रही है।

कोरोना के बाद सभी वस्तुओं के दाम बढ़ हैं। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) अधिक रहने के कारण निजी स्कूलों को तय मानक से अधिक फीस में बढ़ोतरी करनी पड़ रही है।

फीस वृद्धि के फैसले पर स्कूल प्रबंधन स्वतंत्र लेकिन..

अनएडेड प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने बताया कि यदि किसी स्कूल का प्रबंधन चाहता है की वह अपने यहां फीस में बढ़ोतरी न करे तो वे इसके लिए स्वतंत्र हैं। लेकिन अगर वे फीस बढ़ोतरी करते हैं तो उन्हें निर्धारित 11.69 प्रतिशत सीमा का पालन करना होगा।

इससे ज्यादा फीस बढ़ाने पर उन्हें अभिवावक एसोसिएशन को जानकारी देनी होगी। अग्रवाल ने बताया कि लखनऊ के बड़े स्कूल ने अपने यहां 5 से 10 प्रतिशत फीस बढ़ा रहे हैं।

अभिवावक कल्याण संघ ने जताई आपत्ति

प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन के फैसले का विरोध भी शुरू होने लगा है। अभिवावक कल्याण संघ ने निजी स्कूलों के फीस बढ़ोतरी के फैसले पर आपत्ति जताते हुए इसे उत्तर प्रदेश शुल्क विनियमन अधिनियम 2018 का उल्लंघन करार दिया है।

संघ का कहना है कि नियम के मुताबिक, डीएम की अध्यक्षता वाली कमेटी की सहमति के बाद ही निजी स्कूल फीस बढ़ा सकते हैं। ऐसे में इस फैसले की जांच होनी चाहिए।

बता दें कि अनएडेड प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन के तहत 250 स्कूल आते हैं। इसके अलावा जिले में निजी स्कूलों की संख्या 1 हजार के करीब है। इनमें चार से पांच लाख के करीब बच्चे पढ़ते हैं। 

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